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गर्भावस्था में दालचीनी का सेवन करना चाहिए या नहीं? | Pregnancy Mein Dalchini Khana Chahiye Ya Nahi

भारत में कई प्रकार के मसालों का उपयोग किया जाता है, जो स्वाद के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। उन्हीं में से एक है दालचीनी। इसका उपयोग आमतौर पर हर भारतीय रसोई में पकवानों और व्यंजनों को बनाने में किया जाता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए भी कई प्रकार से फायदेमंद होते हैं, लेकिन क्या दानचीनी का सेवन गर्भावस्था में किया जा सकता है? मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल हम बता रहे हैं कि गर्भावस्था में दानचीनी खाने के क्या परिणाम हो सकते हैं। साथ ही यह भी बताएंगे कि गर्भवती महिला किस प्रकार दालचीनी को अपने आहार में शामिल कर सकती है।

आइए, पहले यह जान लेते हैं कि गर्भावस्था में दालचीनी का सेवन करना चाहिए या नहीं।

In This Article

क्या गर्भावस्था में दालचीनी का सेवन करना सुरक्षित है? | Pregnancy Mein Dalchini

हां, अगर गर्भावस्था के दौरान दालचीनी को सीमित मात्रा में लिया जाए, तो यह सुरक्षित हो सकती है। इस विषय पर कई शोध हुए हैं, जिसमें पुष्टि हुई है कि गर्भावस्था में दालचीनी लेने से पेट संबंधी विकार और मधुमेह जैसी कई समस्याओं से दूर रहा जा सकता है (1) (2) दालचीनी के ऐसे तमाम लाभों के बारे में लेख में आगे विस्तार से बताया गया है।

जानते हैं कि गर्भावस्था में कितनी मात्रा में दालचीनी का सेवन सुरक्षित है।

गर्भावस्था में दालचीनी की कितनी मात्रा खाना सुरक्षित है?

गर्भावस्था के दौरान दालचीनी की कितनी मात्रा डाइट में शामिल करनी चाहिए, यह काफी हद तक प्रत्येक गर्भवती महिला के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। वैसे इस संबंध में चूहों पर शोध किया गया है, जिसके अनुसार 0.5 ग्राम से कम दालचीनी का उपयोग गर्भावस्था में सुरक्षित हो सकता है (3) वहीं एक अन्य शोध में इसका उपयोग प्रतिदिन 0.7 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम बॉडीवेट के अनुसार तक किया जा सकता है (4)। फिर भी, इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना ही बेहतर है।

आइए, अब जानते हैं कि गर्भावस्था में दालचीनी को कब खाना चाहिए।

गर्भावस्था में दालचीनी खाने का सबसे अच्छा समय कब है? (from which trimester)?

एक शोध के अनुसार, दालचीनी का उपयोग गर्भावस्था की किसी भी तिमाही में सूजन और पेट में दर्द को दूर करने के लिए किया जा सकता है (5) इसका उपयोग औषधि के रूप में सीमित मात्रा में किया जा सकता है, लेकिन इसके उपयोग के पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें।

आगे हम दालचीनी के पोषक तत्वाें के बारे में बता रहे हैं।

दालचीनी के पोषक तत्व

दालचीनी में पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए जरूरी होते हैं। प्रति 100 ग्राम दालचीनी में ऊर्जा की 247 kcal, प्रोटीन की 3.99 g, फैट की 1024 g, फाइबर की 53.1 g, विटामिन-सी की 3.8 mg, फोलेट की 6 µg और विटामिन-ए की 15 µg मात्रा होती है। इसके अलावा, इसमें पाए जाने वाले अन्य पोषक तत्व इस प्रकार हैं (6):

  • विटामिन-ई: 2.32 mg
  • विटामिन-के: 31.2 µg
  • पोटैशियम: 431 mg
  • कैल्शियम: 1002 mg
  • आयरन: 8.32 mg
  • मैग्नीशियम: 60 mg
  • जिंक: 1.83 mg

यहां हम बता रहे हैं कि प्रेगनेंसी में दालचीनी खाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।

गर्भावस्था में दालचीनी के स्वास्थ्य लाभ | Pregnancy Me Dalchini Ke Fayde

गर्भावस्था में दालचीनी का सेवन करने पर कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

  1. पेट की सूजन व दर्द से राहत : दालचीन का उपयोग गर्भावस्था में होने वाली पेट की सूजन व पेट में दर्द को दूर करने के लिए किया जा सकता है। शोध में पाया गया कि दालचीनी में लेक्सेटिव (मल निकालने को सुविधाजनक बनाने वाला) और रिलेक्सिंग गुण पाए जाते हैं, जो इन समस्या में फायदेमंद हो सकते हैं (5)
  1. गर्भावधि मधुमेह में : कुछ अध्ययनों से पता चला है कि दालचीनी गर्भावधि मधुमेह (gestational diabetes) से पीड़ित महिलाओं में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित कर सकती है। गर्भावधि मधुमेह के 51 रोगियों पर किए शोध से पता चला है कि गर्भावधि मधुमेह के दौरान महिलाओं को दालचीनी के कैप्सूल दिए गए। दालचीनी के कैप्सूल रक्त में मौजूद ग्लूकोज को नियंत्रित करने में फायदेमंद हो सकते हैं (1)
  1. उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करे : गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप के कारण कोई चिकित्सा स्थिति पैदा न हो जाए, तब तक इसे सामान्य माना गया है। वहीं, शोध के अनुसार दालचीनी रक्तचाप को नियंत्रित करने में कुछ अनुकूल प्रभाव दिखा सकती है, बशर्ते इसे सीमित मात्रा में लिया जाए (7)
  1. एसिडिटी को दूर करे : गर्भावस्था में मतली और उल्टी के साथ ही कब्ज और अपच होना आम लक्षण हैं। वहीं, शोध के अनुसार दालचीनी में एंटीएसिड गुण पाया जाता है, जो एसिडिटी की समस्या को कुछ हद तक कम कर सकता है। साथ ही यह कब्ज जैसी समस्या से भी कुछ हद तक राहत दिला सकती है (4)
  1. अच्छे पाचन के लिए : एक अध्ययन में पाया गया है कि दालचीना का उपयोग करने से पाचन संबंधी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। साथ ही इसमें कार्मिनेटिव गुण पाए जाते हैं जो कि गैस की समस्या को भी दूर कर सकता है (8)
  1. कोलेस्ट्रॉल की समस्या में : एक शोध के अनुसार दालचीनी का उपयोग कोलेस्ट्रॉल की समस्या में भी फायदेमंद हो सकता है। यह कुल कोलेस्ट्रॉल, कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है। साथ ही उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL) को बढ़ाने में भी फायदेमंद हो सकती है (8)

लेख के इस हिस्से में हम गर्भावस्था में दालचीनी खाने के नुकसान बता रहे हैं।

गर्भावस्था में दालचीनी खाने के साइड इफेक्ट

अधिक मात्रा में दालचीनी का सेवन करने से कई समस्याएं हो सकती हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि दालचीनी में कूमरिन नामक रसायन पाया जाता है, जिसकी अधिक मात्रा लिवर में समस्या का कारण बन सकती है (9)
  • कुछ लोगों ने खाने के उत्पादों से मुंह के घावों का अनुभव किया है जिनमें दालचीनी स्वाद बढ़ाने वाले एजेंट होते हैं (10)
  • सप्लीमेंट के रूप में दालचीनी लेने से बचें। यह अधिक पसीना, पेट की बीमारी, हृदय गति में वृद्धि, और रक्त शर्करा के स्तर में गिरावट जैसे कुछ जोखिमों का कारण बन सकता है (11)
  • अधिक दालचीनी खाने से मुंह, नाक और गले में जलन के साथ खांसी की समस्या सकती है। वहीं, अधिक गंभीर लक्षणों में तेज खांसी, उल्टी, नकसीर और सीने में जकड़न की समस्या हो भी सकती है (12)

नुकसान के बाद जानते हैं दालचीनी का सेवन करते समय क्या क्या सावधानियां रखना चाहिए।

दालचीनी का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

दालचीनी का सेवन करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। यहां हम कुछ ऐसी ही सावधानियों के बारे में बता रहे हैं:

  • अगर एलर्जी की समस्या है, तो दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • अगर गर्भवती महिलाओं को लिवर की समस्या है, तो दालचीनी से बचने की जरूरत है, क्योंकि यह स्थिति को और भी बिगाड़ सकती है।
  • दालचीनी की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए। बेहतर यही होगा कि इस संबंध में डॉक्टर की सलाह जरूर ली जाए।
  • अगर नकसीर की समस्या है, तो डॉक्टर से पूछकर ही इसका सेवन करें।
  • किसी भी हानिकारक प्रभाव को दूर करने के लिए सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली दालचीनी की छाल या पाउडर ही खरीदें।
  • डॉक्टरों की मानें तो अगर कोई गर्भवती खून को पतला करने की दवा ले रही है, तो उसे दालचीनी का लम्बे समय तक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरअसल, यह शरीर में प्लेटलेट्स काउंट को कम करते हुए गर्भावस्था में जटिलता पैदा कर सकती है।

लेख इस हिस्से में हम बता रहे हैं कि दालचीनी का सेवन कैसे किया जा सकता है।

दालचीनी को अपने आहार में कैसे शामिल कर सकते हैं?

दालचीनी को आहार में शामिल करने के कई तरीके हैं। कुछ खास तरीकों के बारे में हम यहां बता रहे हैं:

  • दालचीनी का उपयोग खाने में हल्के मसाले के रूप में किया जा सकता है।
  • दालचीनी के पाउडर काे दूध में मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
  • गुनगुने पानी में दालचीनी के पाउडर को मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है।
  • इसको शहद में मिलाकर चेहरे की कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
  • दालचीनी का उपयोग हर्बल टी के रूप में भी कर सकते हैं।
  • इसके कैप्सूल को साधारण पानी के साथ लिया जा सकता है।
  • यह बालों के लिए भी फायदेमंद है। दालचीनी को उबालने के बाद बचे हुए पानी से बाल धोए जा सकते हैं।
  • दालचीनी का उपयोग च्यवनप्राश बनाने के लिए भी किया जा सकता है।

आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना कि किस प्रकार से सीमित मात्रा में उपयोग की गई दालचीनी गर्भावस्था में फायदेमंद हो सकती है। इसके अलावा, आपने यहां इसके नुकसान और उपयोग के बारे में भी जाना। अगर आप दालचीनी का उपयोग औषधि के रूप में करना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि इसके पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें। वहीं, अगर इसके सेवन से थोड़ी-सी भी समस्या महसूस हो, तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें और डॉक्टर से संपर्क करें। हम उम्मीद करते हैं कि आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद रहेगी। आप गर्भावस्था में खान-पान से संबंधित और जानकारी के लिए मॉमजंक्शन के अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

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