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प्रेगनेंसी में खीरा (Cucumber) खाने के 10 फायदे | Pregnancy Me Kheera Khane Ke Fayde

गर्मियों में आने वाला खीरा लोगों को बहुत लुभाता है। इसके सेहत संबंधी फायदों की वजह इसका सेवन कई तरह से किया जाता है। खासकर, इसे सलाद के रूप में खाना लोगों को बहुत पसंद है। वहीं, कई लोग खीरे का रायता बनाकर भी खाते हैं। वैसे, क्या यह गर्भावस्था में खाया जा सकता है? यह सवाल कई गर्भवती महिलाओं को परेशान कर सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम मॉमजंक्शन के इस लेख में गर्भावस्था में खीरे के फायदे और नुकसान दोनों ही बता रहे हैं। लेख में दी जाने वाली यह जानकारी आपको समझने में मदद करेगी कि गर्भावस्था में खीरा उपयोगी है या नहीं? तो आइए, लेख में आगे बढ़कर हम गर्भावस्था में खीरे की उपयोगिता को समझने का प्रयास करते हैं।

खीरे की उपयोगिता को समझने से पहले गर्भावस्था में खीरा सुरक्षित है या नहीं, यह जान लिया जाए।

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क्या प्रेगनेंसी में खीरा (Cucumber) खाना सुरक्षित है? | Pregnancy Mein Kheera Khana Chahiye

गर्भावस्था एक ऐसा समय है, जब महिला को कुछ खास पोषक तत्वों की मुख्य रूप से जरूरत होती है। इन पोषक तत्वों में फोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम काफी अहमियत रखते हैं (1)। वहीं, ये सभी तत्व खीरे में मौजूद होते हैं (2)इसके अलावा, विशेषज्ञ भी गर्भावस्था की पहली और तीसरी तिमाही में खीरे का सेवन करने की सलाह देते हैं (3) इस आधार पर खीरे को गर्भावस्था में सुरक्षित माना जा सकता है, बशर्ते इसका संतुलित मात्रा में सेवन किया जाए।

लेख के अगले भाग में अब हम गर्भावस्था में खीरे की ली जाने वाली सुरक्षित मात्रा के बारे में बात करेंगे।

गर्भावस्था में कितनी मात्रा में खीरा खाना सुरक्षित है?

गर्भावस्था में खीरे की कितनी मात्रा सुरक्षित है, इस बारे में कोई स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। वहीं, सामान्य तौर एक कप कटे हुए खीरे को स्नैक्स में शामिल करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में प्रतिदिन एक कप खीरे के सेवन को गर्भावस्था में सुरक्षित माना जा सकता है। सावधानी और सुरक्षा के लिहाज से चाहें, तो इस संबंध में एक बार अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।

लेख के अगले भाग में अब हम गर्भावस्था में खीरा खाने के सबसे अच्छे समय के बारे में बात करेंगे।

गर्भावस्था में खीरा खाने का सबसे अच्छा समय कब है?

जैसा कि लेख में पहले ही बताया जा चुक है कि खाद्य विशेषज्ञ पहली और तीसरी तिमाही में खीरे का सेवन करने की सलाह देते हैं (3)। इस आधार पर पहली और तीसरी तिमाही को खीरा खाने का अच्छा समय माना जा सकता है। इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए संबंधित डॉक्टर से संपर्क जरूर करें, क्योंकि सब की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है। ऐसे में, प्रेगनेंसी में इसके सेवन के सही समय में बदलाव हो सकता है।

अब हम आगे खीरे के पोषक मूल्य के विषय में बात करेंगे।

खीरे के पोषक तत्व

100 ग्राम खीरे में मौजूद पोषक तत्वों से जुड़ी जानकारी कुछ इस प्रकार है (2):

  • 100 ग्राम खीरे में करीब 96.73 ग्राम पानी, 12 किलो कैलोरी एनर्जी और 0.59 ग्राम प्रोटीन की मात्रा मौजूद रहती है।
  • मिनरल्स के तौर पर 100 ग्राम खीरे में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, कॉपर, जिंक, सोडियम और सेलेनियम पाया जाता है। इसमें से खीरे में पोटेशियम की मात्रा (136 मिली ग्राम) सबसे अधिक होती है।
  • 100 ग्राम खीरे में पाए जाने वाले विटामिन में मुख्य रूप से विटामिन-सी, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, पैंटोथेनिक एसिड, विटामिन बी-6, फोलेट, विटामिन ए, विटामिन ई और विटामिन के शामिल हैं। इनमें से खीरे में विटामिन-सी की मात्रा (3.2 ग्राम) सबसे अधिक है।
  • वहीं 100 ग्राम खीरे में लिपिड के रूप में सैचुरेटेड, पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड पाए जाते हैं, जिनमें सैचुरेटेड फैटी एसिड की मात्रा सबसे अधिक होती है।

लेख के अगले भाग में अब हम प्रेगनेंसी में खीरा खाने के फायदे बताएंगे।

प्रेगनेंसी में खीरा खाने के फायदे | Pregnancy Mein Kheera Khane Ke Fayde

लेख के इस भाग में अब हम गर्भावस्था में खीरा खाने से होने वाले फायदों को समझने का प्रयास करेंगे, जो कुछ इस प्रकार हैं :

1. वजन को नियंत्रित करने में मदद करे

गर्भावस्था के दौरान मोटापे की समस्या से जूझ रही महिलाएं वजन को नियंत्रित करने के लिए खीरे को उपयोग में ला सकती है। दरअसल, खीरे से संबंधित एक शोध में माना गया है कि यह पानी से भरपूर होने के साथ-साथ कई जरूरी पोषक तत्वों से युक्त होता है। वहीं, इसमें कैलोरी काफी कम मात्रा में मौजूद होती है। इस कारण यह वजन को बढ़ने नहीं देता और बढ़े वजन को कम करने के प्रयास में सहायक साबित हो सकता है (4)

2. हड्डियों के लिए उपयोगी

सेहत संबंधी अन्य फायदों के साथ ही इसे हड्डियों के लिए भी काफी उपयोगी माना गया है। दरअसल, खीरे को एल्कलाइन डाइट में शामिल किया गया है, यानी यह शरीर में अम्लीय स्तर को कम कर शरीर के पीएच स्तर को सुंतलित रखने का काम कर सकता है। वहीं, पीएच स्तर में असंतुलन के कारण हड्डियों में कमजोरी की शिकायत हो सकती है। इसलिए, खीरे को हड्डियों के लिए उपयोगी माना जा सकता है (5)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध कि आवश्यकता है।

3. डिहाइड्रेशन से बचाए

गर्भावस्था में पानी की कमी से बचने के लिए भी खीरे को उपयोग में लाया जा सकता है। दरअसल, खीरे में लगभग 95 प्रतिशत पानी मौजूद होता है। इस कारण यह पानी की कमी से होने वाली डिहाइड्रेशन की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है (5)

4. त्वचा का रखे ख्याल

गर्भावस्था में खुजली के साथ-साथ कुछ महिलाओं में त्वचा पर जलन और चुभन की समस्या होना आम है (6)। ऐसे में खीरे की स्लाइस सीधे त्वचा पर लगाने से इन समस्याओं से राहत पाई जा सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक खीरे में मॉइस्चराइजिंग और एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) के साथ त्वचा को ठंडक प्रदान करने वाला प्रभाव भी पाया जाता है, जो त्वचा की सूजन को कम कर जलन, चुभन और खुजली की समस्या से राहत दिलाने काम कर सकते हैं (5)

5. हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी

हृदय संबंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए भी खीरे को उपयोग में लाया जा सकता है। खीरे से संबंधित एक शोध में इस बात को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि यह खून के पीएच स्तर को सुधारने का कम कर सकता है, जिससे बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के साथ ही हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती है (5)। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि प्रेगनेंसी में खीरे का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।

6. मूड में करे सुधार

अमूमन होने वाली गर्भावस्था में अवसाद की समस्या से राहत पाने के लिए भी खीरे को उपयोग में लाया जा सकता है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े एक शोध में माना गया है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड डिप्रेशन की समस्या को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है। वहीं, खीरे में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा पाई जाती है (7)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि खीरा अवसाद की स्थिति को नियंत्रित कर इस दौरान मूड को सुधारने में कारगर साबित हो सकता है।

7. भ्रूण के विकास में सहायक

विशेषज्ञों के मुताबिक कैल्शियम, आयरन और फोलिक एसिड भ्रूण के विकास में सहायक माने जाते हैं  (8) वहीं, ये सभी तत्व खीरे में भी मौजूद होते हैं (2)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि भ्रूण के विकास में भी खीरे का सेवन महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

8. कब्ज से राहत दिलाए

विशेषज्ञों के मुताबिक खीरे में लैक्सेटिव गुण पाया जाता है, जो मल को ढीला कर कब्ज की शिकायत को दूर करने में मदद कर सकता है (9)। इसके साथ ही खीरे से संबंधित एक अन्य शोध में पाया गया कि खीरे के बीज में ठंडक पहुंचाने वाला प्रभाव पाया जाता है। यह प्रभाव कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (10)

9. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी खीरा अहम भूमिका निभा सकता है। खीरे से जुड़े एक शोध में माना गया कि इसमें साइटोप्रोटेक्टिव (आंतों में रक्त संचार को बढ़ावा देने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इस प्रभाव के कारण यह इम्यून सिस्टम को कमजोर करने वाले कारणों को नष्ट करने का काम कर सकता है। वहीं, इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है (5)

10. डायबिटीज को नियंत्रित करे

गर्भावस्था में बढ़े हुए ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के मामले में भी खीरा अहम भूमिका निभा सकता है। खीरे के स्वास्थ्य लाभ से संबंधित एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है। शोध में जिक्र मिलता है कि खीरे में एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर कम करने वाला प्रभाव) पाया जाता है। इस तरह यह बढ़े हुए ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में अपना योगदान दे सकता है (11)

खीरे के फायदे जानने के बाद अब हम गर्भावस्था में खीरे के साइड इफेक्ट्स जानने का प्रयास करेंगे।

गर्भावस्था के दौरान खीरा खाने के साइड इफेक्ट्स

निम्न बिन्दुओं के माध्यम से हम गर्भावस्था के दौरान दिखने वाले खीरे के साइड इफेक्ट के बारे में जानेंगे।

  • खीरे का सेवन गैस बनाता है, इसलिए इसके अधिक सेवन के कारण पेट में ऐंठन और मरोड़ की समस्या हो सकती है (12)
  • खीरे के बीज में ड्यूरेटिक (मूत्रवर्धक) प्रभाव पाया जाता है (13)। इसलिए, इसका अधिक सेवन बार-बार पेशाब लगने की समस्या पैदा कर सकता है।
  • खाद्य पदार्थ विशेष से एलर्जी की शिकायत वाले कुछ लोगों को खीरे के सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है (14)। इसलिए, ऐसे लोगों को खीरे के सेवन से पहले डॉक्टर से राय ले लेनी चाहिए।
  • खीरों का सेवन कुछ मामलों में विषाक्तता का कारण बन सकता है। इसलिए, स्वाद में कड़वे खीरों को न खाने की सलाह दी जाती है (15)

लेख के अगले भाग में हम खीरे का सेवन करने से पहले बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानेंगे।

खीरे का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

खीरा खाने से पूर्व निम्न सावधानियों को ध्यान में रखना जरूरी है, जो कुछ इस प्रकार हैं :

  • खीरे को अच्छी तरह धुलने के बाद ही उसे काटे और खाने के लिए उपयोग में लाएं, क्योंकि खीरे पर धूल-मिट्टी के साथ ही कुछ विषैले रसायन भी मौजूद हो सकते हैं।
  • हमेशा खीरे को तुरंत काटकर ही खाएं। पहले से कटे रखे खीरे खाने के लिए इस्तेमाल न करें।

लेख के अगले भाग में अब हम आपको गर्भावस्था में खीरा खाने के आसान तरीकों के बारे में बताएंगे।

गर्भावस्था के दौरान खीरा खाने के तरीके

खीरे को सेवन करने के लिए निम्न तरीकों के माध्यम से इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • खीरे को सलाद के रूप में काटकर खाया जा सकता है।
  • खीरे का रायता बनाकर भी इसे उपयोग किया जा सकता है।
  • हरी सब्जियों के साथ मिलाकर इसका जूस बनाकर भी पिया जा सकता है।
  • सैंडविच में इसे लगाकर भी खाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

गर्भावस्था में खीरा उपयोगी है या नहीं, इस सवाल का जवाब तो आपको मिल ही गया होगा। साथ ही लेख के माध्यम से आप गर्भावस्था में खीरे के फायदों से भी परिचित हुए। ऐसे में खीरे को नियमित इस्तेमाल करने का ख्याल मन में न आए यह तो मुमकिन नहीं। तो अधिक मत सोचिए और आज से ही इसे अपने आहार में जगह दीजिए। लेख में शामिल इसे इस्तेमाल करने के तरीके इस काम में मददगार साबित होंगे। आशा करते हैं कि स्वस्थ गर्भावस्था को बनाए रखने में यह लेख काफी हद तक मददगार साबित होगा। गर्भावस्था से जुड़े अन्य विषयों के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।

References

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1. Pregnancy and Nutrition By Medlineplus
2. Cucumber, raw By Usda
3. Food consumption patterns during pregnancy: a longitudinal study in a region of the North East of Brazil By Edu
4. Invigorating Efficacy of Cucumis Sativas for Healthcare By Pharmaresearchlibrary
5. EVALUATING THE POTENTIAL BENEFITS OF CUCUMBERS FOR IMPROVED HEALTH AND SKIN CARE By Academia
6. Prevalence and Relevance of Pruritus in Pregnancy By Ncbi
7. Omega-3 and omega-6 content of medicinal foods for depressed patients: implications from the Iranian Traditional Medicine By Ncbi
8. Maternal Diet and Nutrient Requirements in Pregnancy and Breastfeeding. An Italian Consensus Document By Ncbi
9. FIRST REPORT ON LAXATIVE ACTIVITY OF CUCUMIS SATIVUS By Globalresearchonline
10. Phytochemical and therapeutic potential of cucumber By Ncbi
11. THE EFFECT OF CUCUMIS SATIVUS (CUCUMBER) ON BLOOD GLUCOSE CONCENTRATION AND BLOOD PRESSURE OF APPARENTLY HEALTHY INDIVIDUALS IN PORT HARCOURT By Researchgate
12. Prevention and Treatment of Flatulence From a Traditional Persian Medicine Perspective By Ncbi
13. Free Radical Scavenging and Analgesic Activities of Cucumis sativus L. Fruit Extract By Ncbi
14. Cucumis Sativus (Cucumber) -Derived Ingredients as Used in Cosmetics By Cir
15. Cucurbitacins – An insight into medicinal leads from nature By Ncbi

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