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प्रेगनेंसी में सहजन (Drumstick) खाने के फायदे व दुष्प्रभाव | Drumstick During Pregnancy In Hindi

गर्भावस्था के दौरान विशेषज्ञ महिलाओं को भरपूर पोषक तत्वों को लेने की सलाह देते हैं। इसके लिए उन्हें आहार में हरी सब्जियों को शामिल करने के लिए कहा जाता है। ऐसे में कुछ सब्जियों को लेकर गर्भवती के मन में अजमंजस की स्थिति होना लाजमी है। इन सब्जियों में एक नाम सहजन का भी है। सहजन हरी सब्जी तो है, लेकिन कई गर्भवती महिलाओं को आहार में इसे शामिल करने को लेकर संशय रहता है। इसलिए मॉमजंक्शन के इस लेख में प्रेगनेंसी में सहजन के सेवन से जुड़ी जानकारी साझा कर रहे हैं। साथ ही गर्भावस्था में सहजन खाने के फायदे और सावधानियां भी बताएंगे।

गर्भावस्था के दौरान सहजन का सेवन सुरक्षित है या नहीं, सबसे पहले इस पर चर्चा करेंगे।

In This Article

क्या गर्भावस्था के दौरान सहजन खाना सुरक्षित है?

हां, गर्भावस्था के दौरान सहजन की फलियों या पत्तियों का सेवन लाभकारी हो सकता है। इस बात का जिक्र भारत सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए जारी की गई आहार एडवाइजरी में मिलता है (1)। इसके अलावा, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश शोध के मुताबिक, गर्भावस्था में पोषक तत्वों से भरपूर सहजन का सेवन करने से एनीमिया का जोखिम कम हो सकता है। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं में तनाव कम करने व वजन नियंत्रित रखने में भी इसके सकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं (2)।

वहीं, एक अन्य शोध में कहा गया है कि सहजन की छाल के सेवन से गर्भपात होने का जोखिम हो सकता है (3)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि प्रेग्नेंट महिलाएं संतुलित मात्रा में सहजन की फलियों व पत्तियों का सेवन कर सकती हैं।

लेख में आगे सहजन में मौजूद पोषक तत्व व उनकी मात्रा के बारे में जानेंगे।

ड्रमस्टिक के पोषक तत्व

सहजन की फलियां कई पोषक तत्वों मौजूद होते हैं। यहां हम जानते हैं कि ड्रमस्टिक में कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में मौजूद होते हैं (4)।

  • प्रति 100 ग्राम सहजन में 88.2 ग्राम पानी, 37 किलो कैलोरी ऊर्जा, 2.1 ग्राम प्रोटीन, 8.53 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की 3.2 ग्राम मात्रा होती है।
  • सहजन या मोरिंगा की 100 ग्राम मात्रा में 30 मिली ग्राम कैल्शियम, 0.36 मिलीग्राम आयरन, 45 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 50 मिलीग्राम फास्फोरस और 461 मिलीग्राम पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है।
  • सहजन 42 मिलीग्राम सोडियम, 0.45 मिलीग्राम जिंक, 0.084 मिलीग्राम कॉपर, 0.259 मिलीग्राम मैंगनीज और 0.7 माइक्रोग्राम सेलेनियम से समृद्ध होता है।
  • विटामिन्स की बात करें, तो 100 ग्राम सहजन में 141 मिलीग्राम विटामिन-सी, 0.12 मिलीग्राम विटामिन बी-6, 4 माइक्रोग्राम विटामिन-ए और 44 माइक्रोग्राम फोलेट पाया जाता है।

आगे आप प्रेगनेंसी में सहजन खाने के फायदे के बारे में जानेंगे।

प्रेगनेंसी में सहजन खाने के स्वास्थ्य लाभ | Moringa benefits during pregnancy in hindi

गर्भावस्था के दौरान सहजन खाने के अनेक लाभ हो सकते हैं, जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। बस ध्यान दें कि अगर किसी महिला को सहजन से एलर्जी है, तो इसका सेवन करने से परहेज करें।

  1. प्रीक्लेम्पसिया से बचाव के लिए : गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम की कमी प्रीक्लेमसिया यानी अचानक उच्च रक्तचाप की समस्या के जोखिम को बढ़ा सकती है (5)। वहीं, सहजन को कैल्शियम का अच्छा स्रोत माना जाता है (4)। ऐसे में माना जा सकता है कि गर्भावस्था में सहजन की फलियों का सेवन प्रीक्लेम्पसिया से बचाव कर सकता है।
  1. गर्भ में शिशु के बेहतर विकास के लिए : एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध एक शोध में साफतौर से बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान सहजन का सेवन भ्रूण के बेहतर विकास में मददगार साबित हो सकता है (6)।
  1. हड्डियां और दांतों के लिए : गर्भावस्था में भ्रूण की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है (5)। वहीं, लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि सहजन कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है। ऐसे में गर्भावस्था में सहजन की फलियों का सेवन भ्रूण की हड्डियों और दांतों को मजबूती प्रदान कर सकता है।
  1. इम्यूनिटी को करे बूस्ट : गर्भावस्था के दौरान महिला की प्रतिरक्षा प्रणाली में कई बदलाव होते हैं, जिस वजह से गर्भवती महिलाओं को कई बीमारियों व संक्रमणों की चपेट में आने का खतरा अधिक हो सकता है। ऐसे में एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर सहजन गर्भवती के शरीर को कई संक्रमण व बीमारियों से लड़ने योग्य बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है (7)।
  1. एनीमिया से बचाव : प्रेगनेंसी में आयरन की कमी एनीमिया के जोखिम को पैदा कर सकती है (8)। इसके अलावा, भ्रूण के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए भी आयरन को अहम माना गया है (5)। लेख में हम पहले ही सहजन में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी दे चुके हैं, जिसमें आयरन भी शामिल है (4)। ऐसे में सहजन का सेवन गर्भवतियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
  1. कब्ज से राहत : गर्भवती महिलाओं में कब्ज की समस्या बेहद आम है (9)। वहीं, सहजन की पत्तियां इससे बचाव करने में लाभकारी हो सकती हैं। दरअसल, चूहों पर किए गए एक शोध में इसकी पुष्टि होती है कि सहजन की पत्तियों में लैक्सेटिव प्रभाव होता है, जो मल को मुलायम कर पेट को साफ करने में मददगार हो सकता है (10)।
  1. जेस्टेशनल डायबिटीज से सुरक्षा : गर्भवती महिलाओं को डायबिटीज का जोखिम अधिक होता है, जिसे जेस्टेशनल डायबिटीज के नाम से जाना जाता है (11)। बात करें सहजन की तो इसमें एंटी-डायबिटिक प्रभाव पाया जाता है, जो मधुमेह के स्तर को कम कर सकता है (12)।

लेख में आगे गर्भावस्था के दौरान ड्रमस्टिक खाने के नुकसान पर एक नजर डालेंगे।

प्रेगनेंसी में ड्रमस्टिक खाने के साइड इफेक्ट | Pregnancy mein sahjan khane ke side effects

गर्भावस्था के दौरान सहजन खाने के कई सारे फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। नीचे पढ़ें सहजन के साइड इफेक्ट्स, जो कुछ इस प्रकार हैं।

  1. मोरिंगा का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है (13)। यदि गर्भवती महिला पहले से ही डायबिटीज की दवाएं ले रही है, तो अधिक मात्रा में सहजन का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को जरूरत से ज्यादा कम कर सकता है।
  2. सहजन की छाल के सेवन से गर्भपात का जोखिम हो सकता है (3)।
  3. यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है (14)। ऐसे में जिन गर्भवती महिलाओं को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है, उनका ब्लड प्रेशर ज्यादा कम हो सकता है।

चलिए अब सहजन खरीदने व स्टोर करने के टिप्स भी जान लेते हैं।

सहजन को खरीदने और स्टोर करने के टिप्स

यहां हम जानेंगे कि गर्भावस्था के दौरान सहजन को खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • हमेशा फ्रेश व हरी रंग की सहजन खरीदें। अगर फलियों का रंग पीला हो गया है, तो न खरीदें।
  • फलियों पर किसी तरह के दाग-धब्बे न हो।
  • मुरझाई हुई सहजन की फलियों को खरीदने से बचना चाहिए।
  • बाजार में कटी हुई सहजन की फलियां भी मिलती हैं। इन्हें खरीदने की गलती न करें।
  • सहजन को स्टोर करने के लिए इसे प्लास्टिक की थैली में कसकर बांधकर फ्रीज में रखना चाहिए।
  • इसे ज्यादा दिनों के लिए स्टोर न करें। ताजा खाने की कोशिश करें या हफ्ते भर के अंदर इस्तेमाल कर लें।

आगे जानिए कि गर्भावस्था के दौरान सहजन को आहार में कैसे शामिल करना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान आहार में सहजन को कैसे शामिल करें?

नीचे गर्भावस्था के दौरान आहार में सहजन को शामिल करने के लिए कुछ विकल्प शेयर कर रहे हैं।

  • सहजन की सब्जी बना सकते हैं।
  • किसी भी तरी वाली सब्जी में सहजन को मिलाकर बनाया जा सकता है।
  • सहजन का इस्तेमाल सूप बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
  • सांभर बनाते समय सब्जियों में सहजन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • सहजन की पत्तियों का पराठा बनाकर सेवन कर सकते हैं।
  • सहजन की पत्तियों का जूस भी लोग चांव से पीते हैं।

लेख को पढ़ने के बाद गर्भावस्था में सहजन का सेवन सुरक्षित है, इस बात से आप अच्छे से वाकिफ हो गए होंगे। अगर आप प्रेगनेंसी में सहजन के स्वास्थ्य लाभ हासिल करना चाहती हैं, तो बेझिझक इसे आहार का हिस्सा बना सकती हैं। इसके लिए सांभर से लेकर सूप में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि गर्भावस्था में सहजन का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।

References

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  1. DIET CHART FOR WOMEN IN CENTRAL INDIA
    https://wcd.nic.in/sites/default/files/Diet%20Chart%20For%20Central%20India.pdf
  2. Effect of Moringa oleifera supplementation during pregnancy on the prevention of stunted growth in children between the ages of 36 to 42 months
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8129764/
  3. Powder microscopy of bark–poison used for abortion: moringa pterygosperma gaertn
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12262404/
  4. Drumstick pods, raw
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/170483/nutrients
  5. Pregnancy and Nutrition
    https://medlineplus.gov/pregnancyandnutrition.html
  6. Effect of Moringa oleifera supplementation during pregnancy on the prevention of stunted growth in children between the ages of 36 to 42 months
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/33855405/
  7. Nutraceutical or Pharmacological Potential of Moringa oleifera Lam.
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5872761/
  8. Anaemia during pregnancy (Maternal anemia)
    https://www.nhp.gov.in/disease/gynaecology-and-obstetrics/anaemia-during-pregnancy-maternal-anemia
  9. Common symptoms during pregnancy
    https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000583.htm
  10. Therapeutic effect of Moringa oleifera leaves on constipation mice based on pharmacodynamics and serum metabonomics
    https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0378874121008734
  11. Gestational diabetes
    https://medlineplus.gov/ency/article/000896.htm
  12. Moringa oleifera: A food plant with multiple medicinal uses
    https://www.researchgate.net/publication/6708493_Moringa_oleifera_A_food_plant_with_multiple_medicinal_uses
  13. Effect of Moringa oleifera consumption on diabetic rats
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5894151/
  14. Moringa oleifera leaf extract lowers high blood pressure by alleviating vascular dysfunction and decreasing oxidative stress in L-NAME hypertensive rats
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/30668387/
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