
Image: iStock
गर्भावस्था एक महिला के जीवन का सबसे सुखद समय होता है। इस दौरान एक गर्भवती महिला कई प्रकार के शारीरिक बदलावों से होकर गुजरती है, जो विभिन्न लक्षणों के साथ अपनी मौजूदगी का एहसास कराते हैं। सिरदर्द भी ऐसा ही लक्षण है, जो इस दौरान विभिन्न वजहों से हो सकता है और इसका सामना एक महिला अपनी पूरी गर्भावस्था में कर सकती है। प्रेगनेंसी में सिरदर्द की समस्या सामान्य से लेकर गंभीर हो सकती है, जिसका इलाज करना बेहद जरूरी हो जाता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द के कारण, लक्षण और उससे निजात पाने के सटीक उपचारों के बारे में बता रहे हैं।
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि क्या प्रेगनेंसी के दौरान सिरदर्द होना सामान्य लक्षण है?
क्या प्रेगनेंसी में सिरदर्द होना सामान्य है?
जी हां, प्रेगनेंसी के दौरान एक गर्भवती महिला को सिरदर्द होना सामान्य है। विशेषज्ञों द्वारा प्रेगनेंसी में सिरदर्द पर किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह जानकारी दी गई है। हालांकि, इस वैज्ञानिक शोध में यह भी कहा गया है कि गर्भावस्था के दौरान और डिलीवरी के बाद सिरदर्द के लक्षण 39 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं (1)। वहीं, एक अन्य रिपोर्ट में यह बताया गया है कि गर्भावस्था की पहली तिमाही में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण भी सिरदर्द की समस्या बन सकती है (2)। सिरदर्द की परेशानी बढ़ जाने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
लेख के इस भाग में हम उन कारणों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे सिरदर्द हो सकता है।
प्रेगनेंसी में सिरदर्द क्यों होता है? | Pregnancy Me Sar Dard Kyu Hota Hai
पहली तिमाही : प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में रक्त प्रवाह और हार्मोनल बदलाव सिरदर्द की समस्या का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, तनाव, थकान, साइनस और आंखों में खिंचाव भी सिरदर्द की समस्या खड़ी कर सकती है (2)। ये परिवर्तन दूसरी या तीसरी तिमाही में भी जारी रह सकते हैं।
दूसरी तिमाही : प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में भी सिरदर्द की समस्या हो सकती है। ऐसा कैरोटिड आर्टरी डिसेक्शन (Internal carotid artery dissection) यानी गर्दन की नस में होने वाले किसी दोष की वजह से ऐसा हो सकता है, लेकिन ऐसा होने की आशंका बहुत कम होती है (3)।
तीसरी तिमाही : तीसरी तिमाही में भी गर्भवती महिला को सिरदर्द परेशान कर सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में दावा किया गया है कि सामान्य गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में सिरदर्द की समस्या एक सामान्य लक्षण हैं (4)।
आइए, अब लेख के इस भाग में जानते हैं कि गर्भावस्था में सिरदर्द के क्या-क्या लक्षण हो सकते हैं।
गर्भावस्था में सिरदर्द होने के लक्षण
गर्भावस्था में सिरदर्द के लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :
- आंखों का लाल रहना और उनमें जलन होना
- सिर का भारी रहना
- जी मिचलाना
- चमकदार रोशनी देखने के बाद आंखों में दर्द होना
- उल्टी होना
- कभी-कभी चक्कर आना भी सिरदर्द के लक्षण हो सकते हैं।
नोट – अगर आपको सिरदर्द के साथ कोई अन्य लक्षण नजर आता हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
लेख के इस भाग में आपको प्रेगनेंसी के दौरान सिरदर्द के विभिन्न प्रकार के बारे में बताया जा रहा है।
प्रेगनेंसी के दौरान सिरदर्द के विभिन्न प्रकार
प्रेगनेंसी के दौरान सिरदर्द को प्राथमिक, द्वितीय और अंतिम चरण में बांटा गया है (5)। फिलहाल, यहां हम आपको इसके विभिन्न प्रकार के बारे में जानकारी दे रहे हैं –
- माइग्रेन (Migraine) : गर्भावस्था में माइग्रेन एक सामान्य प्रकार का सिरदर्द है। यह एक दर्दनाक सिरदर्द है, जो आमतौर पर सिर के एक तरफ महसूस होता है। यह माइग्रेन तनाव, कम नींद और चमकदार रोशनी के कारण भी हो सकता है। इसके कारण कभी-कभी मतली, उल्टी और चमकदार प्रकाश के प्रति समस्या महसूस होती है। माइग्रेन से पीड़ित महिलाओं को प्रकाश की चमक प्रिज्म रूप में दिखती है और उनके हाथों-पैरों में झुनझुनी भी हो सकती है (2)।
- टेंशन टाइप हेडैक (Tension-type headache): गर्भावस्था में ‘टेंशन टाइप हेडैक’ को तनाव के कारण होने वाला सिरदर्द समझा जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान होने वाले सिरदर्द में 26 प्रतिशत मामले टेंशन टाइप हेडैक के देखे गए हैं (5)। इसका मुख्य कारण तनाव और पर्याप्त नींद की कमी हो सकता है (6)। इसका मुख्य लक्षण सिर के दोनों तरफ होने वाला दर्द है, जो आमतौर पर सिर के ललाट भाग में होता हैरोशनी को भी शामिल किया जा सकता है।
- क्लस्टर सिरदर्द (Cluster headache) : यह गंभीर सिरदर्द की स्थिति है। माइग्रेन से उलट यह हार्मोनल बदलाव, मासिक धर्म, गर्भ निरोधक दवाओं का उपयोग और गर्भावस्था से जुड़ा हो सकता है (7)। क्लस्टर सिरदर्द के अन्य कारणों में धूम्रपान, अल्कहोल का सेवन और तेज रोशनी को भी शामिल किया जा सकता है (8))। आमतौर पर यह सिरदर्द रोगी को नींद से जगाता है। साथ ही यह एक ही साइट पर बार-बार होता हैठंड के मौसम में यह समस्या ज्यादा प्रभावी हो सकती है
- साइनस हेडैक (Sinus Headache) : साइनस हेडैक की समस्या गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में देखी जा सकती है। साइनस सिरदर्द की समस्या का प्रमुख कारण नाक में रुकावट होना और बहती नाक माना जाता है। प्रारंभिक गर्भावस्था में साइनस सिरदर्द की आशंका आम हो सकती है (2))। ठंड के मौसम में यह समस्या ज्यादा प्रभावी हो सकती है।
- प्री-एक्लेमप्सिया: जब गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप बढ़ जाता है, तो महिलाओं को प्री- एक्लेमप्सिया हो सकता है। यह भी सिरदर्द का कारण बन सकता है।
आइए, अब लेख के इस भाग में जानते हैं कि गर्भावस्था में सिरदर्द का इलाज कैसे किया जा सकता है।
गर्भावस्था में सिर दर्द का इलाज | Pregnancy Mein Sar Dard Ka Ilaj
गर्भावस्था में सिरदर्द की समस्या से पीड़ित महिलाओं में सिरदर्द का इलाज कुछ इस प्रकार किया जा सकता है –
- नो-ड्रग थेरेपी – गर्भावस्था के दौरान माइग्रेन जैसे सिरदर्द की समस्या का इलाज करने के लिए नो-ड्रग थेरेपी को अपनाया जा सकता है। इसके अंतर्गत मसाज, भरपूर नींद, आइसपैक व बायोफीडबैक प्रक्रिया को शामिल किया जा सकता है (9)। इन सभी के बारे में हम यहां विस्तार से बता रहे हैं :
मसाज – आप गर्भावस्था में महिला को मसाज थेरेपी दे सकते हैं। सिरदर्द की स्थिति में डॉक्टरी सलाह और विशेषज्ञ के हाथों मसाज की जा सकती है।
भरपूर नींद – गर्भावस्था के दौरान आवश्यक नींद लेकर भी सिरदर्द की समस्या का इलाज किया जा सकता है।
आइसपैक – गर्भावस्था के दौरान आइसपैक के जरिए भी सिरदर्द का इलाज किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में देखा गया कि कैरोटिड आर्टरी (गर्दन की धमनी) पर आइसपैक रखने से माइग्रेन में कमी आ सकती है (10)।
बायोफीडबैक – बायोफीडबैक एक प्रक्रिया है, जो शरीर की कई गतिविधियों को मापती है। इसके बाद उन्हें नियंत्रित करने के लिए आपको जानकारी दी जाती है। बायोफीडबैक में निम्न शारीरिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाती है: (11)
- रक्तचाप
- मस्तिष्क तरंग (ईईजी)
- सांस लेना
- हृदय गति
- मांसपेशियों का खिंचाव
- त्वचा का तापमान
बायोफीडबैक में इन शारीरिक स्थितियों में सुधार करने के बाद खासकर माइग्रेन की समस्या में काफी सुधार हो सकता है (12)।
- रोगनिरोधी (Prophylactic) – रोगनिरोधी दवाइयां गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द की समस्या को ठीक करने के लिए अपनाई जा सकती हैं। खासकर, टेंशन टाइप और क्लस्टर हेडैक पर यह प्रभावी असर दिखा सकती हैं (12)। आप खुद से कोई भी दवा न लें, पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
- एक्यूपंक्चर (Acupuncture) – गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द का इलाज करने के लिए एक्यूपंक्चर उपचार की मदद ली जा सकती है। ध्यान रहे कि इसे डॉक्टरी सलाह पर और किसी एक्यूपंक्चर विशेषज्ञ के हाथों ही कराएं (13) (5)।
- एक्यूप्रेशर (Acupressure) – प्रेगनेंसी के दौरान एक्यूप्रेशर उपचार भी एक लाभदायक विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह गर्भावस्था के दौरान होने वाली थकान, ऐंठन और पीठदर्द के साथ सिरदर्द को भी कम कर सकता है (14)।
अगले भाग में जानिए कि प्रेगनेंसी में सिरदर्द को घरेलू उपचार के जरिए कैसे ठीक किया जा सकता है।
प्रेगनेंसी में सिरदर्द के 8 घरेलू उपचार | Pregnancy Mein Sar Dard Ke Gharelu Upay
प्रेगनेंसी में सिरदर्द के घरेलू उपचार निम्न प्रकार से हैं :
- मसाज के जरिए : जैसा कि ऊपर बताया है कि गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द को ठीक करने के लिए मसाज का सहारा लिया जा सकता है (9)। अगर आप गर्भावस्था के दौरान माइग्रेन से पीड़ित है, तो मसाज के जरिए आराम मिल सकता है (15)। मसाज डॉक्टरी सलाह पर और किसी अनुभवी के हाथों से ही करवाएं।
- योग के जरिए : स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं के समाधान के लिए योग की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था में सिरदर्द की समस्या से छुटकारा पाने के लिए योग एक प्रभावी विकल्प हो सकता है (5)। गर्भावस्था में योग करने के तरीके के लिए आप किसी योग विशेषज्ञ की मदद जरूर लें।
- पानी पीने से : शरीर में पानी की कमी सिरदर्द का कारण बन सकती है (16)। गर्भावस्था के दौरान 8-10 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है, जिसे इस दौरान जारी रखा जा सकता है (17)।
- भाप लें : गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द को कम करने के लिए भाप लेना एक विकल्प हो सकता है। इसके लिए एक बर्तन में पानी गर्म करें और सिर को तौलिये से ढककर गर्म पानी की भाप लें। यह प्रक्रिया कुछ मिनट तक जारी रखी जा सकती है। साइनसाइटिस और एलर्जी के रोगियों इससे ज्यादा फायदा हो सकता है।
नोट – गर्भावस्था के दौरान यह उपाय डॉक्टरी सलाह पर ही करें।
- शॉवर लें : गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द की मामूली स्थिति को दूर करने लिए गुनगुने पानी से शॉवर लिया जा सकता है। ध्यान रहे कि इस दौरान बाथरूम में सावधानी जरूर बरतें।
- अदरक का सेवन : अदरक एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका इस्तेमाल गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द की समस्या को दूर करने के लिए किया जा सकता है (18)। खासकर, माइग्रेन के लिए अदरक का उपचार फायदेमंद हो सकता है (19)।
- लैवेंडर तेल : सिरदर्द को ठीक करने के लिए एरोमा थेरेपी एक प्रभावशाली विकल्प हो सकता है। इसके लिए लैवेंडर एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है। लैवेंडर तेल माइग्रेन को कम कर सकता है (20)। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान तनाव और चिंता (सिरदर्द का कारण) को दूर करने के लिए लैवेंडर तेल का प्रयोग एक क्रीम के रूप में किया जा सकता है (21)।
- तुलसी के तेल से : गर्भावस्था में सिरदर्द को दूर करने के लिए तुलसी के तेल का प्रयोग किया जा सकता है। इसकी कुछ बूंदें सिर पर लगाकर हल्की मालिश की जा सकती है। यह मांसपेशियों के दर्द को दूर रखने में मदद कर सकता है (22), (23)।
आइए, लेख के इस भाग में जानते हैं कि प्रेगनेंसी में सिरदर्द से कैसे बचा जा सकता है।
प्रेगनेंसी में सिरदर्द से कैसे बचें?
प्रेगनेंसी के दौरान सिरदर्द से निम्न प्रकार से बचा जा सकता है(2) :
- सिरदर्द के जोखिम कारकों से बचें, जिसमें एलर्जी और कुछ खाद्य पदार्थ शामिल हैं, जैसे मांस और पैकेट बंद पनीर आदि।
- धूम्रपान और अल्कोहल से दूर रहें।
- स्वस्थ भोजन और तरल पदार्थों का सेवन करें।
- गर्भावस्था के दौरान चिंता और तनाव मुक्त रहने की कोशिश करें। जितना हो सके स्वयं को खुश रखें।
- माइग्रेन सिरदर्द की स्थिति में शोर वाले स्थानों पर जाने से बचें।
आगे हम बता रहे हैं कि प्रेगनेंसी में सिरदर्द होने पर किस अवस्था में डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
प्रेगनेंसी में सिरदर्द होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
प्रेगनेंसी में सिरदर्द होने के लक्षण सामान्य हो सकते हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में गर्भवती को डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता हो सकती है (24)।
- यदि सिर दर्द के साथ-साथ पसलियों के नीचे दर्द हो
- सिरदर्द के दौरान दिल में जलन महसूस हो
- अचानक चेहरे, हाथों या पैरों में सूजन होने पर
- आंखों की दृष्टि में समस्या होने पर
- अगर सिरदर्द गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद हो (25)।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रेगनेंसी में सिरदर्द की दवा लेना ठीक रहेगा? | Pregnancy Me Sar Dard Ki Dawa
गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द की दवा लेने से बचें, क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव मां और भ्रूण के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है (26)। पेरासिटामोल गर्भावस्था में सुरक्षित है और इसे डॉक्टर की सलाह पर सुरक्षित तरीके से लिया जा सकता है।
क्या पूरी गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द रह सकता है?
हां, विभिन्न कारणों की वजह से पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में सिरदर्द बना रह सकता है (2), (3), (4)। हमने इस विषय में ऊपर लेख में विस्तार से बताया है।
क्या सिरदर्द गर्भपात होने का लक्षण है?
जी नहीं, सिरदर्द गर्भपात का कारण नहीं बनता है, लेकिन बेहतर होगा कि इस विषय में आप डॉक्टर से सही जानकारी लें।
क्या प्रेगनेंसी में सिरदर्द की वजह से शिशु के लिंग बारे में कुछ पता चल सकता है?
नहीं, प्रेगनेंसी में सिरदर्द की वजह से शिशु के लिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकती है। मॉमजंक्शन आपको सलाह देता है कि किसी भी संस्थान में लिंग जांच के लिए न जाएं, क्योंकि जन्म से पहले लिंग जांच परीक्षण एक कानूनन अपराध है (27)।
गर्भावस्था में सिरदर्द और प्रीक्लेम्पसिया क्या आपस में जुड़े हुए हैं?
हां, सिरदर्द को प्रीक्लेम्पसिया का लक्षण माना जा सकता है (1)। प्रीक्लेम्पसिया गर्भावस्था के दौरान एक उच्च रक्तचाप विकार है, जो मां और भ्रूण के लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है (25)।
आपने इस लेख के माध्यम से जाना कि किस प्रकार गर्भावस्था के दौरान मां को सिरदर्द की समस्या से सुरक्षित रखा जा सकता है। आप गर्भावस्था में सामान्य सिरदर्द का इलाज बताए गए तरीकों को अपनाकर घर में ही कर सकते हैं, लेकिन लगातार हो रहे या गंभीर स्थिति में डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। हम उम्मीद करते हैं कि गर्भावस्था से जुड़ी हुई इस समस्या की जानकारी आपके लिए लाभदायक साबित होगी।