check_iconFact Checked

पीआईडी (श्रोणि में सूजन) के कारण, लक्षण व उपचार | Pelvic Inflammatory Disease (PID) Kya Hai

महिलाओं को अपने पूरे जीवन में कई शारीरिक, मानसिक और हार्मोनल उतार चढ़ाव से गुजरना पड़ता है। इसमें कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं, जो सीधे उनके प्रजनन अंगों को प्रभावित करती हैं। इन्हीं में एक बीमारी है पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी), जिसे श्रोणि में सूजन भी कहा जाता है। भारत में लगभग 3 से 10 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से ग्रसित होती हैं (1)मॉमजंक्शन के इस लेख में हम इसी समस्या के बारे में विस्तार से बात करेंगे। यहां आप जानेंगे कि पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज क्या है और इसके लक्षण क्या होते हैं। साथ ही आप पीआईडी रोग का उपचार भी जान पाएंगे।

लेख के पहले भाग में जानिए कि पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज क्या होता है।

In This Article

पीआईडी या श्रोणि में सूजन क्या है? | PID Kya Hai

PID Kya Hai

Image: Shutterstock

पीआईडी या श्रोणि में सूजन महिलाओं के प्रजनन अंग (रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स) में होने वाला संक्रमण है। यह संक्रमण उनके गर्भाशय, अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब में हो सकता है। संक्रमण के कारण इन अंगों में घाव हो सकता है (2)। इस समस्या से ग्रसित होने वाली हर 8 में से 1 महिला को गर्भधारण करने में समस्या हो सकती है (3)

आगे जानिए कि श्रोणि में सूजन आने का ज्यादा खतरा किसे होता है।

किसे पीआईडी होने की आशंका ज्यादा होती है?

वैसे तो यह बीमारी किसी को भी हो सकती है, लेकिन कुछ महिलाएं इसकी चपेट में जल्दी आ जाती हैं। इस बारे में नीचे बताया गया है (4) :

  • जिसने गोनोरिया या क्लैमाइडिया (एक तरह के यौन संचारित संक्रमण) ग्रस्त व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाए हों।
  • जिसने विभिन्न लोगों के साथ यौन संबंध बनाए हों।
  • जो महिला पहले यौन संचारित संक्रमण से ग्रस्त हो चुकी हो।
  • जिसे हाल ही में या पहले पीआईडी हो चुका हो।
  • जो अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (Intrauterine Contraceptive Device) का उपयोग करती हों और गोनोरिया या क्लैमाइडिया से संक्रमित हुई हों ।
  • जिसने 20 साल की उम्र से पहले शारीरिक संबंध बनाए हों।

लेख के अगले भाग में आप श्रोणि में सूजन के लक्षणों के बारे में जानेंगे।

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के क्या लक्षण हैं?

कुछ मामलों में पीआईडी बिना किसी लक्षण के भी हो सकता है जैसे क्लैमाइडिया के कारण होने वाला पीआईडी। वहीं, इसके कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं (4) :

  • पेल्विक एरिया, निचले पेट या निचली पीठ में दर्द होना।
  • योनि से असामान्य रंग, टेक्सचर या गंध का स्त्राव होना।

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कुछ और लक्षण भी हो सकते हैं (4) :

  • यौन संबंध के बाद रक्तस्त्राव होना।
  • ठंड लगना या कंपकंपी होना।
  • थकान महसूस होना।
  • बार-बार पेशाब आना।
  • माहवारी के समय सामान्य से अधिक दर्द होना।
  • माहवारी में असामान्य रूप से रक्तस्त्राव होना।
  • भूख न लगना।
  • हर महीने समय से पीरियड न होना।
  • शारीरिक संबंध बनाते समय दर्द होना।

क्या आप जानते हैं कि यह किन कारणों से हो सकता है? यह जानिए अगले भाग में।

श्रोणि में सूजन (पीआईडी) के कारण

जैसा कि ऊपर हम बता चुके हैं कि पीआईडी एक तरह का संक्रमण है। यह संक्रमण बैक्टीरिया के कारण हो सकता है। जब बैक्टीरिया योनि से होते हुए प्रजनन अंगों में पहुंच जाते हैं, तो संक्रमण का कारण बन सकते हैं। ये बैक्टीरिया किसी यौन संचारित संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति के साथ असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। कुछ अन्य माध्यमों से भी बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जैसे (4) :

  • प्रसव के दौरान।
  • एंडोमेट्रियल बायोप्सी (कैंसर के परीक्षण के लिए गर्भ के छोटे टिश्यू को निकालना) के चलते।
  • गर्भपात के बाद।
  • एबॉर्शन करवाने के बाद।

पीआईडी के कारण जानने के बाद जानिए इसके निदान के बारे में।

पीआईडी का निदान कैसे किया जाता है?

श्रोणि में सूजन के लक्षणों और यौन संचारित संक्रमण के निदान के लिए डॉक्टर शारीरिक जांच करते हैं। पेट के निचले हिस्से में दर्द होने पर डॉक्टर नीचे बताई गई बातों को चेक कर सकते हैं (4) :

  • ग्रीवा से रक्तस्त्राव।
  • ग्रीवा से असामान्य स्त्राव
  • ग्रीवा को छूने पर दर्द होना।
  • आपके गर्भाशय, ट्यूब या अंडाशय में संवेदनशीलता।

शरीर में हुए किसी इन्फेक्शन की जांच करने के लिए लैब टेस्ट भी किए जा सकते है, जैसे :

  • शरीर में किसी तरह के इन्फ्लामेशन की जांच करने के लिए सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट।
  • सफेद रक्त कोशिकाओं की जांच।
  • ब्लड कल्चर एवं सेंसिटिविटी टेस्ट
  • इंफ्लेमेशन की जांच करने के लिए एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटेशन रेट टेस्ट।

वहीं, पीआईडी की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर कुछ अन्य टेस्ट भी कर सकते हैं, जैसे :

  • यौन संचारित संक्रमण की जांच, जो श्रोणि में सूजन का कारण बन सकते हैं, जैसे – गोनोरिया या क्लैमाइडिया।
  • अंदरूनी अंगों में देखने के लिए अल्ट्रासाउंड या कोई अन्य स्कैन।
  • गर्भावस्था की जांच।

लेख के अगले भाग में आप श्रोणि में सूजन के ट्रीटमेंट के बारे में जानेंगे।

पीआईडी ​​का उपचार

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज एक तरह का बैक्टीरियल संक्रमण है और इस कारण इसका सबसे पहला उपचार एंटीबायोटिक देकर करने की कोशिश की जा सकती है। इसके अलावा पीआईडी का उपचार अन्य तरीकों से भी किया जा सकता है, जैसे (4) :

माइल्ड पीआईडी होने पर –

  • क्लिनिक में एंटीबायोटिक का एक शॉट दिया जा सकता है।
  • इसके बाद लगभग दो हफ्ते तक एंटीबायोटिक लेने की सलाह देकर घर भेज दिया जाएगा।
  • डॉक्टर के देखरेख में रहने की सलाह दी जाएगी।

पीआईडी के गंभीर रूप से ग्रसित होने पर –

  • अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
  • ड्रिप से एंटीबायोटिक चढ़ाया जाएगा।
  • इसके बाद एंटीबायोटिक की गोली भी दी जाएगी।

अगर श्रोणि में सूजन यौन संचारित संक्रमण के कारण हुई है, तो उसका अलग ट्रीटमेंट करवाना जरूरी है। यहां तक कि महिला के पार्टनर को भी इलाज की जरूरत होती है। वहीं, एंटीबायोटिक का पूरा कोर्स करने के बाद अपने डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी होता है। इससे यह जांचा जा सकता है कि शरीर में और बैक्टीरिया न बचे हों।

लेख के अगले भाग में जानिए कि इससे आगे क्या जटिलताएं हो सकती हैं।

पीआईडी में संभावित जटिलताएं क्या हो सकती हैं?

श्रोणि में सूजन के कारण पेल्विक अंगों में घाव हो सकता है। इस अवस्था में ऑपरेशन की जरुरत भी पड़ सकती है। इसके अलावा कुछ अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे (4) :

  • पेल्विस में क्रोनिक दर्द (लंबे समय तक चलने वाला दर्द)।
  • एकटोपिक प्रेगनेंसी (ऐसी गर्भावस्था जिसमें गर्भ गर्भाशय से बाहर बढ़ने लगता है)।
  • अपेंडिक्स या आंत का संक्रमण

इसकी जटिलताएं जानने के बाद आगे हम बता रहे हैं कि इसे कैसे रोका जा सकता है।

पीआईडी को कैसे रोका जा सकता है?

श्रोणि में सूजन का कारण हमेशा यौन संचारित संक्रमण नहीं होते। इसके कई अन्य कारण भी हैं, जिसके बारे में ऊपर बताया गया है। फिर भी कुछ बातों को ध्यान में रखने से इसके होने की आशंका को कम किया जा सकता है, जैसे (5) :

  • शारीरिक संबंध बनाने से पहले अपनी और अपने साथी की यौन संचारित संक्रमण की जांच करवाएं और परिणाम एक दूसरे को बताएं।
  • एक से अधिक व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से बचें। इससे यौन संचारित संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • साबुन या एंटिसेपटिक का इस्तेमाल श्रोणि पर ना करें। पानी की तेज धार, जैसे – जेटस्प्रे आदि से न धोएं। ऐसा करने से वो अच्छे बैक्टीरिया भी धुल सकते हैं, जो श्रोणि को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।
  • साथ ही पानी के प्रेशर से बुरे बैक्टीरिया योनि मार्ग से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
  • शराब और अन्य नशे का सेवन न करें।

लेख के इस भाग में आप जानेंगे कि पीआईडी के लिए डॉक्टर से परामर्श कब करना चाहिए।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

नीचे बताई गई परिस्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है :

  • पीआईडी के लक्षण महसूस होने पर।
  • यौन संचारित संक्रमण होने की आशंका होने पर।

लेख के अंतिम भाग में हम समस्या के संबंध में कुछ पाठकों के सवाल लेकर आए हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या आपके साथी को इलाज की आवश्यकता है?

जी हां, अगर श्रोणि में सूजन का कारण यौन संचारित संक्रमण है, तो साथी को भी इलाज करवाना जरूरी है (4)

क्या यह फिर से हो सकता है?

जी हां, अगर किसी को पहले पीआईडी हुआ है, तो उसे दोबारा होने की आशंका बढ़ जाती है (4)

इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद आप यह समझ गए होंगे कि पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज क्या है और यह समस्या किन कारणों से हो सकती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसका इलाज संभव है। इसलिए, अगर किसी भी महिला को इस समस्या के लक्षण महसूस हों, तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। हम आशा करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद रही होगी। ऐसी ही और जरूरी जानकारी के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।

References

MomJunction's articles are written after analyzing the research works of expert authors and institutions. Our references consist of resources established by authorities in their respective fields. You can learn more about the authenticity of the information we present in our editorial policy.

1. Pelvic inflammatory disease By NCBI
2. Pelvic Inflammatory Disease By Medline Plus
3. Pelvic Inflammatory Disease (PID) – CDC Fact Sheet By CDC
4. Pelvic inflammatory disease (PID) By Medline Plus
5. Pelvic inflammatory disease By Womenshealth

Was this article helpful?
thumbsupthumbsdown
The following two tabs change content below.