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गर्भावस्था के दौरान नाशपाती के फायदे व नुकसान | Pear During Pregnancy In Hindi

गर्भवती को पौष्टिक खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार खाने की सलाह दी जाती है। इसमें हरी-भरी सब्जियों से लेकर रंग-बिरंगे फल भी शामिल हैं। ऐसा ही एक पौष्टिक फल नाशपाती भी है। गर्भावस्था में नाशपाती खा सकते हैं या नहीं और नाशपाती के फायदे व नुकसान जानने के लिए मॉमजंक्शन के इस लेख को पढ़ें। यहां गर्भावस्था में नाशपाती की सही मात्रा और इसे आहार में शामिल करने के तरीकों से जुड़ी जानकारी दी गई है।

सबसे पहले पढ़ें कि गर्भावस्था के आहार में नाशपाती शामिल करें या नहीं।

In This Article

क्या प्रेगनेंसी के दौरान नाशपाती खा सकते हैं?

हां, गर्भवती महिलाएं नाशपाती खा सकती हैं। इसकी पुष्टि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से जारी गर्भवती के आहार से जुड़ी गाइडलाइन से होती है (1)। इसकी वजह नाशपाती के पौष्टिक तत्व है, जैसे कि विटामिन, मिनरल, फोलेट आदि (2)। डब्ल्यूएचओ की इस गाइडलाइन में बताया गया है कि विटामिन, मिनरल, फोलेट एसिड और आयरन से भरपूर नाशपाती जैसे फल गर्भावस्था में एनीमिया का जोखिम कम कर सकते हैं। साथ ही नाशपाती में मौजूद विटामिन-सी गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी होता है (1)।

कितनी मात्रा में गर्भावती को अपने आहार में नाशपाती शामिल करना चाहिए, अब यह जानिए।

गर्भवती महिला को एक दिन में कितने नाशपाती खाने चाहिए?

विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुसार, गर्भवती एक दिन में मध्यम आकार का एक नाशपाती खा सकती हैं (1)। ध्यान रखें, इस दौरान खाली पेट नाशपाती का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि भोजन करने के दो घंटे बाद ही गर्भवतियों को नाशपाती खाना चाहिए। साथ ही नाशपाती के अलावा अन्य फलों को भी आहार में जरूर शामिल करें।

आगे पढ़ें नाशपाती के पौष्टिक तत्व व उनकी मात्रा।

पेयर की न्यूट्रिशनल वैल्यू

इस भाग में आप नाशपाती में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व व उनकी मात्रा के बारे में पढ़ेंगे। यहां पर दी गई मात्रा प्रति 100 ग्राम नाशपाती के आधार पर है (2)।

  • प्रति 100 ग्राम नाशपाती में 75 केसीएएल ऊर्जा, 84 ग्राम पानी, 0.36 ग्राम प्रोटीन, 9.75 ग्राम शुगर, 0.14 ग्राम टोटल फैट, 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 3.1 ग्राम फाइबर होता है।
  • मिनरल्स की बात करें, तो 100 ग्राम नाशपाती में 0.18 मिलीग्राम आयरन, 9 मिलीग्राम कैल्शियम, 7 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 116 मिलीग्राम पोटेशियम, 12 मिलीग्राम फास्फोरस, 0.1 मिलीग्राम जिंक, 1 मिलीग्राम सोडियम, 0.082 मिलीग्राम कॉपर और 0.048 मिलीग्राम मैंगनीज होता है।
  • इसके अलावा, 100 ग्राम नाशपाती में विभिन्न विटामिन भी होते हैं। इसमें 4.3 मिलीग्राम विटामिन-सी, 0.012 मिलीग्राम थियामिन, 0.012 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन, 0.161 मिलीग्राम नियासिन, 0.049 मिलीग्राम पैंथोटेनिक एसिड, 0.029 मिलीग्राम विटामिन-बी6, 7 माइक्रोग्राम फोलेट, 25 IU विटामिन ए, 0.12 मिलीग्राम विटामिन ई, 4.4 माइक्रोग्राम विटामिन के और 14 माइक्रोग्राम कैरोटीन बीटा होता है।
  • वहीं, 100 ग्राम नाशपाती में 0.084 ग्राम मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, 0.022 ग्राम टोटल सैचुरेटेड फैटी एसिड और 0.094 ग्राम पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड भी होते हैं।

अब गर्भावस्था में नाशपाती से होने वाले फायदे जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें।

प्रेगनेंसी में नाशपाती खाने के फायदे | babugosha fruit during pregnancy in hindi

गर्भावस्था में नाशपाती खाने के कई फायदे हैं। इसके कुछ फायदों के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं। बस यह ध्यान रखें कि प्रेगनेंसी में नजर आने वाले किसी भी गंभीर लक्षण या अवस्था में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

1. मॉर्निंग सिकनेक

गर्भावस्था की पहली तिमाही में मतली व उल्टी यानी मॉर्निंग सिकनेस की समस्या सबसे अधिक होती है (3)। ऐसे में घरेलू उपचार के तौर पर मॉर्निंग सिकनेस से बचाव करने के लिए गर्भवती महिलाएं नाशपाती का सेवन कर सकती हैं (4)।

2. उच्च रक्तचाप से बचाव

एक रिसर्च में पाया गया है कि आहार में नाशपाती शामिल करने से रक्तचाप पर सकारात्मक प्रभाव नजर आ सकता है। यह गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया के जोखिम को कम करके गर्भवतियों में उच्च रक्तचाप का स्तर कम कर सकता है (5)। लगभग 3 से 7 फीसदी महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया हो सकता है, जिसे उच्च रक्तचाप का ही एक रूप कहा जा सकता है (6)।

3. हृदय स्वास्थ्य के लिए

गर्भावस्था में हृदय स्वास्थ्य के लिए नाशपाती का सेवन किया जा सकता है। नाशपाती न सिर्फ खराब कोलस्ट्रॉल को कम कर सकता है, बल्कि उच्च रक्तचाप का जोखिम भी घटाता है। इन दोनों को ही हृदय रोग का कारण माना गया है। यही वजह है कि नाशापती को हृदय के लिए अच्छा माना जाता है (4)।

इसके अलावा, नाशपाती में कार्डियो प्रोटेक्टिव प्रभाव भी होता है, जिसे हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जाना जाता है (4)। 10 सालों तक किए गए एक अन्य शोध में भी इस बात की भी पुष्टि होती है कि नाशपाती जैसे फल 9% तक हृदय के स्ट्रोक का जोखिम कम कर सकते हैं (7)।

4. अवसाद से बचाए

गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद मानसिक समस्याएं, जैसे कि अवसाद व एंग्जाइटी की समस्या हो सकती है (8)। इनसे बचाव में भी नाशपाती को अच्छा माना जाता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित अध्ययन में भी इस बात का जिक्र मिलता है। रिसर्च के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद होने वाले तनाव के जोखिम नाशपाती कम कर सकता है (5)।

5. प्रीटर्म बर्थ का जोखिम घटाए

प्रीटर्म बर्थ यानी समय पूर्व शिशु के जन्म का जोखिम भी नाशपाती कम कर सकता है। शोध के अनुसार, गर्भावस्था में नाशपाती का सेवन करने से प्रीटर्म डिलीवरी का जोखिम कुछ फीसदी तक कम हो सकता है (5)। एक अन्य शोध में लिखा है कि गर्भवतियों के आहार में नाशपाती को नॉर्डिक डाइट के रूप में शामिल किया गया, जिससे समय पूर्व शिशु के जन्मदर में कमी देखी गई है (9)। गौर हो कि नॉर्डिक डाइट में कम चीनी, कम फैट युक्त आहार और अधिक फाइबर होता है।

6. कोलेस्ट्रॉल कम करना

गर्भावस्था के दौरान कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ सकता है (10)। इसे कम करने में भी नाशपाती मददiगार साबित हो सकती है। इसकी एक वजह नाशपाती में मौजूद पेक्टिन (Pectin) नामक फाइबर की समृद्ध मात्रा है, जिसमें खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने की क्षमता होती है (4)।

7. शिशु का वजन कम होने से रोके

गर्भावस्था में नाशपाती का सेवन करने से जन्म के समय शिशु का वजन कम होने के जोखिम को कम किया जा सकता है। साथ ही नवजात का गर्भ में बिताई गई आयु से छोटा दिखने का रिस्क (SGA) भी कम हो सकता है (5)। SGA एक ऐसी स्थिति है, जिसमें जन्म के समय शिशु सामान्य से कम विकसित हुआ होता है (11)।

8. जन्म दोष से बचाव

शिशु का उचित विकास हो और गर्भवती का स्वास्थ्य अच्छा रहे, इसके लिए फोलिक एसिड की भूमिका अहम होती है। इससे शिशु को स्पाइनल कॉर्ड व रीढ़ की हड्डी से जुड़े जन्मदोष (न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट) के जोखिम से बचाया जा सकता है (3)। नाशपाती में यह जरूरी फोलेट होता है। इसी वजह से माना जाता है कि गर्भावस्था में नाशपाती और अन्य फोलेट युक्त आहार खाने से शिशु को बर्थ डिफेक्ट के खतरे से बचाया जा सकता है (4)।

9. फाइबर की पूर्ति

गर्भावस्था में विभिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिसमें डाइटरी फाइबर भी शामिल है। साथ ही गर्भावस्था में कब्ज की समस्या से बचाव करने के लिए भी फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन की सलाह दी जाती है (3)। ऐसे में फाइबर युक्त नाशपाती का सेवन करके गर्भावस्था में फाइबर की पूर्ति करने व कब्ज से बचाव में मदद मिल सकती है (12)।

10. पित्त दोष दूर करने के लिए

गर्भावस्था में हार्मोन के असंतुलन की वजह से हर तीसरी महिला हॉट फ्लैशेज यानी अधिक गर्मी का अनुभव करती है (13)। आयुर्वेद में पित्त दोष या शरीर के बढ़ते तापमान को कम करने के लिए नाशपाती का सेवन लाभकारी माना गया है (14)। ऐसे में अगर गर्भवती को अधिक पसीना आता है या उसके शरीर का तपमान बढ़ता है, तो वह नाशपाती के सेवन से शरीर के तापमान को संतुलित कर सकती है।

11. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

कमजोरी इम्युनिटी से न सिर्फ मां, बल्कि गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है (15)। ऐसे में गर्भावस्था में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले आहार के तौर पर नाशपाती का सेवन किया जा सकता है। नाशपाती में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं (4)।

आगे हम गर्भावस्था में होने वाले नाशपाती के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

क्या गर्भावस्था के दौरान नाशपाती खाने के कोई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं?

हां, प्रेगनेंसी के वक्त अधिक मात्रा में नाशपाती का सेवन किया जाए, तो नाशपाती खाने के नुकसान नजर आ सकते हैं।

  • अगर नाशपाती के जूस का सेवन करना है, तो इसकी मात्रा 220 मिलीलीटर से कम ही रखें। रिसर्च के अनुसार, अधिक मात्रा में नाशपाती का जूस पीने से रक्त में अल्कोहल की मात्रा कम हो सकती है। इससे याददाश्त को हानि पहुंचने का खतरा रहता है (4)।
  • नाशपाती में एंटीडायबिटीक प्रभाव होता है (4)। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान मधुमेह की दवाओं के साथ नाशपाती का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  • नाशपाती फाइबर युक्त फल है। अधिक मात्रा में फाइबर पेट में ऐंठनपेट फूलने की समस्या को बढ़ा सकता है (16)। इसी वजह से गर्भवतियों को अधिक मात्रा में नाशपाती का सेवन नहीं करना चाहिए।

अब पढ़िए कि नाशपाती खरीदते समय और उसके रखरखाव के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

नाशपाती को कैसे चुनें और स्टोर करें?

वैसे तो नाशपाती खरीदना और रखरखाव करना आसान होता है। फिर भी अगर नाशपाती खरीदते समय परेशानी आती है, तो यहां कुछ जरूरी सुझाव मौजूद हैं। साथ ही लंबे समय तक नाशपाती को कैसे स्टोर करके रखें, इसकी भी जानकारी दी गई है।

कैसे और कैसी नाशपाती खरीदें :

  • किसी भी सुपर मार्केट, फल बाजार, मंडी या ऑनलाइन ग्रोसरी स्टोर से नाशपाती खरीद सकते हैं।
  • हमेशा ताजे व सुनहरे रंग की नाशपाती ही खरीदें।
  • ताजी खुशबूदार मीठी महक वाली नाशपाती चुनें
  • गहरे हरे रंग की नाशपाती न खरीदें। यह कच्चा फल हो सकता है।
  • पीले या भूरे पड़ गए नाशपाती का चुनाव न करें। यह बासी और खराब भी हो सकते हैं।
  • अगर नाशपाती पर भूरे रंग के धब्बे या खरोंच के निशान हों, तो उसे न खरीदें।
  • नाशपाती को हाथों से दबाकर देखें। ज्यादा सख्त या ज्यादा नरम होने पर उसे न खरीदें।

कैसे स्टोर करें :

  • नाशपाती को हमेशा ठंडी जगह जैसे फ्रिज में स्टोर करके रखें (17)।
  • अगर कच्चे नाशपाती खरीदे हैं, तो उसे किसी बैग में पैक करके कमरे के तापमान में स्टोर करके रखें। यह दो से तीन दिनों में पक जाएं, तो ही उसका सेवन करें या फिर उसे ठंडी जगह पर स्टोर कर लें।
  • तेज सुगंधित आहार या फलों के साथ नाशपाती को स्टोर करके न रखें।
  • अधिक दिनों तक स्टोर किए हुए नाशपाती का सेवन न करें। नाशपाती खरीदने के दो से तीन दिन में उसका सेवन कर लें।
  • कटे हुए नाशपाती अधिक देर तक स्टोर करके न रखें।

स्क्रॉल करके लेख के आखिरी भाग में पढ़ें गर्भावस्था में नाशपाती खाने के तरीके।

प्रेगनेंसी के दौरान नाशपाती को आहार में कैसे शामिल करें?

गर्भावस्था में नाशपाती खाने के कई फायदे हैं। इस दौरान इस मीठे फल को किस तरह अपने आहार में शामिल करें, इसके कुछ तरीके हमने नीचे बताए हैं।

  • नाशपाती के टुकड़ों में शहद, सूखे मेवे व दालचीनी मिलाकर इसे ओवन में पकाकर खा सकती हैं।
  • नाशपाती से स्वादिष्ट सलाद बनाकर इसे आहार में शामिल कर सकती हैं। चाहें तो इसमें अन्य फलों को शामिल कर फ्रूट सलाद के रूप में खा सकती हैं।
  • ताजे नाशपाती का जूस बनाकर पी सकते हैं।
  • नाश्ता करने या दोपहर का भोजन करने के कुछ घंटे बाद साबूत नाशपाती खा सकती हैं।

नोट: कटे हुए नाशपाती का सेवन तुरंत करें। बच जाने पर इसे स्टोर न करें और न ही बाद में इसका सेवन करें।

शायद आपको जानकर हैरानी होगी कि 17वीं शताब्दी में नाशपाती को “बटर फ्रूट” के नाम से जाना जाता था। इसकी वजह है नाशपाती का सॉफ्ट और मुलायम होना (4)। इस बटर फ्रूट के फायदे गर्भावस्था में भी हो सकते हैं, जिनका जिक्र हम ऊपर कर ही चुके हैं। बस तो प्रेगनेंसी में नाशपाती को भी अपनी डाइट में शामिल करें और स्वस्थ रहें। साथ ही अधिक मात्रा में नाशपाती का सेवन न करें, अन्यथा इसके नुकसान हो सकते हैं।

References

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  1. Healthy Eating during Pregnancy and Breastfeeding
    https://www.euro.who.int/__data/assets/pdf_file/0020/120296/E73182.pdf
  2. Pears, raw
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/169118/nutrients
  3. Pregnancy and diet
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  4. Why is pear so dear
    https://ijrap.net/admin/php/uploads/1473_pdf.pdf
  5. Maternal Dietary Patterns and Pregnancy Outcome
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4924192/
  6. Preeclampsia
    https://medlineplus.gov/ency/article/000898.htm
  7. A Review of the Science of Colorful, Plant-Based Food and Practical Strategies for “Eating the Rainbow”
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7770496/
  8. Anxiety, depression and stress in pregnancy: implications for mothers, children, research, and practice
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4447112/
  9. Lower risk of preeclampsia and preterm delivery with adherence to the New Nordic Diet during pregnancy – a study performed in the Norwegian Mother and Child Cohort Study (MoBa)
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5410966/
  10. Maternal Hyperlipidemia and the Risk of Preeclampsia: a Meta-Analysis
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4565654/
  11. Small for gestational age (SGA)
    https://medlineplus.gov/ency/article/002302.htm
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    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4624353/
  15. The Immune System in Pregnancy: A Unique Complexity
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  16. Dietary fibre
    https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/fibre-in-food#a-sudden-increase-in-dietary-fibre
  17. Pears
    https://www.sciencedirect.com/topics/agricultural-and-biological-sciences/pears
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