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- क्या बच्चों को प्याज देना सुरक्षित है?
- बच्चों को प्याज देना कब शुरू करें? | Bachoo ko Pyaj Dena Kab Shuru Kare
- प्याज के पोषक तत्व
- बच्चों के लिए प्याज के फायदे | Benefits of Onion for Babies in hindi
- क्या बच्चों को प्याज से एलर्जी हो सकती है?
- बेबी फूड के लिए प्याज कैसे चुनें और कैसे स्टोर करें?
- बच्चों को प्याज देने से पहले याद रखने योग्य बातें
- बच्चों को प्याज कैसे दें?
- बच्चे के लिए प्याज की टेस्टी रेसिपीज
बढ़ते बच्चों के लिए पौष्टिक तत्व युक्त खाद्य पदार्थ जरूरी है। इन में कई तरह के फल और सब्जियों के नाम शामिल हैं। इन्हीं में एक सामान्य, लेकिन जरूरी सब्जी ‘प्याज’ का नाम भी आता है। प्याज न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ा सकता है, बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी है। ऐसे में बच्चों के आहार में भी प्याज को शामिल करना फायदेमंद है या नहीं, इसकी जानकारी मिलेगी आपको मॉमजंक्शन के इस लेख में। बच्चों के डाइट में प्याज को कब शामिल करना चाहिए, इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हो सकते हैं, यहां पाठकों को ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब मिलेंगे। तो बच्चों को प्याज खिलाने से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए लेख को पूरा पढ़ें।
इस लेख में सबसे पहले जानेंगे कि बच्चों के लिए प्याज कितना सुरक्षित है।
क्या बच्चों को प्याज देना सुरक्षित है?
जी हां, बच्चों को प्याज देना सुरक्षित हो सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि घरेलू उपाय के तौर पर प्याज और शक्कर मिलाकर देना बच्चों के सर्दी-जुकाम के लिए लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, प्याज और चीनी के सेवन से बच्चे का न सिर्फ हाइट बढ़ सकता है, बल्कि यह पेट में मौजूद कीड़े के लिए भी असरदार हो सकता है (1)। इतना ही नहीं, बच्चों के कॉम्प्लीमेंट्री आहार में भी प्याज को शामिल किया गया है (2)। इस आधार पर माना जा सकता है कि बच्चे के फिंगर फूड या कॉम्प्लीमेंट्री फूड के तौर पर प्याज का सेवन सुरक्षित हो सकता है।
आगे जानिए, बच्चों को किस उम्र से प्याज देना शुरू कर सकते हैं।
बच्चों को प्याज देना कब शुरू करें? | Bachoo ko Pyaj Dena Kab Shuru Kare
शिशु के 6 महीने का होने के बाद उन्हें कॉम्प्लीमेंट्री आहार के रूप में दूसरे खाद्य पदार्थों के साथ प्याज देना शुरू कर सकते हैं (3)। बता दें कि बच्चे के 6 महीने के होने के बाद जब उन्हें मां के दूध और (2)
फॉर्मूला मिल्क के साथ ही अन्य ठोस आहार दिए जाते हैं, तो उन्हें ही कॉम्प्लीमेंट्री फूड कहा जाता है (4)।
ऐसे में इस दौरान शुरुआत में हमेशा कम मात्रा में ही प्याज को शामिल करें। बच्चे के कॉम्प्लीमेंट्री फूड रेसिपीज में 10 ग्राम तक यानी दो से तीन छोटा चम्मच प्याज शामिल किया जा सकता है (2)। बच्चे को प्याज वाला आहार देने के बाद कुछ दिनों तक इंतजार करें, अगर बच्चे में एलर्जी की किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं होती है तो धीरे-धीरे इसकी मात्रा को बढ़ा सकते हैं। हालांकि, बेहतर है छोटे बच्चे के आहार में प्याज को शामिल करने से पहले इसकी मात्रा के बारे में डॉक्टर से भी सलाह ली जाए।
चलिए, अब जान लेते है कि प्याज में कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
प्याज के पोषक तत्व
प्याज गुणों का खजाना होता है। यह कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिससे शरीर को बीमारी से बचाने में मदद मिल सकती है। यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) के अनुसार, प्याज के पोषक कुछ इस प्रकार हैं (5):
- प्रति 100 ग्राम प्याज में 89.11 ग्राम पानी, 40 किलो कैलोरी ऊर्जा और 1.1 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है।
- प्याज के प्रत्येक 100 ग्राम मात्रा में कुल लिपिड (फैट) 0.1 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 9.34 ग्राम,फाइबर 1.7 ग्राम और शुगर 4.24 ग्राम पाया जाता है।
- हर 100 ग्राम प्याज में 23 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.21 मिलीग्राम आयरन, 10 मिलीग्राम मैग्नीशियम और 29 मिलीग्राम फास्फोरस मौजूद होता है।
- इसके 100 ग्राम मात्रा में पोटेशियम 146 मिलीग्राम, सोडियम 4 मिलीग्राम, जिंक 0.17 मिलीग्राम, मैंगनीज 0.129 मिलीग्राम और सेलेनियम 0.5 माइक्रोग्राम की मात्रा होती है।
- प्रति 100 ग्राम प्याज में 7.4 मिलीग्राम विटामिन सी और 2 आईयू विटामिन-ए की मात्रा पाई जाती है।
- प्रति 100 ग्राम प्याज में 19 माइक्रोग्राम फोलेट की मात्रा पाई जाती है।
- इसके साथ ही प्याज में कुछ मात्रा में थियामिन, नियासिन, राइबोफ्लेविन, फ्लोराइड, जिंक, कॉपर और फैटी एसिड भी पाए जाते हैं।
आइए, अब लेख के इस भाग में जानते हैं कि बच्चों के लिए प्याज खाने के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।
बच्चों के लिए प्याज के फायदे | Benefits of Onion for Babies in hindi
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि प्याज में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिससे कि इसके सेवन से बच्चों को अनेक स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। ये फायदे कुछ इस प्रकार हैं:
1.मधुमेह के जोखिम को कम करे
प्याज के सेवन से बच्चे में मधुमेह के जोखिम को कम किया जा सकता है (1)। इस संबंध में पब्लिश मेडिकल रिसर्च की मानें, तो प्याज के अर्क में एंटी-डायबिटिक प्रभाव होता है, जो प्लाज्मा ग्लूकोज के स्तर को कम करने का काम कर सकता है। इससे रक्त में शुगर की मात्रा को बढ़ने से रोका जा सकता है (6)। ऐसे में ब्लड ग्लूकोज के स्तर को संतुलित रखने के लिए और मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए प्याज का उपयोग लाभकारी हो सकता है।
2.बुखार को कम करने के लिए
प्याज का उपयोग बच्चों के बुखार को कम करने के लिए भी किया जा सकता है। इस विषय में हुए एक शोध के मुताबिक, कई गांव में प्याज का इस्तेमाल बुखार से राहत पाने के लिए किया जाता है (7)। वहीं, जानकारों के अनुसार, प्याज के लाभ और गुणों में इस बात का जिक्र मिलता है कि प्याज को बुखार के उपचार में इस्तेमाल कर सकते हैं (8)। फिलहाल, अभी इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है, जिससे कि बुखार के लिए प्याज के गुण का पता चल सके। वहीं, अगर बच्चे के बुखार की समस्या गंभीर हो तो घरेलू उपाय पर निर्भर न करते हुए डॉक्टरी इलाज को प्राथमिकता दें।
3.प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए
बच्चों को प्याज देने पर उनके प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती मिल सकती है। दरअसल, प्याज को इम्यून बूस्टिंग खाद्य पदार्थों की लिस्ट में शामिल किया गया है। प्याज में क्वेरसेटिन (Quercetin) और एलिसिन (Allicin) जैसे ऑर्गेनोसल्फर (Organosulfur) यौगिक होते हैं, जो वायरल संक्रमण से बचाव करने में सहायक हो सकते हैं (9)। प्याज के फायदे यहीं तक सीमित नहीं है। प्याज में मौजूद यौगिक में एंटी कैंसर, एंटीथ्रॉम्बोटिक (Antithrombotic- खून के थक्के जमने से बचाव), एंटी अस्थमैटिक, एंटीबायोटिक प्रभाव मौजूद हैं, जो बीमारियों से बचाव में सहायक हो सकते हैं (10)।
4.पोषक तत्वों से भरपूर
बढ़ते बच्चों को सही विकास के लिए पोषक तत्वों की खास आवश्यकता होती है। इनमें आयरन, विटामिन, प्रोटीन कैल्शियम व् अन्य पोषक तत्व शामिल हैं (11)। वहीं, इनकी पूर्ति के लिए माता-पिता बच्चों को अन्य पौष्टिक आहार के साथ प्याज भी दे सकते हैं। प्याज में विटामिन सी, प्रोटीन, फोलेट मौजूद होते हैं। साथ ही इसमें फाइबर भी मौजूद होता है (5)। बता दें कि फाइबर का संतुलित मात्रा में सेवन बच्चों में कब्ज की समस्या से बचाव करने में सहायक हो सकता है (12)। इस आधार पर कह सकते हैं कि प्याज न सिर्फ बच्चों के खाने का स्वाद बढ़ा सकता है, बल्कि आहार की गुणवत्ता को बढाकर उन्हें पोषण भी प्रदान कर सकता है।
5.मौखिक स्वास्थ्य के लिए
प्याज के फायदे में मौखिक स्वास्थ्य को भी शामिल किया जा सकता है। इससे जुड़ी मेडिकल रिसर्च की मानें, तो प्याज के अर्क में एंटीमाइक्रोबियल और एंटिफंगल गुण होते हैं, जो कि दांतों को खराब करने वाले मुंह के बैक्टीरिया को नष्ट करने या उनसे बचाव में सहायक हो सकते हैं (13)। ऐसे में यह मान सकते हैं कि बच्चे के स्वस्थ दांतों के लिए आहार में प्याज को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
अब हम बताने जा रहे हैं कि बच्चों को प्याज से एलर्जी हो सकती है या नहीं।
क्या बच्चों को प्याज से एलर्जी हो सकती है?
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, बच्चों को प्याज से एलर्जी की समस्या हो सकती है। इस शोध के दौरान कुछ बच्चों को प्याज दिया गया, जिसके परिणाम स्वरूप बच्चों में एलर्जी की समस्या देखी गई (14)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि प्याज के सेवन से बच्चों को एलर्जी हो सकती है।
इस लेख के अगले हिस्से में हम बच्चों के खाद्य पदार्थ के लिए प्याज का चयन और स्टोर करने के बारे में बताएंगे।
बेबी फूड के लिए प्याज कैसे चुनें और कैसे स्टोर करें?
बच्चों के लिए सही प्याज का चयन करना और उसे अधिक समय तक स्टोर करके रखना एक चुनौती साबित हो सकती है। इस चुनौती को दूर करने के लिए लेख के इस भाग में प्याज के चयन और स्टोर करने का तरीका बता रहे हैं:
प्याज का चयन :
- प्याज का छिलका गीला नहीं होना चाहिए।
- ध्यान रहे प्याज को छूने से अंदर नरम न हो। अगर अंदर से नरम महसूस होता है, तो उस प्याज का चयन न करें।
- कटे और फटे प्याज के चयन से बचें।
- अगर प्याज के ऊपरी भाग में हरा रंग दिखाई दे रहा है, तो उसे न खरीदें।
- अगर प्याज से खराब गंध आ रही है, तो ऐसे प्याज के चयन से बचें।
- बच्चों के आहार में प्याज को शामिल करने से पहले, एक बार उसे टेस्ट करें। कोशिश करें कि बच्चों के आहार में शामिल करने वाले प्याज में थोड़ा मीठापन हो तो बेहतर है।
स्टोर करने का तरीका :
- प्याज को बास्केट में डालकर किचन में किसी कोने में रख सकते हैं। ध्यान रहे कि प्याज को हवा मिलती रहे।
- इसे जमीन पर कपड़ा बिछाकर भी रखा जा सकता है।
- प्याज को फ्रीज में भी रखा जा सकता है, पर इससे प्याज का स्वाद प्रभावित हो सकता है।
चलिए, अब जान लेते है बच्चों को प्याज देने से पहले ध्यान देने वाली कुछ जरूरी बातों के बारे में।
बच्चों को प्याज देने से पहले याद रखने योग्य बातें
बच्चों को प्याज देने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी होता है, जो कुछ इस प्रकार हैं:
- आहार में प्याज को उपयोग करने से पहले इसे अच्छी तरह धो लें।
- कभी भी बासी या लंबे वक्त तक कटा हुआ रखा प्याज उपयोग न करें।
- बच्चे के आहार में प्याज प्यूरी या मैश के रूप में उपयोग करें। उनके लिए बनाए जा रहे आहार में प्याज को अच्छी तरह मैश करके डालें। चाहें तो प्याज को कुरकुरा भून कर के भी डाल सकते हैं।
- शुरुआत में उन्हें बहुत ही कम मात्रा में दें और अगर प्याज देने के बाद बच्चों को एलर्जी होती है, तो उन्हें प्याज देना बंद कर दें।
- बच्चों को प्याज का जड़ यानि गाठ वाला हिस्सा न दें।
- अगर बच्चों को प्याज के टुकड़े दे रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखने कि प्याज बारीक कटा हुआ हो और पूरी तरह से नर्म हो, ताकि बच्चे के गले में प्याज अटके न।
आगे हम बच्चों को प्याज किस तरह दे सकते हैं, इसकी जानकारी देने जा रहे हैं।
बच्चों को प्याज कैसे दें?
बच्चों के आहार में प्याज को कई तरह से शामिल किया जा सकता है, जिनमें से कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
- बच्चों को वेजिटेबल और प्याज से बने सूप दे सकते हैं।
- बच्चों के लिए बनाए जा रहे वेजिटेबल प्यूरी में प्याज का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- उन्हें खाने के लिए अनियन रिंग्स भी दे सकते हैं।
- बच्चों के आहार में प्याज के पराठे भी शामिल किया जा सकता है।
- इसे दही के साथ रायता में मिलाकर दे सकते हैं।
अब हम बच्चों के लिए प्याज से बने कुछ लजीज रेसिपीज बता रहे हैं।
बच्चे के लिए प्याज की टेस्टी रेसिपीज
1.अनियन रिंग्स
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सामग्री:
- दो से तीन प्याज मीडियम साइज
- एक कप बेसन
- आधा चम्मच नमक
- चुटकी भर हल्दी
- आवश्यकता अनुसार पानी
- फ्राई करने के लिए तेल
- एक बाउल
बनाने की विधि:
- सबसे पहले एक बाउल में बेसन, हल्दी और नमक को अच्छी तरह से मिलाएं।
- अब इसमें पानी डालकर घोल बना लें।
- इसके बाद प्याज को गोल-गोल स्लाइस कर रिंग्स की तरह काट लें।
- फिर सभी स्लाइस को अलग कर लें।
- अब इन रिंग्स को बेसन के बैटर में डालें।
- इस बीच एक पैन में तेल गर्म करें।
- अब थोड़े-थोड़े अनियन रिंग्स को निकालकर गर्म तेल में तलें।
- अच्छी तरह फ्राई होने के बाद इसे एक बर्तन में निकाल लें और थोडा ठंडा होने दें।
- अब इसे बच्चों को सॉस के साथ खाने के लिए दे सकते हैं।
2.प्याज का पराठा
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सामग्री:
- दो कप गेहूं का आटा
- दो बारीक कटे हुए प्याज
- आधा कप बारीक कटा हरा धनिया
- नमक स्वादानुसार
- आवश्यकतानुसार पानी
- घी या तेल आवश्यकतानुसार
- एक मध्यम आकार का बर्तन
बनाने की विधि :
- पराठा बनाने के लिए सबसे पहले एक मध्यम आकार के बर्तन में आटा को छन्नी से छान लें।
- अब इसमें नमक और एक चम्मच घी डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
- फिर इसमें प्याज, धनिया और आवश्यकतानुसार पानी डालकर आटे को गूंथ लें।
- अब इसे थोड़ी देर के लिए सेट होने के लिए रख दें।
- अब आटे की लोई बनाएं और इसे गोल बेल लें।
- फिर तवा पर तेल गर्म करें और बेले हुए पराठे को तवा पर सेंके।
- एक तरफ जब पराठा पक जाए तो पराठे को पलटे और दूसरी तरफ भी सेंके।
- दोनों तरफ सिकने के बाद पराठे को प्लेट में निकाल लें और थोड़ा ठंडा होने के बाद बच्चों को दही या सॉस के साथ दे सकते हैं।
3.प्याज का सूप
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सामग्री:
- तीन प्याज
- एक चौथाई कप कद्दूकस किया हुआ चीज
- आधा चम्मच बारीक कटा हुआ लहसुन
- दो चम्मच तेल
- दो चम्मच बटर
- स्वादानुसार नमक
- कुछ ब्रेड के टुकड़े ब्रेड
- एक गिलास पानी
- एक चम्मच बारीक कटा हर धनिया
बनाने की विधि :
- इस सूप को बनाने के लिए सबसे पहले कढ़ाई में बटर गर्म करें।
- फिर इसमें ब्रेड के टुकड़ों को डालकर थोड़ी देर फ्राई करें।
- अब ब्रेड के टुकड़े को प्लेट पर निकाल लें।
- अब एक प्याज को बारीक काट लें और दो प्याज को लंबे-पतले टुकड़ों में काट लें।
- पतले कटे प्याज को एक कटोरी साफ पानी में भिगोकर रख लें।
- फिर एक दूसरे बर्तन में तेल को डालकर हल्का गर्म करें और फिर इसमें बारीक कटे प्याज को भूरा होने तक भूनें।
- ध्यान रहे कि प्याज जले नहीं।
- प्याज फ्राई होने के बाद लहसुन को डालें और लगभग 2 मिनट तक मध्यम आंच में फ्राई करते रहें।
- आप चाहें तो बच्चे के लिए इसमें अन्य हरी सब्जियां जैसे – गाजर, शिमला मिर्च, आलू भी डाल सकते हैं।
- अब इसमें पानी में भिगोए प्याज को पानी के साथ डालें और स्वादानुसार नमक डालें।
- कुछ देर इसे धीमी आंच पर पकने दें और जब प्याज नर्म होने लगे तो इसी बीच कद्दूकस किया हुआ चीज इसमें मिला दें।
- जब सूप में उबाल आ जाए तो गैस बंद कर दें।
- इसके बाद सूप को बाउल निकाल कर, उसमें हरा धनिया और ऊपर से ब्रेड के कुछ टुकड़े डालकर सर्व कर सकते हैं।
नोट: ऊपर बताए गए रेसिपी में मौजूद किसी भी सामग्री से अगर बच्चे को एलर्जी हो तो उसे आहार में शामिल न करें। ये रेसिपी बच्चे के 8-9 महीने का होने के बाद उन्हें दे सकते हैं। साथ ही सब्जियों और बर्तनों के उपयोग से पहले उन्हें अच्छी तरह से धोएं।
तो ये थे बच्चों के लिए प्याज से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियां। इसे सही मात्रा में लिया जाए, तो यह हर उम्र के लोगों के लिए लाभकारी हो सकता है। प्याज की अधिक सेवन से कुछ जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं, पर अधिकतर इसे फायदेमंद ही माना जाता है। अगर मन में अब भी किसी प्रकार की दुविधा हो तो इसे छोटे बच्चों के आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टरी सलाह लेना उचित होगा। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके काम आएगी। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहिए मॉमजंक्शन की वेबसाइट से।
References:
2. NUTRITIOUS RECIPES FOR COMPLEMENTARY FEEDING OF INFANTS AND YOUNG CHILDREN By WCD
3. Complementary Feeding Family foods for breasged children By Citesreex
4. Foods and Drinks for 6 to 24 Month Olds By CDC
5. Onions, raw By USDA
6. The antidiabetic effect of onion and garlic in experimental diabetic rats: meta-analysis By NCBI
7. Onion breeding program in turkey By USDA
8. Extraction of antioxidant phytoconstituents from onion waste By Phytojournal
9. Immunity boosting diet during Covid 19 By Pharmascope
10. Onions–a global benefit to health By NCBI
11. Feeding patterns and diet – children 6 months to 2 years By Medlineplus
12. Constipation in infants and children By Medlineplus
13. Onion: nature protection against physiological Threats By Academia
14. Garlic and onion sensitization among Saudi patients screened for food allergy: a hospital based study By NCBI