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शिशुओं की रूखी त्वचा के कारण, लक्षण व घरेलू उपाय | Baby ki Dry Skin Care In Hindi

बच्चों की त्वचा काफी नाजुक होती है, इसलिए उनकी विशेष देखभाल करना जरूरी है। ऐसा न करने पर त्वचा संबंधी समस्याएं होने का जोखिम बना रहता है। इन जोखिमों में से एक बच्चों की त्वचा का रूखापन यानी ड्राई स्किन भी है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनकी जानकारी होना जरूरी है। इसी वजह से मॉमजंक्शन के इस लेख में हम शिशु की रूखी त्वचा पर चर्चा करेंगे। यहां हम बताएंगे कि शिशु की रूखी त्वचा के कारण और लक्षण क्या हैं। साथ ही रूखी त्वचा के घरेलू उपाय भी आप यहां जान पाएंगे।

लेख में सबसे पहले जानते हैं कि ड्राई स्किन क्या है।

In This Article

रूखी त्वचा या ड्राई स्किन क्या है?

रूखी त्वचा एक सामान्य स्थिति है, जो स्ट्रेटम कॉर्नियम (Stratum Corneum) में नमी की कमी की वजह से हो सकती है। स्ट्रेटम कॉर्नियम, त्वचा की ऊपरी परत को कहते हैं। जब इस परत में पानी और नमी की कमी होने लगती है, तो त्वचा रूखी या ड्राई हो जाती है (1)

स्क्रॉल करके जानें शिशुओं की त्वचा रूखी क्यों होती है।

शिशुओं की रूखी त्वचा के कारण क्या हैं?

शिशुओं की रूखी त्वचा के कई कारण हो सकते हैं। यहां हम उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।

1. स्ट्रेटम कॉर्नियम में कम नमी होना: जैसा की हमने ऊपर जाना कि स्ट्रेटम कॉर्नियम यानी त्वचा की ऊपरी परत में नमी का स्तर कम होने के कारण त्वचा रूखी हो सकती है (1)

2. गर्म पानी से नहाना: ऐसा माना गया है कि यदि शिशुओं को गर्म पानी से नहाया जाता है या फिर उन्हें बबल बाथ दिया जाता है, तो उनकी त्वचा ड्राई हो सकती है। इसी वजह से शिशु को नहलाते समय खास ध्यान देना चाहिए (2)

3. अधिक शैम्पू का उपयोग: एक शोध में इस बात की पुष्टि होती है कि यदि बच्चों को बार-बार शैम्पू से नहाया जाता है, तो उनकी स्कैल्प की स्किन ड्राई हो सकती है (3)

4. मौसम में परिवर्तन: शिशुओं की रूखी त्वचा का एक कारण मौसम में बदलाव भी हो सकता है। अधिक तापमान, सर्द हवाएं, ठंड और ह्यूमिडिटी, ये सभी शिशुओं की रूखी त्वचा का कारण बनते हैं (4)

यहां पढ़ें कि बच्चों की रूखी त्वचा के क्या लक्षण हो सकते हैं।

शिशुओं की रूखी त्वचा के लक्षण

शिशु की त्वचा रूखी होने पर कई लक्षण नजर आते हैं। ये लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं (2) (5):

  • त्वचा का पपड़ीदार होना
  • लाल चकत्ते दिखना
  • त्वचा पर खुजली होना
  • स्किन का फटना
  • त्वचा का छिलना
  • खुरदरी त्वचा
  • त्वचा में दरार पड़ना और खून बहना

बच्चों की रूखी त्वचा दिखने में कैसी होती है, यह आगे जानिए।

शिशुओं की रूखी त्वचा देखने में कैसी लगती है?

Baby ki Dry Skin Care In Hindi

Image: Shutterstock

रूखी त्वचा पर खुरदरापन, पपड़ी, महीन रेखाएं या दरार दिखाई देने लगती हैं। त्वचा के कई स्थानों पर ड्राई स्पॉट भी बन सकते हैं। ऐसा विशेष रूप से हाथ, पैर, आर्म्स, चेहरे, होंठ और पैर के निचले हिस्से पर होता है (5)

नीचे स्क्रॉल करें और जानें कि ड्राई स्किन और एक्जिमा में क्या अंतर होता है।

शिशुओं में रूखी त्वचा और एक्जिमा में अंतर

शिशुओं की रूखी त्वचा और एक्जिमा के कुछ लक्षण सामान्य होते हैं, लेकिन दोनों स्थिति अलग होती हैं। लेख में आगे हम कुछ बिंदुओं के माध्यम से इसके अंतर को समझा रहे हैं ।

  • सबसे पहला अंतर तो यही है कि एक्जिमा इंफ्लेमेटरी स्किन डिजीज है, जबकि त्वचा रूखी होना किसी तरह की बीमारी नहीं है। हां, एक्जिमा के कारण भी स्किन रूखी हो सकती है (6)
  • एक्जिमा होने पर त्वचा में सूजन भी हो सकती है और लाल या गुलाबी चकत्ते दिख सकते हैं (7) वहीं, रूखी त्वचा में सिर्फ खुरदरी और पपड़ीदार परत दिखाई देती है (5)
  • एक्जिमा का प्रमुख कारण जीन में परिवर्तन और स्किन की प्रोटेक्टिव परत का डैमेज होना माना जाता है (7)। लेकिन, त्वचा के रूखेपन का प्रमुख कारण त्वचा की ऊपरी परत में नमी की कमी होना है (5)
  • बच्चों के शरीर का कोई भी हिस्सा रूखा हो सकता है। खासतौर पर इससे हाथ, पैर, आर्म्स और पैर के निचले हिस्से प्रभावित होते हैं (5)। एक्जिमा की बात करें, तो यह हथेली, कोहनी के अंदरूनी हिस्से, गर्दन के पिछले हिस्से और तलवे को भी प्रभावित कर सकता है (6)

आगे पढ़ें बच्चों की त्वचा को रूखी होने से किस तरीके से बचाव किया जा सकता है।

शिशुओं को रूखी त्वचा के लिए कुछ असरदार टिप्स | baby ki dry skin care in hindi

कुछ उपायों को अपनाकर शिशुओं की रूखी त्वचा से बचा जा सकता है। ये टिप्स हम नीचे क्रमवार बता रहे हैं (2) (5)

  • बच्चे को अधिक समय तक न नहलाएं : जैसा की हमने ऊपर बताया कि बच्चों को अधिक समय तक नहलाते रहने से भी त्वचा ड्राई हो सकती है। ऐसे में बच्चों को जितना जल्दी हो सके नहला कर पोंछ दें।
  • गर्म पानी का उपयोग न करें : गर्म पानी का उपयोग करने के बजाय बच्चे को नहलाने का पानी सामान्य तापमान वाला ही रखें, क्योंकि गर्म पानी के कारण त्वचा रूखी हो सकती है।
  • सही साबुन का उपयोग करें : केमिकल युक्त साबुन का उपयोग करने से बच्चे की त्वचा रूखी हो सकती है। इसलिए, बच्चे को नहाने के लिए उसकी त्वचा के अनुकूल प्राकृतिक बेबी साबुन का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।
  • शैम्पू का सीमित उपयोग : शैम्पू का अधिक उपयोग करने से भी बच्चे की त्वचा ड्राई हो सकती है, इसलिए हमेशा कम मात्रा में शैम्पू का उपयोग करना चाहिए।
  • नहलाने के बाद बच्चे को रगड़कर पोछने से बचें : बच्चे को पोछने और लपेटने के लिए हमेशा नरम और मुलायम तौलिए का उपयोग करें और उसे हमेशा थपथपाकर ही शरीर का पानी सुखाएं। बच्चे को रगड़कर पोछने से उसके स्किन रूखी हो सकती है।
  • मॉइस्चराइजिंग क्रीम: बच्चे की ड्राई स्किन की समस्या से राहत पाने के लिए नहाने के तुरंत बाद मॉइस्चराइजिंग क्रीम या लोशन लगाएं।
  • कॉटन के कपड़े पहनाएं : बच्चे को हमेशा नरम और मुलायम कॉटन के कपड़े ही पहनाने चाहिए। इससे उसकी त्वचा छिलने और ड्राई होने से बची रहती है।

अब जानें कि शिशुओं को रूखी त्वचा से बचाने के लिए घरेलू उपाय कारगर हैं या नहीं।

शिशुओं की रूखी त्वचा ठीक करने के लिए घरेलू उपाय | dry skin remedies for babies in hindi

कुछ घरेलू उपायों की मदद से शिशु की रूखी त्वचा की समस्या को कुछ हद तक कम करने में मदद मिल सकती है। इन घरेलू उपाय के बारे में लेख में आगे बढ़ते हुए पढ़िए।

1. तेल की मालिश: बच्चों को समय-समय पर सूरजमुखी के तेल या जैतून के तेल से हल्की मालिश करें। इससे ड्राई स्किन की समस्या कुछ हो सकती है (8)

2. एमोलिएंट्स: एक्जिमा के कारण होने वाली ड्राई स्किन की समस्या को कम करने के लिए एमोलिएंट्स युक्त सामग्री जैसे मक्खन का इस्तेमाल किया जा सकता है। एमोलिएंट्स त्वचा को नरम बनाने में मदद करते हैं (9)

3. घी: आयुर्वेद के अनुसार, घी का उपयोग त्वचा संबंधी समस्याओं में फायदेमंद हो सकता है। बताया जाता है कि त्वचा को रूखेपन से बचाने के लिए घी को नियमित रूप से मॉइस्चराइजिंग क्रीम की तरह लगाया जा सकता है। साथ ही यह घाव, संक्रमण, त्वचा पर होने वाली दरारें और सूजन से भी राहत दिला सकता है (10)

4. ओटमील बाथ: ओटमील में पाए जाने वाले मॉइस्चराइजिंग, क्लींजिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव रूखी त्वचा की समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। ऐसे में शिशुओं की रूखी स्किन में ओटमील लगाया या फिर उन्हें ओटमील बाथ दे सकते हैं (11)

5. शहद: डायपर की वजह से होने वाले रैशेज और रूखी त्वचा के लिए शहद भी उपयोगी हो सकता है। इसमें मौजूद हीलिंग प्रभाव और मॉइस्चराइजिंग गुण के कारण इसे बच्चों की ड्राई स्किन के लिए भी अच्छा माना गया है (12)

लेख के अंत में हम बता रहे हैं कि बच्चे की रूखी त्वचा से कैसे बचाव कर सकते हैं।

शिशुओं की रूखी त्वचा से कैसे बचाव करें?

बच्चों की रूखी त्वचा से बचाव करने के लिए इन बातों का ध्यान रखें (5):

  • दिन में 2 से 3 बार क्रीम या लोशन से त्वचा को मॉइस्चराइज करें
  • अल्कोहल, केमिकल और फ्रेगनेंस युक्त साबुन को कहें ना
  • बच्चों को समय-समय पर दूध या पानी पिलाते रहें
  • त्वचा को स्क्रब न करें
  • गर्म पानी का उपयोग न करना
  • मॉइस्चराइजर युक्त सही साबुन का इस्तेमाल करें
  • रोजाना तेल से मालिश
  • दिन में बार-बार और अधिक समय के लिए न नहाए

बच्चे की कोमल त्वचा का ध्यान भी बड़ी ही सावधानी और कुशलता से रखना चाहिए। ऐसा करके शिशु को त्वचा संबंधी समस्याओं से बचाया जा सकता है। फिर भी अगर बच्चों की स्किन रूखी हो जाती है, तो आप लेख में दिए गए टिप्स और घरेलू उपायों को अपनाकर समस्या को बढ़ने से रोक सकते हैं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि शिशु की रूखी त्वचा की समस्या कुछ समय में ठीक नहीं होती, तो शीघ्र डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

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