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क्या प्रेगनेंसी में पेरासिटामोल का सेवन सुरक्षित है? | Paracetamol In Pregnancy In Hindi

पेरासिटामोल ऐसी दवा है, जिसे आमतौर पर दर्द और बुखार से राहत पाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। यह इतनी आम है कि इसे बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के भी लिया जा सकता है। यही वजह है कि कई महिलाएं बेझिझक गर्भावस्था में पेरासिटामोल प्रयोग कर लेती हैं। वहीं, यह जान लेना जरूरी है कि इस तरह गर्भावस्था में पेरासिटामोल लेना सही है या नहीं, क्योंकि गर्भावस्था में बिना डॉक्टरी परामर्श के किसी भी दवा का सेवन उचित नहीं माना जाता है। तो आइए, इधर-उधर की बात किए बिना लेख में आगे बढ़कर हम जानने का प्रयास करते हैं कि गर्भावस्था में पेरासिटामोल कितनी सुरक्षित है।

आइए, सबसे पहले हम पेरासिटामोल के बारे में जान लेते हैं।

In This Article

क्‍या है पेरासिटामोल?

पेरासिटामोल को वैज्ञानिक भाषा में एसीटामिनोफेन (Acetaminophen) के नाम से जाना जाता है। यह ऐसी दवा है, जिसमें एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) और एंटीपायरेटिक (बुखार को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है (1)। यही वजह है कि सामान्य बुखार और दर्द की समस्या में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

स्क्रॉल करके जानें कि गर्भावस्था में पेरासिटामोल का उपयोग किया जा सकता है या नहीं।

क्‍या प्रेगनेंसी में पेरासिटामोल खाना सुरक्षित है?

सामान्य तौर पर जब गर्भावस्था में घरेलू उपचार के माध्यम से बुखार की स्थिति नियंत्रित नहीं होती है, तो उस स्थिति में पेरासिटामोल के उपयोग को किसी भी अन्य दवा के मुकाबले सुरक्षित माना गया है (2) वहीं, एक अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था में पेरासिटामोल का उपयोग होने वाले बच्चे में कुछ शारीरिक समस्या (जैसे अस्थमा) का कारण बन सकता है (3) इसलिए, सावधानी के तौर पर गर्भावस्था में पेरासिटामोल का उपयोग डॉक्टरी परामर्श पर ही करें।

लेख के अगले भाग में अब हम प्रेगनेंसी में पेरासिटामोल की सुरक्षित मात्रा के बारे में बताएंगे।

प्रेगनेंसी में पेरासिटामोल की कितनी मात्रा लेनी चाहिए?

गर्भावस्था में पेरासिटामोल का इस्तेमाल डॉक्टरी परामर्श पर कम से कम मात्रा में किया जाना चाहिए। वहीं, शोध में गर्भावस्था में ली जाने वाली कम से कम मात्रा 500 मिलीग्राम दी गई है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि गर्भावस्था में जरूरत की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से 500 मिलीग्राम की पेरासिटामोल टैबलेट का इस्तेमाल किया जा सकता है (3)। हालांकि, गर्भवती की शारीरिक स्थिति के अनुसार डॉक्टर इसकी मात्रा में बदलाव भी कर सकते हैं।

आगे अब हम प्रेगनेंसी में पेरासिटामोल खाने के नुकसान के बारे में बताएंगे।

प्रेगनेंसी में पेरासिटामोल खाने से होने वाले नुकसान

गर्भावस्था में पेरासिटामोल का अधिक मात्रा में सेवन कुछ दुष्परिणाम भी प्रदर्शित कर सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं :

  • जन्म दोष : गर्भावस्था में पेरासिटामोल दवा का अधिक इस्तेमाल कुछ मामलों में होने वाले बच्चे में क्रिप्टोरचिडिज्म (cryptorchidism) नामक जन्म दोष का कारण बन सकता है (2)। बता दें क्रिप्टोरचिडिज्म (cryptorchidism) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें जन्मे लड़के प्रभावित होते हैं। इस समस्या में लड़के के टेस्टिकल्स जननांग से ऊपर स्थिति हो जाते हैं और टेस्टिकल बैग में नहीं आ पाते हैं।
  • व्यवहार संबंधी समस्या : गर्भावस्था में पेरासिटामोल का अधिक प्रयोग होने वाले बच्चे में मानसिक संबंधी विकास को प्रभावित कर सकता है। इस कारण जन्म के बाद बच्चे को सीखने में देरी जैसी व्यवहार संबंधी समस्याएं देखी जा सकती हैं (4)
  • श्वसन संबंधी समस्या : गर्भावस्था में अधिक पेरासिटामोल का सेवन करने वाली कुछ महिलाओं के बच्चों में लंबे समय के अंतराल पर अस्थमा जैसी श्वसन संबंधी समस्या देखी जा सकती है (3)

अब हम पेरासिटामोल की जगह इस्तेमाल में लाए जाने वाले कुछ घरेलू उपचारों के विषय में जानेंगे।

पेरासिटामोल की जगह ये घरेलू उपचार आजमाएं

जैसा कि हम लेख में आपको पहले ही बता चुके हैं कि पेरासिटामोल का इस्तेमाल सामान्य रूप से बुखार और दर्द से राहत पाने के लिए किया जाता है। ऐसे में यहां हम बुखार और दर्द के लिए अलग-अलग घरेलू उपचार बताने का प्रयास करेंगे। हालांकि, इस बात को ध्यान में रखना आवश्यक है कि प्रेगनेंसी में किसी भी बुखार को सामान्य न लेते हुए अपने गायनेकोलॉजिस्ट से अवश्य ही परामर्श लेना चाहिए, जिससे बुखार के कारण का भी निदान हो सके।

1. गर्भावस्था के दौरान बुखार के लिए घरेलू उपचार :

गर्भावस्था में बुखार से राहत पाने के लिए निम्न घरेलू तरीकों को इस्तेमाल में लाया आ सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं :

  • ठंडे पानी में भीगे कपड़े को माथे पर रखने से बुखार में आराम मिल सकता है (5)
  • बाजुओं और शरीर को ठंडे पानी में भीगे कपड़े से पोंछने से बुखार में आराम मिल सकती है (5)
  • गुनगुने पानी से नहाने से भी बुखार को कम करने में मदद मिल सकती है (5)
  • अदरक की चाय का सेवन बुखार को कम करने में मदद कर सकता है, क्योंकि इससे जुड़े एक शोध में अदरक के एंटीपायरेटिक यानी बुखार को कम करने वाले गुण का पता चलता है (6) वहीं, प्रेगनेंसी में अदरक का सेवन सुरक्षित माना गया है (7)।तनाव से दूर रखकर भी बुखार को कम करने में मदद मिल सकती है (8)
  • जितना संभव हो हल्के और ढीले कपड़े पहनें। इससे भी बुखार को कम करने में मदद मिल सकती है (9)

2. गर्भावस्था के दौरान दर्द से निपटने के घरेलू उपाय :

गर्भावस्था के दौरान होने वाली दर्द से आराम पाने के लिए निम्न घरेलू उपायों को इस्तेमाल में लाया जा सकता है :

  • शरीर की मसाज के साथ-साथ प्रभावित हिस्से की मसाज से दर्द में राहत पाई जा सकती है (10)। ध्यान रहे, प्रेगनेंसी में मसाज डॉक्टरी परामर्श पर और किसी एक्सपर्ट से ही कराएं।
  • तनाव और थकान के कारण होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए योग अभ्यास करना फायदेमंद हो सकता है (11)। इसके लिए भी डॉक्टरी सलाह जरूरी है। साथ ही एक्सपर्ट की देखरेख में ही हल्के योग अभ्यास करें, जिनमें ज्यादा शारीरिक क्रियाओं की आवश्यकता न हो।
  • एक्यूपंचर को भी दर्द से राहत दिलाने में प्रभावी माना जाता है (12)किसी विशेषज्ञ द्वारा ही कराया जाए (13)
  • अगर गर्भावस्था में कोई महिला साइनस के दर्द से पीड़ित है, तो ऐसे में वह नाक और माथे की गर्म सिंकाई करके राहत पा सकती है (14) सावधानी के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
  • वहीं, कमर और गर्दन के दर्द से राहत पाने के लिए घरेलू तौर पर ठंडी या गर्म सिंकाई का सहारा लिया जा सकता है (15)

नोट : ऊपर बताए गए उपाय सामान्य बुखार या दर्द की स्थिति में फायदेमंद हो सकते हैं। वहीं, बुखार या दर्द ज्यादा बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

गर्भावस्था में पेरासिटामोल का उपयोग सुरक्षित है या नहीं, मुमकिन है कि आप सभी को इसके बारे में पता चल गया होगा। वहीं, इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि बिना सावधानी इसे गर्भावस्था में लेना शुरू कर दिया जाए, क्योंकि, प्रत्येक दवा के कुछ न कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं। वहीं, जब बात गर्भावस्था की हो, तो किसी भी दवा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। यही वजह है कि लेख में गर्भावस्था में पेरासिटामोल के नुकसान भी विस्तार से बताए गए हैं। इसलिए, हमारी सलाह यही है कि डॉक्टरी परामर्श के बाद ही गर्भावस्था में पेरासिटामोल का उपयोग करें।

References

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1. Acetaminophen By Ncbi
2. Paracetamol during pregnancy: no particular danger for the child By Ncbi
3. Paracetamol Medication During Pregnancy: Insights on Intake Frequencies, Dosages and Effects on Hematopoietic Stem Cell Populations in Cord Blood From a Longitudinal Prospective Pregnancy Cohort By Ncbi
4. Association of Acetaminophen Use During Pregnancy With Behavioral Problems in Childhood: Evidence Against Confounding By Ncbi
5. Treat Fever By Cdc
6. Pharmacological studies on ginger. I. Pharmacological actions of pungent constitutents, (6)-gingerol and (6)-shogaol By Ncbi
7. A systematic review and meta-analysis of the effect and safety of ginger in the treatment of pregnancy-associated nausea and vomiting By Ncbi
8. Psychogenic fever: how psychological stress affects body temperature in the clinical population By Ncbi
9. Physical treatment of fever By Ncbi
10. The Effects of Massage Therapy on Pain Management in the Acute Care Setting By Ncbi
11. Perspectives on Yoga Inputs in the Management of Chronic Pain By Ncbi
12. Acupuncture for Pain By Ncbi
13. Safety of acupuncture during pregnancy: a retrospective cohort study in Korea By Ncbi
14. Sinus Infection (Sinusitis) By Cdc
15. Heat or cold packs for neck and back strain: a randomized controlled trial of efficacy By Ncbi

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