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प्रेगनेंसी में बुरे सपने आना: कारण व रोकने के टिप्स  | 10 Tips To Prevent Nightmares During Pregnancy In Hindi

सपने देखना सामान्य है। कभी लोग अच्छे सपने देखते हैं, तो कभी बुरे। कहा जाता है कि गर्भवास्था में बुरे सपने ज्यादा आने लगते हैं। कई बार इन बुरे सपनों के कारण गर्भवतियां काफी घबरा जाती हैं और परेशान रहने लगती हैं। ऐसे में परेशान होने के बजाए यह समझने की कोशिश करें कि गर्भावस्था में खराब सपने आना सामान्य है या नहीं। इसमें आपकी मदद करेगा मॉमजंक्शन का यह लेख। यहां हम प्रेगनेंसी में बुरे सपने आने के कारणों के साथ ही इस दौरान आने वाले विभिन्न तरह के सपनों पर चर्चा करेंगे।

सबसे पहले जानते हैं कि प्रेगनेंसी में खराब सपने आना कितना सामान्य है।

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क्या गर्भावस्था में खराब सपने आना सामान्य हैं?

हां, गर्भावस्था में खराब या बुरे सपने आना सामान्य हो सकता है। बताया जाता है कि प्रेगेंसी में महिलाओं का तरह-तरह के डरावने सपने देखना आम है। मेडलाइन प्लस से मिली जानकारी के अनुसार, इस अवस्था में महिला गर्भस्थ शिशु या अपने मातृत्व को लेकर चिंता करती रहती है, जिससे तनाव बढ़ता है और रात में खराब सपने भी आ सकते हैं (1)।

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्नेशन) के अनुसार, गर्भावस्था के अंतिम चरण में बुरे सपने अधिक आने लगते हैं। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि गर्भावस्था की अंतिम तिमाही में महिलाओं को सप्ताह में एक या इससे अधिक बार भी बुरे सपने आ सकते हैं। साथ ही कुछ महिलाओं को महीने में महज दो या एक बार ऐसे सपने आते हैं। इनके अलावा, रिसर्च से इस बात की भी पुष्टि होती है कि करीब 10 प्रतिशत गर्भवतियों को अपने गर्भस्थ शिशु से जुड़े भयावह सपने ही आते हैं (2)।

प्रेगनेंसी के समय सपने में होने वाले बदलाव का मतलब समझने के लिए नीचे स्क्रॉल करें।

गर्भावस्था के दौरान सपने में बदलाव क्यों होता है?

गर्भवती के सपने में बदलाव शारीरिक, हार्मोनल व मनोवैज्ञानिक परिवर्तन के चलते हो सकता है (2)। अध्ययन बताते हैं कि पहली गर्भावस्था के दौरान मेटर्नल मेंटल रिप्रजेंटेशन (MMR) यानी मातृत्व संबंधी मनोस्थिति बढ़ सकती है। इसमें गर्भवती दिनभर अपने शिशु की उम्र, जीवन, रोजगार व शिक्षा जैसी स्थितियों को सोचकर चिंतिंत रहती है। इस सोच और चिंता का सीधा प्रभाव गर्भावस्था में देखे जाने वाले सपनों पर भी पड़ सकता है (3)।

अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान लगभग 39 से 54% गर्भवतियों की नींद की गुणवत्ता बदल सकती है (2)। इसका असर सपनों पर भी पड़ता है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि मां बनने का अनुभव व मातृत्व से जुड़ी जिम्मेदारियों को लेकर गर्भवती को मानसिक स्थिति मजबूत बनाए रखना जरूरी है।

आगे जानिए कि आखिर प्रेगनेंसी में बुरे सपने आने के कारण क्या हो सकते हैं।

प्रेगनेंसी में बुरे सपने आने के क्या कारण हैं?

गर्भावस्था के दौरान बुरे सपने आने के कई कारण हैं। इसके मुख्य कारण में हार्मोनल बदलाव व नींद संबंधी विकार को माना जा सकता है (2)। यह स्थितियां किस तरह से गर्भावस्था में बुरे सपने ला सकती हैं, इसके बारे में नीचे विस्तार से पढ़ें।

1. हार्मोनल परिवर्तन

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का शरीर हार्मोनल परिवर्तन से गुजरता है, जिसमें प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में असंतुलन सबसे मुख्य हो सकता है (4)। एक अन्य अध्ययन से यह पुष्टि होती है कि गर्भावस्था में बढ़ते प्रोजेस्टेरोन का स्तर बीती बातों को याद दिलाने और प्रेगनेंसी में दिखने वाले सपनों में बदलाव करने में अहम भूमिका निभाता है (5)।

दरअसल, ये हार्मोनल बदलाव भावनाओं को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह से काफी ज्यादा बढ़ा सकते हैं (6)। यही वजह है कि हार्मोनल परिवर्तन के चलते गर्भवती के मन के बुरे ख्याल रात को बुरे सपने बनकर उसे दिखते हैं।

2. सोने में समस्या होना

गर्भावस्था में नींद सही से न आना भी बुरे सपने का एक कारण हो सकता है। दरअसल, गर्भ में बढ़ते शिशु का आकार महिला की नींद को बाधित करती है। साथ ही गर्भवती को सोने में कठिनाई होती है। उदाहरण के लिए, अगर महिला को पेट के बल सोने की आदत है, तो उसे अपनी इस आदत को बदलते हुए करवट लेकर सोने की आदत डालनी पड़ती है (1)। ऐसे में नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है और रिसर्च इस बात की पुष्टि करते हैं कि गर्भावस्था में नींद की खराब गुणवत्ता से बुरे सपने आने की आशंका बढ़ सकती है (7)।

इसके अलावा, गर्भावस्था के तीसरे चरण में रैपिड आई मूवमेंट (REM) की समस्या अधिकतर देखी जाती है (8)। इस समस्या को भी सोते समय बुरे सपने आने और सपना याद रहने का एक कारण माना जाता है (9)। रैपिड आई मूवमेंट के दौरान नींद में ही हमारी आंखें तेजी से अलग-अलग दिशा में घूमती हैं। यह एक स्लीप बिहेवियर डिसऑर्डर है, जो नींद के दूसरे चरण में शुरू होता है। इस समय नींद में हमें सबसे अधिक सपने आते हैं, जिनमें से अधिकतर हमें याद रह जाते हैं।

3. एंग्जायटी

गर्भावस्था के दौरान लगभग 15 फीसदी महिलाएं एंग्जायटी व अवसाद जैसे लक्षणों का अनुभव करती हैं। अधिकतर चिंता गर्भावस्था और मातृत्व को लेकर ही होती है (6)। दिनभर गर्भस्थ शिशु को लेकर होने वाली चिंता और मन में आने वाले बुरे ख्याल ही सपने के रूप में महिला को दिख सकते हैं। एक रिसर्च पेपर से भी इस बात की पुष्टि होती है कि मन में आने वाले खराब विचार और चिंता का सीधा-सीधा संबंध बुरे सपने से होता है (10)।

4. तनाव लेना

गर्भावस्था के दौरान अधिक तनाव लेना भी रात में सोते समय बुरे सपने आने का कारण हो सकता है। अगर गर्भवती अक्सर अपने शिशु और अपने मां बनने की स्थितियों को लेकर तनाव लेती है, तो उसे सोने में परेशानी हो सकती है, जो सोते समय बुरे सपने ला सकता है (1)।

5. दवाएं

एक रिसर्च पेपर के अनुसार, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीडिप्रेसेंट व एंटीहाइपरटेन्सिव्स जैसी विभिन्न दवाओं का सेवन करने या उनके सेवन को बंद करने से भी बुरे सपने आ सकते हैं (11)। गर्भावस्था में स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार, डॉक्टर जरूरी दवाओं के सेवन की सलाह दे सकते हैं। साथ ही पहले से चल रही कुछ दवाओं के सेवन को बंद करने के लिए कह सकते हैं। ऐसे में अगर गर्भवती डॉक्टर की सलाह पर किसी दवा का सेवन करती है या पुरानी दवाओं का सेवन बंद करती है, तो हो सकता है कि इस वजह से भी बुरे सपने आने लगें।

अब हम आपको गर्भास्था के चरण के अनुसार आने वाले सपनों के बारे में बता रहे हैं।

प्रेगनेंसी में आने वाले आम सपने | pregnancy me sapno ka matlab

गर्भावस्था के प्रत्येक चरण में किस तरह के सपने आते हैं, इस बारे में अधिक शोध उपलब्ध नहीं हैं। हां, इस भाग में हम गर्भवतियों के अनुभव पर आधारित सपनों के प्रकार बता रहे हैं।

1. प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में आने वाले आम सपने

प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में आने वाले आम सपने कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:

शिशु का विकास दिखाई देना – अपनी गर्भावस्था की खबर सुनते ही महिलाएं काफी उत्साहित हो जाती हैं। वह हर दिन अपने शिशु के बढ़ते विकास के बारे में सोचती रहती हैं। इस वजह से गर्भावस्था की पहली तिमाही में इस तरह के सपना अधिक आ सकते हैं।

ऊंची इमारतें देखना – गर्भावस्था के दौरान होने वाला हार्मोनल परिवर्तन महिला की भावनाओं को सकारात्मक रूप से बढ़ा भी सकते हैं (6)। इस वजह से उनकी भावनाओं में काफी बदलाव आने लगता है। यह उन्हें एहसास दिला सकता है कि वह जीवन में कुछ भी कर सकती हैं। इसी वजह से अधिकतर गर्भवतियां अपनी पहली तिमाही में ऊंची-ऊंची इमारतें के सपने देख सकती हैं। ऊंची इमारतें अक्सर कामयाबी के ख्यालों को दर्शाती हैं।

खुद को गाड़ी चलाते हुए देखना – गर्भावस्था का अनुभव कर चुकीं अधितकर महिलाओं का यह भी कहना है कि गर्भावस्था के शुरुआती तिमाही में उन्हें अक्सर गाड़ी चलाने के सपने आते हैं।

पानी से जुड़े सपने दिखाई देखना – गर्भावस्था की पहली तिमाही में पानी से भरे समुद्र, तालाब या नदी देखने के भी सपने अधिक आ सकते हैं।

2. प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में आने वाले आम सपने

पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में गर्भवती कुछ अलग तरीके के सपनों का अनुभव करती है। ये सपने कुछ इस प्रकार हो सकते हैं।

जानवरों के बच्चे देखना – गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में कुत्ते, बिल्ली व आदि जानवरों के बच्चे दिखाई दे सकते हैं। कई बार ये मासूम हो सकते हैं, तो कई बार ये खूंखार भी हो सकते हैं। इसके पीछे माना जाता है कि अगर गर्भवती अपने बच्चे के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है, तो उसे ऐसे सपने आ सकते हैं। हालांकि, इसके पीछे कोई वैज्ञानिक शोध मौजूद नहीं है।

शारीरिक संबंध बनाना – ऐसा भी माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाने के भी सपने देख सकती हैं। दरअसल, गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में महिला का बेबी टमी अधिक बढ़ चुका होता है, जिस वजह से कपल शारीरिक संबंध बनाने में असुविधा महसूस कर सकते हैं। ऐसे में गर्भवती को इस दौरान शारीरिक संबंध बनाने से जुड़े सपने भी सकते हैं।

पति की बेवफाई देखना – सपने काफी अजीब होते हैं। ऐसा ही एक अजीब-सा सपना गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को आता है। इसमें से एक पति की बेवफाई भी है। ऐसा उनके बीच बढ़ती शारीरिक दूरी के कारण हो सकता है। कई महिलाओं को इस दौरान डर लगने लगता है कि कम होते शारीरिक संबंध और गर्भावस्था के बाद होने वाले शारीरिक बदलाव के कारण उनके प्रति शारीरिक आकर्षण और प्यार में कमी आ सकती है। इसी वजह से उन्हें अक्सर ऐसे सपने आ सकते हैं।

3. प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में आने वाले आम सपने

तीसरी तिमाही में आने वाले सपने में कौन-से शामिल हैं, वो आगे पढ़िए।

शारीरिक पीड़ा देखना – प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही आते ही गर्भवती महिलाएं खुद को प्रसव के लिए तैयार करने लगती हैं। ऐसे में उनके मन में प्रसव से जुड़े कई ख्याल आना भी लाजमी हो सकता है। इसी तरह के ख्याल के कारण वो सपने में खुद को प्रसव करते हुए देख सकती हैं और दर्द का अनुभव भी कर सकती हैं।

बच्चे का नामकरण करते हुए देखना – अधिकतर कपल प्रेगनेंसी प्लानिंग के पहले ही अपने बच्चे के लिए नए-नए नाम ढूंढ कर रख लेते हैं, लेकिन जैसे-जैसे शिशु के जन्म का समय नजदीक आने लगता है, उनकी यह उत्सुकता भी बढ़ने लगती है। इसी वजह से कई गर्भवती महिलाएं तीसरी तिमाही में बच्चे के नामकरण का सपना भी देख सकती हैं।

बच्चे को खो देना – प्रसव का समय सबसे मुश्किल भरा होता है। इस दौरान मां को न सिर्फ असहनीय शारीरिक दर्द से गुजरना पड़ता है, बल्कि कई तरह के मानसिक उतार-चढ़ाव की स्थितियों का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में कई बार गर्भवती खुद को कमजोर भी महसूस कर सकती है। उसके मन में प्रसव पीड़ा को न सह पाने का डर बैठ सकता है, जिस वजह से बच्चे के खोने या गर्भपात से भी सपना भी देख सकती है (2)।

लेख के अंतिम भाग में पढ़ें प्रेगनेंसी में बुरे सपने रोकने के लिए कुछ कारगार टिप्स।

प्रेगनेंसी में बुरे सपने को आने से रोकने के लिए 10 टिप्स | Tips To Prevent Nightmares During Pregnancy In Hindi

गर्भावस्था के दौरान बुरे सपनों से बचाव के लिए आप नीचे बताए जा रहे टिप्स का पालन कर सकती हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं।

1. पर्याप्त नींद लें – जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि प्रेगनेंसी में तनाव और अपर्याप्त नींद के कारण महिलाओं को बुरे सपनों का अनुभव हो सकता है। इस तनाव से बचाव के लिए भरपूर आराम और पूरी नींद लेने की सलाह दी जाती है (7) (12)। अच्छी नींद के लिए एक रूटीन सेट करना आवश्यक है। इसके लिए रोजाना रात को समय से सोएं व समय पर उठें। साथ ही गर्भावस्था के दौरान बाईं तरफ करवट लेकर सोना बेहतर माना जाता है, तो इसका पालन करें (13)।

2. अपने सपनों को शेयर करें – गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं को ज्यादा तनाव लेने के कारण बच्चे व प्रसव से जुड़े सपने आ सकते हैं। ऐसे में वो इसे लेकर अपने किसी दोस्त, पार्टनर, डॉक्टर आदि से बात कर सकती हैं (14)। इससे वो बेहतर महसूस करेंगी और उनका तनाव थोड़ा कम होगा। साथ ही सपने आने भी कम हो सकते हैं।

3. सकारात्मक सोच रखें – गर्भवती महिलाएं जितना हो सके खुद को पॉजिटिव रखें। आप खुद को खुश रखेंगी, तो नकारात्मक ख्याल और बुरे सपने आपसे दूर रहेंगे। अगर मन में कोई नकारात्मक विचार आ रहे हैं, तो उन्हें खुद पर हावी न होने दें। खुद को सकारात्मक रखने के लिए म्यूजिक थेरेपी या मेटरनल योगा का सहारा ले सकती हैं। इससे गर्भवती महिलाओं को बेहतर महसूस हो सकता है।

4. एक्सरसाइज करें – व्यायाम विशेषज्ञ की देखरेख में रोजाना एक्सरसाइज करें। इससे दिमाग कुछ ऐसे केमिकल रिलीज करता है, जो आपको अच्छा महसूस कराने के साथ तनाव को दूर कर सकते हैं (12)। साथ ही गर्भवती को फिट रखने में भी सहायक हो सकता है। लेख में हम पहले ही बता चुके हैं कि बुरे सपने आने का एक कारण तनाव हो सकता है। ऐसे में बुरे सपनों को आने से रोकने के लिए एक्सरसाइज एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

5. खुद पर ध्यान दें – बुरे सपनों से बचने के लिए खुद पर भी ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए अपनी रूचि व निजी शौक के लिए थोड़ा समय निकालें। उस काम को करें, जिसे करने से मूड को खुशनुमा बनता है। साथ ही जब भी लगे की शारीरिक रूप से थकान हो रही है, तो तुरंत उचित आराम भी करें (15)।

6. कारणों को समझें – सपने के आधार पर आसानी से उसके पीछे के कारणों को समझने में मदद मिल सकती है। इसके लिए करीबी सदस्य, दोस्त व किसी विशेषज्ञ की भी मदद ले सकती हैं। इनके साथ गर्भावस्था से जुड़े अपनी डर की भावनाओं व स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों के लिए बारे में चर्चा करें।

7. खुद की देखभाल करें – अगर किसी स्वास्थ्य समस्या के कारण गर्भावस्था के दौरान नींद प्रभावति होती है या तनाव लेती हैं, तो इसका उपचार कराएं। साथ ही अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी अच्छा बनाए रखें। इसके लिए अच्छे खाने के साथ ही समय-समय पर उचित दवाएं और पर्याप्त नींद लें व भरपूर आराम भी करें। यही नहीं, दिन भर थोड़ी बहुत शारीरिक गतिवधियां भी जरूर करें।

8. सोने के तुरंत पहले न खाएं – सोने के तुरंत पहले अधिक मात्रा में तरल पेय या खाद्य पदार्थ न खाएं, क्योंकि ऐसा करने से रात की नींद प्रभावित हो सकती है। इसके बाद सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भरपेट कर सकती हैं। कुछ महिलाओं के अनुसार, भरपेट नाश्ता और लंच खाने व रात में थोड़ा भोजन करने से अच्छी नींद आती है (1)।

9. अच्छा खाएं – बुरे सपने आना का एक कारण तनाव भी हो सकता है (16)। ऐसे में गर्भावस्था में तनाव दूर करने के लिए संतुलित आहार लाभकारी माना जा सकता है। इसके लिए गर्भवती को अपने आहार में कैफीन, शुगर या नमक की अधिकता को कम करना चाहिए। इनकी जगह विटामिन बी यानी फोलिक एसिड युक्त खाद्य को डाइट में शामिल करना करें।

एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन बी नर्वस और ब्रेन सेल्स को रेगुलट करके तनाव को कम कर सकता है। इसके लिए आहार में केला, मछली, एवोकाडो, चिकन और गहरे हरे रंग की सब्जियों का सेवन कर सकती हैं (17)।

10. इमेजरी रिहर्सल थेरेपी – अध्ययनों के अनुसार, इमेजरी रिहर्सल थेरेपी भी गर्भावस्था के दौरान आने वाले बुरे सपनों को कम कर सकती हैं (2)। अगर बताए गए अन्य उपायों को करने के बाद भी गर्भवती को बुरे सपने आते रहते हैं, तो वह अनुभवी विशेषज्ञ की देखरेख में इमेजरी रिहर्सल थेरेपी करा सकती है। यह एक संज्ञानात्मक व्यवहार उपचार होता है, जो तनाव को कम करने में काफी प्रभावकारी माना गया है।

यह बात सच है कि सपने हमारी सोच पर निर्भर करते हैं, इसलिए इससे परेशान होने से अच्छा है कि अपनी सोच में बदलाव लाएं। आप चाहें तो लेख में बताएं गए टिप्स की मदद से प्रेगनेंसी में बुरे सपने को आने से रोक सकती हैं या इन्हें कम कर सकती हैं। इन उपायों के अपनाने के बावजूद भी अगर इन सपनों के कारण रातों में नींद टूट रही है, तो बिना देर किए डॉक्टर से बात करें।

References

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