क्या प्रेगनेंसी में च्यवनप्राश खा सकते हैं ? | Chyawanprash During Pregnancy In Hindi

In This Article

प्रेगनेंसी के दौरान खानपान का खास ध्यान रखा जाता है। इस समय किसी भी नए और अलग खाद्य पदार्थ को आहार में शामिल करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ली जाती है। ऐसे में गर्भावस्था के समय च्यवनप्राश जैसे आयुर्वेदिक पदार्थ लेने से पहले भी कई बातों को जानना जरूरी है। इन तथ्यों की जानकारी मॉमजंक्शन के इस लेख से आप प्राप्त कर सकते हैं। यहां हम बताएंगे कि गर्भावस्था में च्यवनप्राश कब नहीं खाना चाहिए और प्रेगनेंसी में च्यवनप्राश के फायदे होते हैं या नहीं।

सबसे पहले जानिए कि गर्भावस्था के दौरान च्यवनप्राश खाना सुरक्षित है या नहीं।

क्या प्रेगनेंसी में च्यवनप्राश खाना सुरक्षित है?

हां, सीमित मात्रा में और सुरक्षित जड़ी बुटियों से बने च्यवनप्राश का सेवन प्रेगनेंसी में सुरक्षित माना जा सकता है। दरअसल, शरीर की ऊर्जा को बनाए रखने के लिए टॉनिक के रूप में च्यवनप्राश लेने की सलाह दी जाती है (1) इससे प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली थकान और कमजोरी को कम करने में मदद मिल सकती है (2)

इसके अलावा, च्यवनप्राश में मौजूद विभिन्न सामग्रियों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, पाचन को बेहतर करने, स्तन में दूध उतारने और हड्डियों को मजबूत करने के लिए जाना जाता है (3)। यही नहीं, च्यवनप्राश की सबसे मुख्य सामग्री आंवला है (4)। इसमें मौजूद विटामिन-सी को भी प्रेगनेंसी के लिए अच्छा माना जाता है (5)। ऐसे में प्रेगनेंसी में च्यवनप्राश को फायदेमंद कहा जा सकता है। बस इसे गर्भावस्था में लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

आइए, अब जानते हैं कि च्यवनप्राश में किस तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

च्यवनप्राश के पोषक तत्त्व

च्यवनप्राश गुणों का खजाना है। इसमें अनेक तरह के पोषक तत्व होते हैं। इन पोषक तत्वों के बारे में हम नीचे जानकारी दे रहे हैं (4)

  • 100 ग्राम च्यवनप्राश में 21.1 ग्राम आयरन होता है।
  • च्यवनप्राश की 100 ग्राम मात्रा 3.1 ग्राम जिंक और 3.7 ग्राम कॉपर से समृद्ध होती है ।
  • प्रत्येक 100 ग्राम च्यवनप्राश में नियासिन की 1.4 ग्राम और मैगनीज की 8.3 ग्राम मात्रा होती है।
  • प्रति 100 ग्राम च्यवनप्राश में 0.667 ग्राम कैल्शियम होता है।
  • च्यवनप्राश में 0.5 ग्राम विटामिन-सी और 20.2 ग्राम टैनिक एसिड भी होता है ।
  • इन पोषक तत्वों के अलावा च्यवनप्राश में प्रोटीन, फाइबर, ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट, लो फैट, विटामिन ए, ई, बी1, बी2 और कैरोटीनॉयड भी पाए जाते हैं।

आगे जानिए कि गर्भावस्था में च्यवनप्राश के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।

गर्भावस्था में च्यवनप्राश के फायदे | benefits of chyawanprash during pregnancy in hindi

प्रेगनेंसी के समय च्यवनप्राश खाने से अनेक तरह के लाभ हो सकते हैं। इन फायदों की वजह से ही च्यवनप्राश का सेवन किया जाता है। ये फायदे कुछ इस प्रकार से हैं।

1. पाचन में सुधार

गर्भावस्था में च्यवनप्राश खाने से पाचन क्रिया में सुधार हो सकता है। दरअसल, यह खाने को पचाने और मल को त्यागने में मदद कर सकता है (6)। इसमें कई जड़ी-बूटियां जैसे कि तेजपत्ता, नागकेसर, दालचीनी आदि का उपयोग किया जाता है, जो पाचन व चयापचय को बेहतर करने का काम कर सकती हैं (4)

2. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए

प्रेगनेंसी के समय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी च्यवनप्राश मदद कर सकता है (4)इस संबंध में प्रकाशित एक शोध में दिया है कि च्यवनप्राश में विटामिन सी होता है, जो इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे सकता है। इससे खांसी, सर्दी और बुखार जैसे सामान्य संक्रमणों से भी बचाव हो सकता है (7)

3. हृदय स्वास्थ्य

प्रेगनेंसी में च्यवनप्राश खाने से हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो च्यवनप्राश में इस्तेमाल होने वाले काले तिल के तेल और घी में लिनोलेनिक ऑयल होता है, जिसमें हार्ट प्रोटेक्टिव प्रभाव होते हैं (8)

4. हड्डियों के लिए

प्रेगनेंसी में च्यवनप्राश खाने के फायदे हड्डियों पर भी नजर आ सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश शोध के मुताबिक, च्यवनप्राश से कैल्शियम के बेहतर अवशोषण व प्रोटीन सिंथेसिस में मदद करता है। रिसर्च में कहा गया है कि इससे हड्डियों को मजबूती मिल सकती है (4)

5. एनीमिया से छुटकारा

प्रेगनेंसी में एनीमिया की समस्या होने लगती है। इस स्थिति में शरीर में पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिका नहीं होती है, जिस कारण शरीर में सही से ऑक्सीजन का संचार नहीं हो पाता (9)। ऐसे में च्यवनप्राश मदद कर सकता है। दरअसल, इसमें इस्तेमाल मौजूद आंवला में विटामिन-सी की भरपूर मात्रा होती है, जो आयरन के अवशोषण में सहायता कर सकता है। इससे आयरन की कमी की वजह से होने वाले एनीमिया से राहत मिल सकती है (10)

6. रक्त की शुद्धि

प्रेगनेंसी के समय रक्त को शुद्ध रखने में भी च्यवनप्राश सहायक साबित हो सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, च्यवनप्राश ब्लड प्यूरीफायर की तरह काम करता है। इससे रक्त साफ हो सकता है। साथ ही ब्लड डिसऑर्डर यानी खून से जुड़ी बिमारियों को दूर रखने में मदद मिल सकता है (4)

7. कोलेस्ट्रॉल में कमी

च्यवनप्राश शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोक सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश रिसर्च में दिया है कि च्यवनप्राश हाइपोलिपिडेमिक का काम करता है, जो नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है। साथ ही यह ट्राइग्लिसराइड्स यानी रक्त में पाए जाने वाले एक तरह के फैट के स्तर को घटा सकता है। यही नहीं, च्यवनप्राश को अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है (4)

चलिए, अब पढ़ते हैं कि गर्भावस्था में च्यवनप्राश खाने से कब बचना चाहिए।

प्रेगनेंसी में च्यवनप्राश के सेवन से कब बचना चाहिए ?

प्रेगनेंसी के समय च्यवनप्राश खाने से लाभ तो होते ही हैं, पर कुछ स्थिति में इसे खाने से बचना चाहिए। ऐसे में अगर किसी गर्भवती को नीचे बताई गई समस्या है, तो वो च्यवनप्राश के अधिक सेवन से बचें।

  1. मधुमेह – च्यवनप्राश तैयार करने के लिए शक्कर या गुड़ का उपयोग किया जाता है। इसी वजह से डायबिटीज के मरीज को इसे लेने से बचना चाहिए। इससे मधुमेह की स्थिति गंभीर हो सकती है (4)
  1. पेट खराब होने पर – अगर किसी गर्भवती का पेट खराब है, तो च्यवनप्राश के सेवन से परहेज करें। इसका सेवन समस्या को और बढ़ाने का काम कर सकता है (4)
  1. सोने से पहले न लें – च्यवनप्राश में आंवला का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए गर्भवती हो या सामान्य व्यक्ति रात में रोने से पहले इसे लेने से बचें। दरअसल, आंवला युक्त आहार को रात में लेने से दांतों को नुकसान पहुंच सकता है (4)
  1. दवाई के साथ – अगर प्रेगनेंसी के दौरान किसी तरह की दवाई ले रही हैं, तो च्यवनप्राश लेने से बचना चाहिए। दरअसल, इसमें विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल होता है, जो दवाई के साथ प्रतिक्रिया कर सकती हैं। इससे फायदे के जगह नुकसान हो सकता है (8)। ऐसे में च्यवनप्राश लेने से पहले डॉक्टर को खुद के द्वारा लिए जाने वाले सभी दवाई और उसमें मौजूद सामग्री के बारे में अच्छे से बताएं, ताकि डॉक्टर सही सलाह दे सकें।

अब हम गर्भवतियों को च्यवनप्राश का सेवन कितनी मात्रा में और कैसे करना चाहिए, इसकी जानकारी दे रहे हैं।

गर्भवती महिला च्यवनप्राश कितना और कैसे खा सकती है ?

गर्भवती को च्यवनप्राश की कितनी मात्रा लेनी चाहिए, इसपर किसी तरह का वैज्ञानिक अध्ययन उपलब्ध नहीं है। हां, सामान्य स्थिति में दिन में दो बार 10-10 ग्राम या एक चम्मच तक च्यवनप्राश लेने की सलाह दी जाती है (4)। वहीं, प्रेगनेंसी में इसकी मात्रा को आधे चम्मच तक ही सीमित रखें। फिर भी गर्भावस्था में इसकी सही मात्रा जानने के लिए आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर की सहायता जरूर लें।

प्रेगनेंसी में च्यवनप्राश को अलग-अलग तरीके से लिया जा सकता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • च्यवनप्राश को सुबह खाली पेट सेवन कर सकते हैं।
  • इसे गुनगुने पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
  • च्यवनप्राश को रोटी पर लगाकर भी खा सकते हैं।
  • इसे दूध में मिलाकर भी पिया जा सकता है।

नोट : च्यवनप्राश को तैयार करने के लिए कई तरह की आयुर्वेदिक सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे लेने से पहले विशेषज्ञ से जरूर बात करें।

च्यवनप्राश पोषक तत्वों और विभिन्न जड़ी बूटियों से समृद्ध होता है। इसी वजह से गर्भावस्था में च्यवनप्राश को बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए। सेहत के लिए च्यवनप्राश जितना फायदेमंद है, इसकी अधिकता होने पर यह उतना ही नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसे में गर्भावस्था के लिए च्यवनप्राश खरीदने से पहले उसमें मौजूद सामग्रियों और उसके सेवन से पहले मात्रा पर जरूर गौर करें।

References

MomJunction's articles are written after analyzing the research works of expert authors and institutions. Our references consist of resources established by authorities in their respective fields. You can learn more about the authenticity of the information we present in our editorial policy.
  1. Health in India
    http://mospi.nic.in/sites/default/files/publication_reports/nss_rep574.pdf
  2. Fatigue in Pregnancy
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6544060/
  3. CHYAWANPRASH: A TRADITIONAL INDIAN BIOACTIVE HERBAL MEDICINAL FORMULATION TO BOOST IMMUNITY AND RESTORE YOUTHFULNESS
    https://www.researchgate.net/publication/350186929_CHYAWANPRASH_A_TRADITIONAL_INDIAN_BIOACTIVE_HERBAL_MEDICINAL_FORMULATION_TO_BOOST_IMMUNITY_AND_RESTORE_YOUTHFULNESS
  4. Chyawanprash: A Traditional Indian Bioactive Health Supplement
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6571565/
  5. A Literary Review on Emblica Officinalis in Pregnancy Induced Anaemia
    https://www.ijresm.com/Vol_1_2018/Vol1_Iss10_October18/IJRESM_V1_I10_116.pdf
  6. Antiamnesic Activity of an Ayurvedic Formulation Chyawanprash in Mice
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3137779/
  7. Chyawanprash A wonder Indian Rasayana from Ayurveda to Modern Age
    https://www.academia.edu/5260713/Chyawanprash_A_wonder_Indian_Rasayana_from_Ayurveda_to_Modern_Age
  8. Chyawanprash An Ayurvedic Bioactive Immune and Curative Health Supplement
    https://www.ijcrt.org/papers/IJCRT2103680.pdf
  9. Anemia
    https://medlineplus.gov/ency/article/000560.htm
  10. Recent Trends in Potential Traditional Indian Herbs Emblica officinalis and Its Medicinal Importance
    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.1008.1346&rep=rep1&type=pdf
Was this article helpful?
thumbsupthumbsdown
The following two tabs change content below.