check_iconFact Checked

गर्भावस्था का चौथा महीना- लक्षण, बच्चे का विकास और शारीरिक बदलाव

गर्भावस्था की पहली तिमाही खत्म होती है, तो गर्भवती को कुछ परेशानियों से राहत मिल जाती हैं। जी-मिचलाना व उल्टी आना जैसी समस्याएं पहले के मुकाबले कुछ हद तक कम हो जाती हैं। इस लिहाज से दूसरी तिमाही को गर्भवती महिला के लिए हैप्पी सीजन कहा जाता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आपको दूसरी तिमाही की शुरुआत यानी गर्भावस्था के चौथे महीने (13वें सप्ताह से 16वें सप्ताह) के बारे में कुछ जरूरी जानकारियां देंगे। इस लेख में चौथे महीने के लक्षण से लेकर खान-पान और सावधानियों तक के बारे में विशेष जानकारियां मिलेंगी।

In This Article

गर्भावस्था के चौथे महीने के लक्षण | 4 Mahine Ki Pregnancy

गर्भावस्था के चौथे महीने में जी मिचलाना व उल्टी आना आदि समस्याएं कम हो सकती हैं, लेकिन सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। बात की जाए चौथे महीने के लक्षणों की, तो उस बारे में नीचे बताया गया है। कुछ लोगों का मानना है कि ये चौथे महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण होते हैं, जबकि ऐसा नहीं है।

  • सीने में जलन (हर्टबर्न) : यह समस्या गर्भावस्था के चौथे महीने में भी देखने को मिल सकती है। ऐसा गर्भावस्था के दौरान निकलने वाले हार्मोन के चलते होता है।
  • भूख बढ़ जाना : इस महीने में भूख ठीक से लगने लगती है। यहां तक कि आपको थोड़ी-थोड़ी देर में ही भूख लगने लगेगी। इस वजह से आपका वजन भी बढ़ सकता है।
  • अपच : अपच की समस्या गर्भावस्था के चौथे महीने में ज्यादा होती है और कभी-कभी डिलीवरी तक जारी रह सकती है। ऐसे में गर्भवती को अक्सर कब्ज की परेशानी से दो-चार होना पड़ता है।
  • एनर्जी महसूस करना : पहली तिमाही की तरह चक्कर आना, उल्टी और जी मिचलाना की शिकायत नहीं रहती। इस वजह से आप अच्छा महसूस करेंगी और खुद में ज्यादा एनर्जी का अहसास होगा।

वापस ऊपर जाएँ

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शरीर में होने वाले बदलाव | pregnancy ka 4 mahina

चूंकि, यह गर्भावस्था का चौथा महीना है, इसलिए अब आपकी प्रेगनेंसी आपके बेबी बंप से झलकने लगेगी। आपको बेबी बंप नजर आना शुरू हो जाएगा। इसके अलावा, चौथे महीने में आपको नीचे बताए गए शारीरिक बदलाव नजर आएंगे :

त्वचा पर बदलाव : एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण आपकी त्वचा पर काफी असर पड़ता है। अगर आपको पहले से ही त्वचा पर झाइयां या तिल हैं, तो यह और गहरे रंग के हो जाएंगे। इन झाइयों को रोकने के लिए हर्बल सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकती हैं।

नाक पर सूजन : एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण गर्भावस्था के चौथे महीने में नाक पर सूजन आ जाती है, जिस कारण नाक बंद भी हो सकती है और नाक से खून भी आ सकता है। ऐसा कुछ ही महिलाओं के साथ होता है।

बवासीर : कई गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के चौथे महीने में बवासीर की समस्या होने लगती है। इससे बचने के लिए आप डॉक्टर से पूछकर कोई क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं।

आइए, अब जानते हैं कि गर्भ में 4 महीने के बच्चे का वजन कितना होता है।

वापस ऊपर जाएँ

गर्भावस्था के चौथा महीने में बच्चे का विकास और आकार

जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बढ़ता जाएगा, बच्चे की हलचल आप महसूस करने लगेंगी। हो सकता है कि गर्भावस्था के चौथे महीने में आपको पहली बार अपने बच्चे की हलचल का अहसास हो। बहरहाल, जानिए चौथे महीने तक गर्भ में शिशु का विकास कितना होता है :

  • गर्भ में शिशु की लंबाई करीब छह इंच और उसका आकार एक बड़े संतरे के करीब हो जाता है। वहीं, शिशु का वजन 113 ग्राम हो सकता है (1)
  • हालांकि, उसकी त्वचा अभी पतली है, लेकिन हड्डियां मजबूत होनी शुरू हो जाती हैं।
  • इस महीने में सिर, भौं और पलकों के बाल आने शुरू हो जाते हैं।
  • कानों का विकास शुरू हो जाता है और वह कुछ आवाजें भी सुन सकता है।

वापस ऊपर जाएँ

गर्भावस्था के चौथे महीने में देखभाल

चूंकि, गर्भावस्था के चौथे महीने में बच्चे का विकास और तेजी से होता है, इसलिए इस दौरान खास देखभाल की जरूरत होती है। खास देखभाल में सबसे पहले आएगा गर्भवती का खानपान। जानिए, चौथे महीने में गर्भवती को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए (2) :

वापस ऊपर जाएँ

गर्भावस्था के चौथे महीने में क्या खाएं?

  • फाइबरयुक्त भोजन : गर्भावस्था के चौथे महीने में कब्ज की समस्या आम है। इससे राहत पाने के लिए आप फाइबर युक्त भोजन खाएं, जैसे-साबुत अनाज, ओट्स, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि।
  • फैटी एसिड : शिशु को किसी तरह का दिमागी खतरा या समय पूर्व डिलीवरी का खतरा न हो, उसके लिए उचित मात्रा में फैटी एसिड का सेवन करें। गाय का दूध, मूंगफली, अंडे, मछली, स्ट्राबेरी व रसभरी आदि में यह प्रचुर मात्रा में मिलता है।
  • डेयरी उत्पाद : इस दौरान, आपको और आपके शिशु को भरपूर मात्रा में कैल्शियम की रूरत होती है। इसके लिए डेयरी उत्पाद, जैसे-दूध, दही, पनीर आदि का सेवन करें।
  • प्रोटीन युक्त आहार : दालें, चना, राजमा व सोयाबीन को प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना गया है। अगर आपको रुचि हो, तो इस दौरान आप खान-पान में मीट भी शामिल कर सकती हैं। ध्यान रहे कि आप जो भी मीट खाएं, वो अच्छी तरह से पका हुआ हो।
  • ताजे फल : ताजे फलों में भरपूर मात्रा में विटामिन और खनिज पाए जाते हैं, जो गर्भावस्था के लिए जरूरी हैं।
  • आयरन युक्त भोजन : आपके बढ़ते शिशु के लिए आयरन की ज्यादा मात्रा जरूरी है। इससे शिशु का विकास अच्छे से हो पाता है। इसलिए, खाने में दालें, पालक व सेब शामिल करें।

वापस ऊपर जाएँ

गर्भावस्था के चौथे महीने के दौरान न खाएं ये चीजें

एक ओर जहां गर्भावस्था में कुछ चीजों को अपने खान-पान में शामिल करना ही चाहिए, वहीं दूसरी ओर कुछ खाने की चीजों से परहेज करना भी जरूरी होता है। जानिए, गर्भावस्था के चौथे महीने में क्या नहीं खाना चाहिए:

1. सॉफ्ट चीज़ : सॉफ्ट चीज़ खाने से बचें, क्योंकि यह गैर पॉश्चयरकृत दूध से बनता है। इसमें ऐसे बैक्टीरिया होते हैं, जो शिशु को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

2. मैदा : गर्भवती महिला को कब्ज और अपच की समस्या बहुत होती है, इसलिए मैदे से बनी चीजें खाने से परहेज करें। मैदा आपके पाचन को खराब करता है, जिससे कब्ज जैसी समस्या हो सकती है।

3. उच्च मरकरी की मछली : गर्भावस्था में मछली खा सकते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि वह उच्च मरकरी की न हो। इससे बच्चे को नुकसान हो सकता है।

4. बाहर का खाना : आपका कितना भी दिल क्यों न करे, लेकिन गर्भावस्था में बाहर का खाना (स्ट्रीट फूड) न खाएं, क्योंकि यह किस तरह बनाए जाते हैं और बनाने के दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है या नहीं, इसकी शंका बनी रहती है। इस वजह से भोजन विषाक्तता की समस्या हो सकती है।

5. मुलेठी : गर्भावस्था में मुलेठी का अधिक सेवन करना बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इससे बच्चे का दिमागी विकास प्रभावित होता है।

वापस ऊपर जाएँ

गर्भावस्था के चौथे महीने के लिए व्यायाम

गर्भावस्था में व्यायाम करना गर्भवती और होने वाले बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते इसे ठीक से और प्रशिक्षक की निगरानी में रहकर किया जाए। नीचे हम बताने जा रहे हैं गर्भावस्था के चौथे महीने के दौरान कौन से व्यायाम कर सकते हैं :

1. सैर करना : गर्भावस्था में सैर करना लाभकारी साबित होता है। आप सुबह-शाम कुछ देर की सैर कर सकती हैं, जिससे आप न सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेगी, बल्कि मानसिक रूप से भी आपको अच्छा महसूस होगा। आप शुरुआत में 10 मिनट सैर करें, फिर इस समय को बढ़ाकर रोजाना आधे घंटे तक कर दें।

2. योग : गर्भावस्था में योगासन करने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आप किसी प्रशिक्षक की निगरानी में रहकर योगासन कर सकती हैं। इसके अलावा, आप सांसों के व्यायाम कर सकती हैं। गर्भ संस्कार के अन्तर्गत विभिन्न योग व ध्यान मुद्राएं आपके लिए सहायक हो सकती हैं। इन्हें आप विशेषज्ञ से सलाह लेकर शुरू कर सकती हैं।

3. तैराकी और पानी में एरोबिक्स : गर्भावस्था में तैराकी और पानी में एरोबिक्स करने की सलाह दी जाती है। इससे आपकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पेट को भी आराम मिलता है। रुचि होने पर एक्वाट्रैनर की सहायता लें।

4. धीरे-धीरे दौड़ना : अगर आपको पहले से दौड़ लगाने की आदत है, तो गर्भावस्था के इस दौर में भी इसे जारी रख सकती हैं, लेकिन इस हालत में धीरे-धीरे दौड़ें। अगर आपको थकान होने लगे तो दौड़ना बंद कर दें (3)एथलीट व स्पोर्ट्स से जुड़ी महिलाएं अपने कोच व डॉक्टर के परामर्श के अनुसार दौड़ व अन्य व्यायाम जारी रखकर फिट रह सकती हैं।

नोट : इस बात का ध्यान रखें कि आप ऐसा कोई भी व्यायाम न करें, जिससे आपके पेट पर दबाव पड़े। साथ ही सभी व्यायाम अपने डॉक्टर के परामर्श पर ही करें।

वापस ऊपर जाएँ

चौथे महीने गर्भावस्था के दौरान स्कैन और परीक्षण

आपकी गर्भावस्था बिल्कुल ठीक चलती रहे, उसके लिए समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराते रहना जरूरी है, ताकि किसी तरह की कोई समस्या आए, तो उसका समय रहते इलाज किया जा सके। बात करें गर्भावस्था के चौथे महीने की, तो इस दौरान नीचे बताई गई जांच कर सकते हैं :

  • गर्भवती का वजन और रक्तचाप की जांच।
  • गर्भाशय का आकार मापना।
  • शुगर और प्रोटीन के लिए यूरिन जांच।
  • भ्रूण के दिल की धड़कनों की जांच।

इन सामान्य जांच के अलावा डॉक्टर अन्य जांच करते हैं, जो इस प्रकार हैं :

  • अल्ट्रासाउंड : इससे यह जांचा जाता है कि भ्रूण सही तरह विकसित हो रहा है या नहीं। इसके अलावा, अल्ट्रासाउंड में यह भी देख सकते हैं कि गर्भ में एक बच्चा है या जुड़वां। वहीं, प्लेसेंटा की सही स्थिति अल्ट्रासाउंड में देखी जा सकती है।
  • इंटीग्रेटेड प्रीनेटल स्क्रीनिंग : डाउन सिंड्रोम जैसे विकारों का पता लगाने के लिए गर्भावस्था के चौथे महीने में इंटीग्रेटेड प्रीनेटल स्क्रीनिंग की जाती है।
  • एम्नियोसेन्टेसिस टेस्ट : यह टेस्ट गर्भावस्था के 15वें से 18वें सप्ताह में किया जाता है। अगर गर्भ में शिशु को किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने की शंका रहती है, तब यह जांच की जाती है।

वापस ऊपर जाएँ

गर्भावस्था के चौथे महीने के दौरान सावधानियां – क्या करें और क्या नहीं

गर्भावस्था के चौथे महीने से आपको और सावधानियां बरतने की जरूरत होगी, खासतौर से घर के काम करने के दौरान। यहां हम बता रहे हैं कि गर्भावस्था के चौथे महीने में क्या करना चाहिए और क्या नहीं :

  1. अपने वजन पर नजर बनाएं रखें : आप कितना खा रही हैं और उससे आपका कितना वजन बढ़ रहा है, इस बात का ध्यान रखें। इस बात को भूल जाएं कि गर्भावस्था में दो के बराबर खाना चाहिए। ऐसा करने से आपका वजन बढ़ेगा, जो डिलीवरी के दौरान कठिनाई पैदा कर सकता है। जो भी खाएं बस हेल्दी खाएं।
  1. बाईं करवट लेकर सोएं : सोते समय बाईं करवट लेकर सोएं। इससे रक्त प्रवाह ठीक रहता है और गर्भ में शिशु का विकास अच्छे से हो पाता है। आप अपनी सुविधा के लिए दोनों पैरों के बीच तकिया लगा सकती हैं (4)
  1. अपने साथ टिश्यू पेपर रखें : गर्भावस्था के चौथे महीने के दौरान नाक से खून आना व कान बंद हो जाना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके लिए आप अपने साथ टिश्यू पेपर रखें और जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करें।
  1. गर्भावस्था के कपड़े : जल्द ही आपके कपड़े अब तंग होने शुरू हो जाएंगे। अब आप ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनें।
  1. आराम है जरूरी : चूंकि, गर्भ में शिशु का विकास तेजी से हो रहा है, इसलिए आप जितना हो सके आराम करें।
  1. खूब पानी पिएं : इस दौरान आप खूब पानी पिएं और खुद को हाइड्रेट रखें। कोशिश करें दिन में आठ से 10 गिलास पानी जरूर पिएं। इसके अलावा, फाइबर युक्त भोजन खाएं।
  1. पेट के बल न सोएं : ऐसा करने पर गर्भ में पल रहे शिशु पर दबाव पड़ सकता है। इसके अलावा, भारी सामान उठाने से बचें।

वापस ऊपर जाएँ

होने वाले पिता के लिए टिप्स

गर्भावस्था को संभालने की जितनी जिम्मेदारी महिला की होती है, उतनी ही होने वाले पिता की भी होती है। इसलिए, यहां हम पिता के लिए भी कुछ टिप्स दे रहे हैं :

  1. संयम बरतें : गर्भवस्था के दौरान महिला में अनेक तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिस कारण वो चिड़चिड़ी हो सकती हैं और बात-बात पर गुस्सा आ सकता है। अपने साथी का ऐसा बर्ताव देखकर आप उसे समझने की कोशिश करें। इस घड़ी में संयम बरतें और साथी का साथ निभाएं।
  2. साथ में समय बिताएं : कुछ ही महीनों बाद आपके घर एक नन्हा मेहमान आ जाएगा। अगर यह आपकी पहली संतान है, तो जल्द ही आप दो से तीन हो जाएंगे। इसलिए, यह समय है अपने साथी के साथ कुछ पल अकेले में बिताने का। इससे आप दोनों को अच्छा लगेगा।

वापस ऊपर जाएँ

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

दूसरे तिमाही में गर्भपात की आशंका क्या है?

पहली तिमाही में गर्भपात होना आम है, लेकिन दूसरी तिमाही में आशंका कम होती है। दूसरी तिमाही में गर्भपात कई कारणों से हो सकता है, जैसे शराब पीना, धूम्रपान करना या कोई शारीरिक समस्या होना। इसलिए, ऐसी खाने की चीजों से दूर रहना चाहिए, जिससे शिशु को खतरा हो।

क्या चौथे महीने के दौरान यौन संबंध बना सुरक्षित है?

हां, अगर शुरुआती महीनों में आपको किसी तरह की समस्या नहीं आई है, तो चौथे महीने में यौन संबंध बनाना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इस दौरान पॉजिशन पर ध्यान देना चाहिए। चूंकि, इस महीने तक आपका पेट थोड़ा बढ़ने लग गया होगा, इसलिए कोशिश करें कि शारीरिक संबंध बनाते समय आप ऑन टॉप पॉजिशन (महिला का पुरुष के ऊपर आना) अपनाएं।

वापस ऊपर जाएँ

चूंकि, चौथे महीने से दूसरे तिमाही की शुरुआत होती है, ऐसे में कई महिलाओं को इस दौरान क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए कि जानकारी नहीं होती। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि हमारी दी गई जानकारियां आपके काम आएंगी। ऐसी ही और जानकारी के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।

References

MomJunction's articles are written after analyzing the research works of expert authors and institutions. Our references consist of resources established by authorities in their respective fields. You can learn more about the authenticity of the information we present in our editorial policy.

1. Fetal Growth And Development By South Dakota Department Of Health
2. Health Tips for pregnanct women By national institute for diabetes and digestive and kidney diseases
3. Pregnancy and exercise By Better Health Channel
4. Problems sleeping during pregnancy By Medline Plus

Was this article helpful?
thumbsupthumbsdown
The following two tabs change content below.