
- क्या गर्भावस्था के दौरान आइसक्रीम खाना सुरक्षित है? | Pregnancy Mein Ice Cream Kha Sakte Hain
- आइसक्रीम के पोषण तत्व
- गर्भवती होने पर आइसक्रीम खाने की इच्छा क्यों होती है?
- गर्भवती महिला को एक दिन में कितनी आइसक्रीम खानी चाहिए?
- गर्भावस्था में आइसक्रीम खाने से होने वाले दुष्प्रभाव
- गर्भावस्था में खाने के लिए सबसे अच्छी आइसक्रीम कौन सी है?
- गर्भावस्था के दौरान आइसक्रीम खाते समय इन बातों का ध्यान रखें
चाहे भूख हो या न हो, आइसक्रीम खाने से शायद ही कोई मना करता होगा। इसके अलग-अलग फ्लेवर जैसे चॉकलेट, स्ट्रॉबेरी, बटरस्कॉच, आदि का नाम लेना भर ही मुंह में पानी लाने के लिए काफी है। वहीं, गर्भावस्था में फूड क्रेविंग होना सामान्य है, जिसमें आइसक्रीम भी शामिल है। अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रेगनेंसी में आइसक्रीम खाना सुरक्षित है? मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आइसक्रीम के बारे में ही बात करेंगे। यह लेख पूरा पढ़ने के बाद आपको काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगा कि गर्भावस्था में आइसक्रीम खानी चाहिए या नहीं। साथ ही इससे जुड़े अन्य सवालों के जवाब भी मिल जाएंगे।
सबसे पहले जानिए कि प्रेगनेंसी में आइसक्रीम खानी चाहिए या नहीं।
क्या गर्भावस्था के दौरान आइसक्रीम खाना सुरक्षित है? | Pregnancy Mein Ice Cream Kha Sakte Hain
जी हां, प्रेगनेंसी में आइसक्रीम खाना सुरक्षित हो सकता है। आइसक्रीम में मुख्य सामग्री दूध और शक्कर होती है, जिनका सेवन गर्भावस्था में करना सुरक्षित माना गया है। हां, अगर किसी को दूध व शक्कर से एलर्जी है, तो उसे आइसक्रीम से परहेज करना चाहिए। साथ ही आइसक्रीम का सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि वह सिर्फ पाश्चुरीकृत दूध (pasteurized milk) से बनी हो (1)। पाश्चराइजेशन (Pasteurization) ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें दूध को एक निश्चित तापमान पर उबाल कर उसके हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म किया जाता है। ऐसा दूध और उससे बनी आइसक्रीम गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित मानी गई है (2)। बेहतर यही होगा कि आप घर में बनाई गई आइसक्रीम का ही सेवन करें।
लेख के अगले भाग में जानिए आइसक्रीम के पोषक तत्वों के बारे में।
आइसक्रीम के पोषण तत्व
आइसक्रीम के पोषक तत्वों के बारे में बात करें, तो यह आइसक्रीम के अलग-अलग फ्लेवर पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर आइसक्रीम के नाम पर वनिला फ्लेवर का उपयोग किया जाता है और इसे सबसे आम आइसक्रीम भी माना जाता है। इसलिए, यहां हम वनिला फ्लेवर के पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं (3) :
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
पानी | 61 ग्राम |
ऊर्जा | 207 kcal |
प्रोटीन | 3.5 ग्राम |
फैट | 11 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 23.6 ग्राम |
फाइबर | 0.7 ग्राम |
शुगर | 21.22 ग्राम |
मिनरल | |
कैल्शियम | 128 मिलीग्राम |
आयरन | 0.09 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 14 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 105 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 199 मिलीग्राम |
सोडियम | 80 मिलीग्राम |
जिंक | 0.69 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.023 मिलीग्राम |
सिलेनियम | 1.8 माइक्रोग्राम |
फ्लोराइड | 15.4 माइक्रोग्राम |
मैंगनीज | 0.008 मिलीग्राम |
विटामिन | |
विटामिन सी | 0.6 मिलीग्राम |
थियामिन | 0.041 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.24 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.116 मिलीग्राम |
पैंटोथैनिक एसिड | 0.581 मिलीग्राम |
विटामिन-बी 6 | 0.048 मिलीग्राम |
फोलेट DFE | 5 माइक्रोग्राम |
कोलीन | 26 मिलीग्राम |
विटामिन बी -12 | 0.39 माइक्रोग्राम |
विटामिन-ए, RAE | 118 माइक्रोग्राम |
विटामिन-ए, आईयू | 421 आईयू |
विटामिन डी | 8 आईयू |
विटामिन-के | 0.3 माइक्रोग्राम |
लिपिड | |
फैटी एसिड (टोटल सैचुरेटेड) | 6.79 ग्राम |
फैटी एसिड (टोटल मोनोअनसैचुरेटेड) | 2.969 ग्राम |
फैटी एसिड (टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड) | 0.452 ग्राम |
आइए, अब आपको बताएं कि गर्भावस्था के दौरान आइसक्रीम खाने की इच्छा क्यों होती है।
गर्भवती होने पर आइसक्रीम खाने की इच्छा क्यों होती है?
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को फूड क्रेविंग का सामना करना पड़ता है। इसमें पसंद से अलग कुछ खाने की इच्छा होना सामान्य है। इसी प्रकार फूड क्रेविंग के कारण आइसक्रीम खाने की इच्छा भी हो सकती है। वहीं, जिन्हें गर्भावस्था से पहले आइसक्रीम पसंद थी, तो उन्हें इसे और ज्यादा खाने की इच्छा हो सकती है। फिलहाल, इस संबंध में ज्यादा शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान क्रेविंग की वजह हार्मोनल बदलाव, पोषक तत्वों की कमी जैसे आयरन आदि और वातावरण व मनोवैज्ञानिक बदलाव शामिल है। इनमें से किस कारण की वजह से आइसक्रीम खाने की इच्छा होती है, यह कहना मुश्किल है (4)।
लेख में आगे हम बता रहे हैं कि एक दिन में कितनी आइसक्रीम खाना सुरक्षित है।
गर्भवती महिला को एक दिन में कितनी आइसक्रीम खानी चाहिए?
आप चाहें गर्भवती हों या स्वस्थ प्रतिदिन आइसक्रीम खाना सही नहीं है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए, गर्भवती महिला हफ्ते में एक बार आइसक्रीम खा सकती है, लेकिन इसकी मात्रा कितनी होनी चाहिए, इस संबंध में कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। आइसक्रीम में अधिक कैलोरी होती है। इसका सेवन करने से गर्भवती महिला का वजन बढ़ सकता है। जिन महिलाओं का वजन पहले से ज्यादा हो वो आइसक्रीम का सेवन करने से परहेज करें। पीसीओएस से ग्रसित महिला आइसक्रीम से दूरी बनाकर रखें। इसलिए, आप आइसक्रीम खाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। डॉक्टर आपके स्वास्थ्य के अनुसार बताएंगे कि आपको आइसक्रीम खानी चाहिए या नहीं और अगर खानी है, तो कितनी।
अधिक आइसक्रीम खाने से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिनके बारे में हम आपको लेख के अगले भाग में बता रहे हैं।
गर्भावस्था में आइसक्रीम खाने से होने वाले दुष्प्रभाव
हमेशा से हम सुनते आए हैं कि आइसक्रीम का अधिक सेवन करने से जुकाम हो सकता है, लेकिन गर्भावस्था में आइसक्रीम खाने से जुकाम के अलावा और भी कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। ये दुष्प्रभाव कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :
- जेस्टेशनल डायबिटीज : आइसक्रीम में शुगर की अधिक मात्रा पाई जाती है, जिस वजह से इसका अधिक सेवन करने से गर्भावस्था के दौरान मधुमेह, प्रीएक्लेम्पसिया, प्रीटर्म बर्थ का खतरा बढ़ सकता है (3) (5)।
- संक्रमण : अगर आइसक्रीम पाश्चुरीकृत दूध से नहीं बनी है, तो उससे लिस्टेरिया संक्रमण (एक प्रकार का बैक्टीरियल संक्रमण) का खतरा हो सकता है (1)।
- वजन बढ़ना : आइसक्रीम में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी पाई जाती है। इस कारण इसका अधिक सेवन करने से गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ सकता है (3) (6)।
आइए, अब आपको बता दें कि गर्भावस्था के दौरान कौन-सी आइसक्रीम खाना सबसे अच्छा है।
गर्भावस्था में खाने के लिए सबसे अच्छी आइसक्रीम कौन सी है?
गर्भावस्था के दौरान आप कौन-सी आइसक्रीम खाना चाहती हैं, यह आप पर निर्भर करता है। आप अपनी पसंद के अनुसार चॉकलेट, स्ट्रॉबेरी व वनिला आदि कोई भी फ्लेवर खा सकती हैं। आइसक्रीम लेते समय इस बात का ध्यान रखे कि उसमें कच्चे अंडा का उपयोग न किया गया हो और पाश्चुरीकृत दूध का उपयोग किया गया हो। अंडे से भी साल्मोनेला संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है (7)।
लेख के आखिरी भाग में जानिए कि प्रेगनेंसी में आइसक्रीम खाने के दौरान किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान आइसक्रीम खाते समय इन बातों का ध्यान रखें
गर्भावस्था के दौरान आइसक्रीम खाते समय नीचे बताई गई कुछ आम बातों का ध्यान में रखें :
- आइसक्रीम में कच्चे अंडे और कच्चे दूध का उपयोग न किया गया हो।
- एक बार में आइसक्रीम की अधिक मात्रा का सेवन न करें।
- आइसक्रीम हमेशा साफ जगह से और अच्छी क्वॉलिटी वाली ही खरीदें। सड़क से या किसी लोकल ब्रांड की आइसक्रीम खाने से बचें।
- अगर आइसक्रीम खाते समय या खाने से बाद आपको स्वास्थ्य में कुछ खराबी महसूस हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- सबसे बेहतर यही होगा कि आप घर में ही आइसक्रीम बनाकर उसका सेवन करें।
अब आप अच्छी तरह समझ गई होंगी कि प्रेगनेंसी में आइसक्रीम खानी चाहिए या नहीं। गर्भावस्था में आइसक्रीम खाना तब तक सुरक्षित है, जब तक आप उसका सेवन नियंत्रित मात्रा में और सावधानी के साथ करते हैं। कोशिश करें कि आइसक्रीम का सेवन जितना कम हो सके उतना कम करें। साथ ही इसे खाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। उम्मीद है कि इस लेख में आपको प्रेगनेंसी में आइसक्रीम के सेवन से संबंधित सभी जरूरी जानकारी मिल गई होगी। प्रेगनेंसी से जुड़ी ऐसी और जानकारी के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
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