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प्रेगनेंसी मे खरबूजा (Muskmelon) खा सकते हैं या नही?  | Kya Pregnancy Me Kharbuja Khana Chahiye

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कई तरह के फल और सब्जियां खाने की क्रेविंग देखी जाती है। इनमें से कुछ फल और सब्जियां स्वास्थ्यवर्धक तो कुछ हानिकारक भी हो सकती हैं। यही वजह है कि कई बार महिलाएं ऐसे खाद्यों को खाने से हिचकती हैं, जो गर्भावस्था में लाभकारी हो सकते हैं। ऐसा ही कुछ खरबूजे के साथ भी है। वैसे तो यह कई पोषक तत्वों का भंडार माना जाता है, लेकिन गर्भावस्था में यह सुरक्षित है या नहीं! इस बात को लेकर कई महिलाओं के मन में संशय बना रहता है। इसी उलझन को सुलझाने के उद्देश्य से मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था में खरबूजा खाने के सभी प्रभावों को विस्तृत रूप से समझाने जा रहे हैं।

तो चलिए, सबसे पहले जानते हैं कि प्रेगनेंसी में खरबूजा खा सकते हैं या नहीं?

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क्या गर्भावस्था के दौरान खरबूजा खाना सही है? | Pregnancy Me Kharbuja Khana Chahiye

प्रेगनेंसी में खरबूजा खा सकते हैं या नहीं, यह खरबूजे में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के आधार पर तय किया जा सकता है। खरबूजे के पौष्टिक तत्वों की बात करें, तो इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, आयरन के साथ विटामिन ए, सी, ई और बी की भी मात्रा होती है (1)। वहीं खरबूजे में पाए जाने वाले यह सभी पोषक तत्व गर्भावस्था में काफी अहम माने जाते हैं (2)इसके अलावा डॉक्टर भी गर्भावस्था में मुख्य रूप से विटामिन सी की पूर्ति के लिए खरबूजा खाने की सलाह देते हैं (3) इस आधार पर यह माना जा सकता है कि गर्भावस्था में खरबूजा खाया जा सकता हैं।

लेख के अगले भाग में हम गर्भावस्था में खरबूजा खाने की संतुलित और सुरक्षित मात्रा बताएंगे।

गर्भावस्था के दौरान एक दिन में कितना खरबूजा खा सकते हैं?

गर्भावस्था में खरबूजा खाने की संतुलित मात्रा की बात की जाए तो सामान्य तौर पर गर्भवती महिलाएं दिनभर में करीब एक कप खरबूजे का सेवन कर सकती हैं (3)। वहीं, गर्भावस्था में खरबूजे का अधिक सेवन कुछ नुकसान भी प्रदर्शित कर सकता है, जिनके बारे में हम आपको लेख में आगे चलकर बताएंगे।

खरबूजे की सुरक्षित मात्रा के बाद आइए अब हम इसके पोषक तत्वों के बारे में भी थोड़ा जान लेते हैं।

खरबूजा के पोषक तत्व

नीचे खरबूज के पोषक तत्वों की जानकारी विस्तृत रूप से दी गई है। इस जानकारी के माध्यम से हम प्रति 100 ग्राम खरबूजे में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में जान सकते हैं (1):

  • 100 ग्राम खरबूजे में लगभग 90.15 ग्राम पानी, 34 किलोकैलोरी ऊर्जा, 0.84 ग्राम प्रोटीन, 0.19 ग्राम टोटल लिपिड, 8.16 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0.9 ग्राम डायटरी फाइबर, 7.86 ग्राम शुगर और 0.03 ग्राम स्टार्च पाया जाता है।
  • वहीं मिनरल्स की बात करें तो 100 ग्राम खरबूज में 9 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.21 मिलीग्राम आयरन, 12 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 15 मिलीग्राम फास्फोरस, 267 मिलीग्राम पोटेशियम, 16 मिलीग्राम सोडियम, 0.18 मिलीग्राम जिंक, 0.041 मिलीग्राम कॉपर, 0.041 मिलीग्राम मैगनीज, 0.4 माइक्रोग्राम सेलेनियम और 1 माइक्रोग्राम फ्लोराइड पाया जाता है।
  • इसके बात बात करें अगर विटामिन्स की तो प्रति 100 ग्राम खरबूजे में 169 माइक्रोग्राम वटामिन ए (RAE), 0.041 मिलीग्राम विटामिन बी1 (थियामिन), 0.019 मिलीग्राम विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन), 0.734 मिलीग्राम विटामिन बी3 (नियासिन), 0.105 मिलीग्राम विटामिन बी5 (पैंटोथैनिक एसिड), 0.072 विटामिन बी6, 21 माइक्रोग्राम फोलेट, 36.7 मिलीग्राम विटामिन सी और 2.5 माइक्रोगाम विटामिन के (फिलोक्विनोन) की मात्रा पाई जा सकती है।
  • इसके अलावा 100 ग्राम खरबूज में 0.051 ग्राम फैटी एसिड (टोटल सैचुरेटेड), 0.003 ग्राम फैटी एसिड (टोटल मोनोअनसैचुरेटेड) और 0.081 ग्राम फैटी एसिड (टोटल पॉलीसैचुरेटेड) पाया जा सकता है।

खरबूज के पोषक तत्व जानने के बाद आइए अब हम प्रेगनेंसी में खरबूजा खाने के फायदे जान लेते हैं।

गर्भावस्था के दौरान खरबूजा खाने के स्वास्थ्य लाभ | Benefits of Eating Muskmelon During Pregnancy in hindi

यहां हम क्रमवार प्रेगनेंसी में खरबूजा खाने के फायदे बताने जा रहे हैं, जिनके माध्यम से गर्भावस्था में इसकी उपयोगिता को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।

1. समय पूर्व जन्म का जोखिम कम करे

अध्ययनों से पता चलता है कि गर्भवास्था के दौरान, खासकर तीसरी तिमाही में विटामिन ए की कमी से गर्भावस्था में खून की कमी और समय से पहले प्रसव (प्रीमैच्योर बर्थ) का जोखिम बढ़ सकता है (4)। वहीं खरबूजा विटामिन ए का अच्छा स्रोत होता है (5)इस वजह से गर्भावस्था में खरबूजे के फायदे समय पूर्व जन्म का जोखिम कम कर सकते हैं।

2. भ्रूण को जन्म दोष से बचाए

अन्य पोषक तत्वों के साथ ही खरबूजे में फोलेट भी मौजूद होता है (1)। वहीं फोलटे की उचित मात्रा भ्रूण में रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क के विकास के लिए जरूरी मानी जाती है। इसके अलावा गर्भावस्था में इसकी अत्याधिक कमी भ्रूण में न्यूरल ट्यूब दोष (दिमाग और रीढ़ की हड्डी की जन्मजात विकृति) का कारण बन सकती है। इतना ही नहीं, फोलेट शरीर में श्वेत और लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है। इस कारण यह गर्भावस्था में होने वाली एनीमिया की समस्या में भी सहायक हो सकता है (6)। ऐसे में यह माना जा सकता है कि गर्भावस्था में खरबूजा खाना जच्चा-बच्चा दोनों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है।

3. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की इम्यूनटी में काफी बदलाव होता है, जिसके कारण सामान्य के मुकाबले गर्भवती महिलाओं में संक्रमण होने की आशंका अधिक हो सकती है (7)। ऐसे में खरबूजे का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। यह बात खरबूजे से संबंधित दो अलग शोध से स्पष्ट होती है। एक शोध में जिक्र मिलता है कि खरबूजे में मौजूद विटामिन ए के कारण यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है (8) वहीं दूसरे शोध में जिक्र मिलता है कि इसमें ओक्सीकाइन (Oxykine) नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। इस तत्व के कारण खरबूजे में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला) प्रभाव पाया जाता है (9)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में खरबूजा मदद कर सकता है।

4. वजन कम करने में मदद करे

अध्ययन के मुताबिक, लगभग एक तिहाई गर्भवती महिलाएं शरीर के भारी वजन या मोटापे से परेशान रहती हैं (10)। ऐसे में अधिक वजन और मोटापे की समस्या से बचाव के लिए गर्भावस्था के दौरान खरबूजे का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। यह बात खरबूजे से संबंधित एक शोध से स्पष्ट होती है। शोध में माना गया है कि खरबूजे में मौजूद फाइटोकेमिकल्स कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। उन समस्याओं में मोटापे की समस्या भी शामिल है (11)। ऐसे में यह माना जा सकता है कि वजन घटाने के उपाय के तौर पर खरबूजे का इस्तेमाल लाभकारी साबित हो सकता है।

5. कब्ज से बचने के लिए

गर्भावस्था में कब्ज की समस्या होने की स्थिति में भी खरबूजे का सेवन लाभकारी हो सकता है। दरअसल, खरबूजे में लैक्जेटिव (मल को ढीला करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इस प्रभाव के कारण खरबूजा कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में भी कारगर साबित हो सकता है (12)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि गर्भवस्था में खरबूजे का सेवन कब्ज की समस्या से आराम दिला सकता है।

6. हड्डियों को रखें मजबूत

गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास और उसकी हड्डियों के निर्माण में कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है। इस कारण गर्भावस्था में कई महिलाओं को हड्डियों में कमजोरी महसूस हो सकती है (13)। ऐसे में खरबूजे का उपयोग इस समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। दरअसल, खरबूजे में कैल्शियम के साथ-साथ फास्फोरस और मैग्नीशियम भी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में मदद कर सकते हैं। इस बात को खरबूजे से संबंधित एक शोध में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है (14)। इस आधार पर कहना गलत नहीं होगा कि खरबूजे को गर्भावस्था में हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

7. एनीमिया से करे बचाव

एनीमिया की समस्या के मुख्य कारणों में आयरन और फोलेट की कमी शामिल है (15)। वहीं खरबूजे में यह दोनों ही मौजूद होते हैं (1)। इसके अलावा लेख में आपको पहले ही बताया जा चुका है कि खरबूजे में फोलेट पाया जाता है, जो श्वेत और लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है। इस कारण यह एनीमिया में सहायक हो सकता है (6)। वहीं एक अन्य शोध से यह पता चलता है कि खरबूजे में मौजूद विटामिन सी भी एनीमिया की समस्या में राहत दिलाने का काम कर सकता है। वजह यह है कि विटामिन सी आयरन के अवशोषण के लिए आवश्यक होता है (16)। इन सभी तथ्यों को देखते हुए खरबूजे को एनीमिया की समस्या में भी लाभकारी माना जा सकता है।

8. रक्तचाप का स्तर नियंत्रित करे

उच्च रक्तचाप की समस्या को नियंत्रित करने के मामले में भी खरबूजे का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। दरअसल, खरबूजा एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों को नष्ट करने वाला) गुण से समृद्ध होता है। वहीं शरीर में मुक्त कणों की अधिकता कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकती हैं। इन समस्याओं में हाई बीपी भी शामिल है (17)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि खरबूजे का सेवन कर हाई बीपी को कुछ हद तक नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

9. केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को मजबूत करे

गर्भावस्था में खरबूजे का इस्तेमाल केन्द्रीय तंत्रिका तन्त्र को मजबूती प्रदान करने का भी काम कर सकता है, जो गर्भवती के साथ ही होने वाले बच्चे के लिए भी काफी आवश्यक है। इस बात का प्रमाण खरबूजे से संबंधित एक शोध से मिलता है। शोध में जिक्र है कि खरबूजे में फोलेट पाया जाता है, जो केन्द्रीय तंत्रिका तन्त्र को मजबूती प्रदान करने का काम कर सकता है। साथ ही यह तंत्रिका तंत्र संबंधी भ्रूण में होने वाले जन्मजात दोष स्पाइना बिफिडा (रीढ़ का ठीक से न बनना) की स्थिति के जोखिम को दूर करने में मदद कर सकता है (18)

10. विटामिन के की कमी को पूरा करे

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान महिलाओं के लिए विटामिन के काफी आवश्यक माना जाता है। वजह यह है कि तीसरी तिमाही में महिलाओं में विटामिन के काफी कम हो जाता है। वहीं जन्म के बाद बच्चे में विटामिन के की पूर्ति मां के दूध से ही होती है, जिसके लिए गर्भवती के शरीर में विटामिन के पर्याप्त मात्रा में होना आवश्यक है। ऐसे में विटामिन के की कमी के कारण बच्चे को दूध के माध्यम से विटामिन के पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता, जिससे होमोरेजिक डिजीज (खून बहने की समस्या) हो सकती है (19)। अब खरबूजा अन्य पोषक तत्वों के साथ ही विटामिन के से भी समृद्ध होता है (1)। इसलिए खरबूजे का सेवन इस जोखिम को भी कम करने में मदद कर सकता है।

लेख के अगले भाग में अब हम गर्भावस्था में खरबूजे के नुकसान को समझने का प्रयास करेंगे।

क्या गर्भावस्था के दौरान खरबूजा का सेवन करने के कोई दुष्प्रभाव हैं?

सामन्य तौर पर खरबूजे के कोई भी ज्ञात नुकसान नहीं हैं। फिर भी कुछ विशेष स्थितियों या फिर इसके अधिक सेवन के कारण कुछ दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :

  • कुछ लोगों को खरबूजे से एलर्जी की शिकायत हो सकती है (20)। ऐसे में खरबूजे के सेवन से बचना चाहिए।
  • खरबूजा फाइबर युक्त फल होता है (1)। वहीं, फाइबर की अधिक मात्रा से आंतों में गैस, पेट फूलना और पेट में ऐंठन की समस्या हो सकती है (23)
  • इसके अलावा दूषित खरबूजों में लिस्टीरिया नामक बैक्टीरिया हो सकता है। इसलिए ताजे खरबूजों को अच्छे से धुल के खाना चाहिए और काफी समय से रखे हुए कटे खरबूजों का सेवन नहीं करना चाहिए (24)

लेख के अंत में अब हम गर्भावस्था में खरबूजा शामिल करने के कुछ आसान तरीकों बताने जा रहे हैं।

गर्भावस्था में खरबूजा का आनंद लेने के बेहतरीन तरीके

गर्भावस्था के दौरान खरबूज खाना चाहते हैं तो इन आसान विधियों से इसे आहार में शामिल किया जा सकता है।

  • तरबूज को छीलकर सीधे खाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
  • खरबूज खाना पसंद न हो, तो इसका जूस या स्मूदी बनाकर भी पिया जा सकता है।
  • फ्रूट चाट में शामिल करके भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इसके छोटे टुकड़े दही के साथ मिलाकर भी खाने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
  • इसे सलाद के साथ मिलाकर भी खाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

गर्भावस्था में खरबूज खाना कितना फायदेमंद है, यह जानने के बाद इसे आहार में शामिल करने का विचार आना लाजमी है। ऐसे में आप लेख में दिए गए इसे इस्तेमाल करने के तरीकों को अपना सकते हैं। हालांकि, यह जरूर ध्यान रखें कि फायदे के साथ-साथ खरबूजा खाने के कुछ नुकसान भी है, जो इसके अधिक सेवन का परिणाम हो सकते हैं। इसलिए इसे हमेशा संतुलित मात्रा में ही उपयोग करें और सुरक्षित गर्भावस्था का आनंद उठाएं। उम्मीद है, आपको यह लेख पसंद आया होगा। गर्भावस्था से जुड़े ऐसे ही अन्य विषयों के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।

References

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1. Melons, cantaloupe, raw By USDA
2. Macronutrient and Micronutrient Intake during Pregnancy: An Overview of Recent Evidence By NCBI
3. Nutrition in Teenage Pregnancy By Wisconsin Department of Public Instruction
4. Effects of vitamin A deficiency during pregnancy on maternal and child health By NCBI
5. Vitamin A By National Institute of Health
6. Folate deficiency By Medlineplus
7. Why are pregnant women susceptible to COVID-19? An immunological viewpoint By NCBI
8. Nutrition, immunity and COVID-19 By NCBI
9. MUSK MELON IS EAT- MUST MELON By International Research Journal of Pharmacy
10. The Risks Associated With Obesity in Pregnancy By NCBI
11. MELON (CUCUMIS MELO L.) FRUIT NUTRITIONAL QUALITY AND HEALTH FUNCTIONALITY By Agricultural Research Services USDA
12. Pharmacognostical and Pharmacological Review of Cucumis Melo L. Including Unani Medicine Perspective By International Journal of Pharmacognosy and Chinese Medicine
13. Calcium and bone disorders in pregnancy By NCBI
14. Estimation of nutritional, phytochemical and antioxidant activity of seeds of musk melon (Cucumis melo) and water melon (Citrullus lanatus) and nutritional analysis of their respective oils By Journal of Pharmacy And Phytochemistry
15. Anemia By Medlineplus
16. A Nutrition, Health and Safety Manual for Family Child Care Providers By Education Resources Information Center
17. Phenolic content and antioxidant activity of cantaloupe (Cucumis melo) methanolic extracts By Reasearchgate
18. Consumer Preference Quality Attributes of Melon Fruits By National Agricultural Library Digital Collections
19. Vitamin K: the effect on health beyond coagulation – an overview By NCBI
20. An overview of fruit allergy and the causative allergens By Pubmed
21. Vitamin C
22. Fruit consumption and risk of type 2 diabetes: results from three prospective longitudinal cohort studies By NCBI
23. Fiber By Medlineplus
24. Outbreaks Associated with Cantaloupe, Watermelon, and Honeydew in the United States, 1973–2011 By NCBI

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