प्रेगनेंसी में साबूदाना खाने के फायदे, नुकसान व रेसिपी | Pregnancy Mein Sabudana Khana

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने खानपान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यही पोषक तत्व भ्रूण के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में कई महिलाओं के मन में यह संशय रहता है कि वह अपनी डाइट में क्या शामिल करें और क्या न करें। साबूदाना भी एक ऐसा ही खाद्य पदार्थ है, जिसको लेकर महिलाओं के मन में कई तरह के सवाल आते हैं। उन्हीं सवालों के जवाब देने के लिए हम मॉमजंक्शन का यह लेख लेकर आए हैं। यहां हम इससे जुड़ी हर एक जानकारी साझा करेंगे, तो चलिए गर्भावस्था में साबूदाना खाने की जानकारी के लिए लेख पढ़ना शुरू करें।

लेख की शुरूआत इसी सवाल से करते हैं कि गर्भावस्था में साबूदाने का सेवन सुरक्षित है भी या नहीं।

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क्या प्रेगनेंसी के दौरान साबूदाना (Sago) खाना सुरक्षित है?

हां, गर्भावस्था के दौरान टापीओका (Tapioca) यानी साबूदाने का सेवन सुरक्षित माना जा सकता है। इस बात की जानकारी ‘स्वस्थ गर्भावस्था और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए खाद्य और पोषण दिशानिर्देशों’ पर किए गए एक शोध से मिलती है। इसमें महिलाओं की डाइट लिस्ट में एक कप (150 ग्राम) साबूदाना को शामिल किया गया है (1) दरअसल, साबूदाना में कैल्शियम, फोलेट, पोटैशियम, फास्फोरस और आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं (2) वहीं, गर्भावस्था के दौरान इन पोषक तत्वों का सेवन जरूरी माना गया है (3)। ऐसे में यह माना जा सकता है कि प्रेगनेंसी के दौरान साबूदाना खाना सुरक्षित हो सकता है। लेख में आगे इसके फायदों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है।

अब बारी है साबूदाने में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानने की।

साबूदाना की न्यूट्रिशनल वैल्यू

साबूदाना कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान साबूदाना खाने के फायदे जानने से पहले हम यहां उसके पोषक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार है (2)

  • 100 ग्राम साबूदाने में 11 ग्राम पानी, 358 केसीएएल ऊर्जा, 0.19 ग्राम प्रोटीन, 88.7 ग्राम कार्बोहायड्रेट, 0.9 ग्राम फाइबर और 3.35 ग्राम शुगर से भरपूर होता है।
  • यही नहीं, साबूदाने में 20 मिलीग्राम कैल्शियम, 1.58 मिलीग्राम आयरन, 1 मिलीग्राम मैंगनिशियम, 7 मिलीग्राम फोस्फोरस, 11 मिलीग्राम पोटेशियम, 1 मिलीग्राम सोडियम, 0.12 मिलीग्राम जिंक, 0.02 कॉपर, 0.11 मिलीग्राम मैंग्नीज और 0.8 माइक्रोग्राम सेलेनियम भी है।
  • इसके अलावा, 100 ग्राम साबूदाने में 4 माइक्रोग्राम फोलेट भी मौजूद होता है।

लेख के इस हिस्से में हम साबूदाना खाने के फायदे बता रहे हैं।

गर्भावस्था के दौरान साबूदाना खाने के फायदे | Sabudana Benefits in Pregnancy

साबूदाना कई मायनों में स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। यहां हम क्रमवार तरीके से उन्हीं फायदों का जिक्र कर रहे हैं –

1. जन्म दोष के जोखिमों को कम करने के लिए – जैसा कि हमने लेख में बताया है कि साबूदाने में फोलेट होता है (2)। ऐसे में इसका सेवन शिशु में जन्म दोष के खतरे को कम करने में सहायक सिद्ध हो सकता है। दरअसल, इससे जुड़ी जानकारी से यह पता चलता है कि फोलेट न्यूरल ट्यूब दोष, जैसे – स्पाइना बिफिडा के खतरे को कम कर सकता है। यही नहीं, गर्भवस्था के दौरान फोलिक एसिड के सेवन से (खासकर पहली तिमाही के दौरान) गर्भपात का जोखिम भी कम हो सकता है (4)

2. एनीमिया के लिए – प्रेगेंसी के दौरान महिलाओं को एनीमिया की समस्या से बचाने के लिए भी साबूदाने का सेवन करना कुछ हद तक मददगार साबित हो सकता है। दरअसल, साबूदाने में आयरन और फोलेट दोनों होते हैं (2)। बता दें कि शरीर में आयरन की कमी को एनीमिया का मुख्य कारण माना जाता है (5)। वहीं, फोलेट भी लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद कर सकता है, जिससे एनीमिया के खतरे को कम किया जा सकता है (5)। ऐसे में हम कह सकते हैं कि अन्य पौष्टिक आहार के साथ आयरन और फोलेट युक्त साबूदाने का सेवन गर्भवती महिलाओं में एनीमिया के जोखिम को कम करने में सहायक साबित हो सकता है।

3. ऊर्जा से भरपूर – साबूदाने का सेवन महिलाओं में एनर्जी बूस्ट करने का काम कर सकता है। दरअसल, गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान महिलाओं को लगभग 340 किलो कैलोरी/दिन और 452 किलो कैलोरी/दिन ऊर्जा की आवश्यकता होती है (6)। ऐसे में साबूदाना खाना फायदेमंद हो सकता है। जैसा कि हमने लेख में बताया है कि 100 ग्राम साबूदाने में लगभग 358 किलो कैलोरी ऊर्जा मौजूद होती है (2)

बता दें कि शरीर में जाने के बाद कैलोरी ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है, जिसके कारण शरीर में एनर्जी का एहसास होने लगता है (7)। यही वजह है कि प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में ऊर्जा के संचार के लिए साबूदाने को लाभकारी माना गया है।

4. शरीर को ठंडा रखने के लिए – विशेषज्ञों की मानें तो सामान्य दिनों की तुलना में गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर का तापमान बढ़ सकता है। ऐसे में जन्म दोष और अन्य प्रजनन समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है (8)। ऐसे में साबूदाने का सेवन शरीर को गर्मी से बचाकर उसे ठंडा रखने के लिए भी लाभकारी माना जा सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, साबूदाने के सप्लिमेंट का सेवन गर्मी के प्रभाव को कम कर सकता है, खासकर व्यायाम के बाद लगने वाली के गर्मी प्रभाव को (9)

इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि गर्भावस्था में शरीर को ठंडा रखने के लिए साबूदाना खाना फायदेमंद साबित हो सकता है। खासकर एक्सरसाइज के बाद लगने वाली गर्मी से बचने के लिए। हालांकि, प्रेगनेंसी में योग या एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें और विशेषज्ञ की देखरेख में ही कोई भी व्यायाम करें।

5. कैल्शियम के लिए – गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम की कमी से बचाव के लिए भी साबूदाना खाना फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, कैल्शियम प्री-एक्लेम्पसिया के जोखिम (गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप विकार) को कम करने में सहायक होने के साथ-साथ शिशु की हड्डियों और दांतों के लिए उपयोगी हो सकता है (10)। एनसीबीआई की शोध के मुताबिक, प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कैल्शियम की अत्यधिक आवश्यकता होती है। खासकर गर्भावस्था के अंतिम महीनों तक भ्रूण के विकास के लिए लगभग 30 ग्राम तक कैल्शियम की जरूरत होती है (11)

ऐसे में इस जरूरत को पूरा करने के लिए सबूदाने का सेवन लाभकारी माना जा सकता है। दरअसल, साबूदाना कैल्शियम से भरपूर होता है। 100 ग्राम साबूदाने में लगभर 20 ग्राम कैल्शियम मौजूद होता है (2)। ऐसे में इसका सेवन प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली कैल्शियम की कमी से बचाव करने में कारगर भूमिका निभा सकता है।

6. ब्लड सर्कुलेशन के लिए – शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाने के लिए भी साबूदाना खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। इससे जुड़े एक शोध में साफतौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि टापीओका यानी साबूदाना रक्त परिसंचरण और लाल रक्त कोशिका की संख्या में वृद्धि कर सकता है (12)हालांकि, इसके पीछे इसका कौन सा गुण काम कर सकता है, इससे जुड़ी शोध की आवश्यकता है, लेकिन मान सकते हैं कि इसमें मौजूद फोलेट इसका कारण हो सकता है (2) दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है कि फोलेट रक्त के प्रवाह में सुधार कर सकता है (13)

7. वजन बढ़ाने में सहायक – गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का सही वजन होना भी जरूरी है। बताया जाता है कि जिन महिलाओं का वजन प्रेगनेंसी के दौरान कम होता है, उनके शिशुओं में प्री टर्म बर्थ यानी समय से पहले जन्म और लो बर्थ वेट यानी जन्म के समय शिशु का कम वजन, जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा अधिक हो सकता है (14)। ऐसे में साबूदाने का सेवन इन समस्याओं के जोखिमों को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, एक शोध से जानकारी मिलती है कि साबूदाना स्वस्थ वजन बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है (12)। हालांकि, इसके पीछे साबूदाने का कौन सा गुण है, इसके लिए शोध की आवश्यकता है।

8. उच्च रक्तचाप के लिए – गर्भावस्था के दौरन उच्च रक्तचाप की समस्या के जोखिम को कम करने के लिए भी साबूदान सहायक सिद्ध हो सकता है। बता दें कि साबूदाना पोटेशियम से समृद्ध होता है (2)। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकासित शोध में साफ तौर से इस बार का जिक्र मिलता है कि पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। साथ ही यह हृदय रोग के जोखिमों को भी कम कर सकता है (15)। ऐसे में माना जा सकता है कि पोटेशियम से भरपूर साबूदाने का सेवन हाईब्लड प्रेशर के जोखिम को कम करने में प्रभावी साबित हो सकता है।

9. पाचन के लिए – प्रेगनेंसी के दौरान पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए भी साबूदाना खाना लाभकारी साबित हो सकता है। दरअसल, एक शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि साबूदाना पाचन में सुधार कर सकता है (12)। इसके लिए इसमें मौजूद फाइबर को जिम्मेदार माना जा सकता है। दरअसल, साबूदाना में कुछ मात्रा में फाइबर मौजूद होता है (2)। वहीं, फाइबर पाचन में सहायता करने के साथ-साथ कब्ज की समस्या में भी सहायक सिद्ध हो सकता है (16)

10. कोलेस्ट्रॉल निंयत्रण के लिए – एनसीबीआई की शोध के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ स्तर प्री-एक्लेम्पसिया (हाई ब्लड प्रेशर की समस्या) के जोखिम को बढ़ा सकता है (17)ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान इसे नियंत्रित रखना जरूरी माना जाता है और इसमें साबूदाना काफी हद तक मदद कर सकता है। दरअसल, साबूदाना कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है (12)। हालांकि, इसके कार्यप्रणाली को लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है। साथ ही इसके सेवन के दौरान कोलेस्ट्रॉल के स्तर की नियमित जांच भी करते रहना जरूरी है। कोलेस्ट्रॉल का जरूरत से कम स्तर भी गर्भावस्था में जोखिम पैदा कर सकता है (18)

साबूदाना के फायदे जानने के बाद इसके नुकसानों के बारे में भी जानकारी होना जरूरी है।

गर्भावस्था में साबूदाना से होने वाले नुकसान

साबूदाना के लाभ जानने के बाद इसके दुष्प्रभावों को जानिए, जो निम्नलिखित हैं –

  • जैसा कि हमने लेख के ऊपरी भाग में बताया कि साबूदान वजन बढ़ाने में मदद कर सकता है (12)। ऐसे में अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से मोटापे की समस्या हो सकती है।
  • इसके अलावा, साबूदाने में कार्बोहाइड्रेट की भी अच्छा मात्रा में पाई जाती है (2)। ऐसे में अगर सीमित मात्रा में इसका सेवन नहीं किया गया तो इससे मधुमेह का खतरा भी बढ़ सकता है (19)। वहीं, अगर किसी को गर्भकालीन मधुमेह है तो बेहतर है साबूदाने के सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह ली जाए।
  • यही नहीं, साबूदाना कसावा (Cassava) नामक पौधे से बनता है, जो साइनाइड (Cyanide) नामक विषाक्त तत्व का भी उत्पादन करने के लिए जाना जाता है (20)। वहीं, इस विषाक्त तत्व के कारण सिरदर्द की समस्या, उल्टी की समस्या, सीने में दर्द और चिंता जैसी समस्याएं हो सकती है। यही नहीं, कुछ मामलों में साइनाइड जान का जोखिम भी पैदा कर सकता है (21)। माना जाता है कसावा के कुछ भाग विषाक्तता का जोखिम कारक बन सकते हैं। ऐसे में बेहतर है साबूदाने को अच्छी तरह से धोकर और पकाकर ही सेवन करें। साथ ही साबूदाने के सेवन के दौरान इसकी मात्रा का खास ध्यान रखा जाए। बेहतर है गर्भवती इसकी जानकारी पहले ही डॉक्टर से ले लें। सबकी गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है, इसलिए इसकी मात्रा में बदलाव हो सकते हैं।

लेख के अंत में जानें साबूदाने से बने कुछ लाजवाब रेसिपी।

गर्भावस्था के दौरान आसान और स्वस्थ साबूदाना रेसिपी

यहां हम कुछ साबूदाने की मजेदार रेसिपीज बताने जा रहे हैं, जो न केवल लजीज होंगे, बल्कि गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थवर्धक भी साबित हो सकते हैं। तो साबूदाने की रेसिपीज कुछ इस प्रकार हैं:

1. साबूदाना खीर

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सामग्री :

  • साबूदाना – एक कप
  • दूध – 3 कप
  • ड्राई फ्रूट्स – एक चम्मच
  • बटर या घी – एक चम्मच
  • चीनी- स्वादानुसार

बनाने की विधि :

  • साबूदाने की खीर बनाने के लिए सबसे पहले साबूदाने को कम से कम 3 घंटे के लिए पानी में भीगो कर छोड़ दें।
  • तीन घंटे बाद साबूदाने को पानी से निकाल कर दूसरे बर्तन में डाल लें।
  • इसके बाद मध्यम आंच करके गैस पर एक पैन चढ़ाएं, फिर उसमें दूध और भीगोए हुए साबूदाने को डालें।
  • जब यह मिश्रण अच्छी तरह से पक कर मुलायम हो जाए तो गैस बंद कर दें।
  • अब दूसरी तरफ, एक अलग पैन को गैस पर चढाएं और उसमें घी या बटर डालें। फिर इसमें छोटे टुकड़ों में कटे हुए ड्राई फ्रूट्स डालें और हल्का भूरा होने तक भूनें
  • इसके बाद इसमें तैयार किए गए दूध और साबूदाने के मिश्रण को मिला दें और स्वादानुसार चीनी डालकर कुछ मिनटों के लिए इसे उबालें और अंत में गैस बंद कर दें। इस तरह तैयार हो जाएगी स्वादिष्ट सबूदाने की खीर।

2. साबूदाना उपमा

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सामग्री :

  • साबूदाना – एक कप
  • मूंगफली (भूनी हुई) – आधा कप
  • उबले हुए आलू- दो
  • जीरा – आधा चम्‍मच
  • हरी मिर्च – 1 चम्मच बारीक कटी हुई
  • अदरक – आधी चम्मच बारीक कटी हुई
  • करी पत्ता – 4 से 5
  • धनिया पत्ता – 1 चम्‍मच बारीक कटा हुआ
  • नींबू का रस – 1 चम्‍मच
  • तेल – 2 चम्‍मच
  • नमक (स्वादानुसार)

बनाने की विधि :

  • सबसे पहले एक एक बर्तन में साबूदाना निकाल कर उसे धोकर 4 से 5 घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
  • इसके बाद एक पैन को गर्म करें और उसमें मुंगफली को रोस्ट कर लें।
  • अब दूसरी तरफ उबले हुए आलू को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। साथ ही भूनी हुए मुंगफली को मिक्सी में हल्का पीस लें। ध्यान रहे कि मुंगफली के दानें हल्के दरदरे ही रहें।
  • इसके बाद, एक कढ़ाही को गैस पर चढ़ाएं और उसमें तेल डाल कर गर्म करें। फिर उसमें जीरा डालें।
  • अब, उसी तेल में करी पत्ता, अदरक, हरी मिर्च डालें। इसके बाद इसमें भिगोए हुए साबूदाने भी डाल दें और अंत में इसमें स्वाद अनुसार नमक मिलाएं।
  • फिर इसे अच्छे से मिलाकर 5 से 6 मिनट के लिए धीमी आंच पर पकने के लिए छोड़ दें।
  • जब साबूदाना अच्छी तरह से पक जाए तो इसमें कटे हुए आलू और पीसी हुई मुंगफली डालें और फिर से 2 मिनट के लिए पकाएं।
  • इसके बाद गैस बंद कर दें और साबूदाने के उपमा को एक बर्तन में निकालकर उसे नींबू के रस और धनिया पत्ता से सर्व करें।

3. साबूदाना वड़ा

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सामग्री :

  • साबूदाना – एक कप
  • नमक (स्वादानुसार)
  • हरी मिर्च – 3 से 4 बारिक कटी हुई
  • धनिया पत्ती – 1 चम्मच बारिक कटी हुई
  • मूंगफली – 1 कटोरी
  • आलू – 3 उबले हुए
  • तेल (तलने के लिए )

बनाने की विधि :

  • साबूदाना वड़ा बनाने के लिए सबसे पहले साबूदाने को 4 से 5 घंटे के लिए भिगो लें।
  • इसके बाद एक पैन में मुंगफली को भूनें और जब यह अच्छे से भून जाए तो इसे हल्का दरदरा पीस लें।
  • अब एक दूसरे बर्तन में भिगे हुए साबूदाने को निकाल लें और उसमें नमक, धनिया पत्ती, मूंगफली, हरी मिर्च डालकर उसे अच्छी तरह से मिला लें।
  • इसके बाद इसमें आलू को मैश करके अच्छी तरह से मिला लें।
  • फिर, इसकी छोटी-छोटी लोई यानी वड़ा बना लें।
  • अब, एक कढ़ाही को गैस पर चढ़ाएं और उसमें तेल डालकर उसे गर्म करें। जब तेल अच्छी तरह से गर्म हो जाए तो उसमें वड़े को डालकर हल्का भूरा होने तक तलें।
  • इसके बाद वड़े को अपनी पंसदीदा चटनी के साथ सर्व करें।

नोट: अगर किसी को लेख में बताई गई किसी भी सामग्री से एलर्जी हो तो ऐसे में उसके सेवन से परहेज करें।

उम्मीद करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद, प्रेगनेंसी के दौरान साबूदाने के सेवन से जुड़े हर प्रश्नों के उत्तर आपको मिल गए होंगे। यहां हमने इसके लाभों के बारे में विस्तार से चर्चा की है। इसके अलावा, यहां साबूदाने से बने लाजवाब रेसिपीज के बारे में भी यहां बताया गया है। ऐसे में स्वस्थ गर्भावस्था में इसे डाइट का हिस्सा बनाया जा सकता है। वहीं, इसके सेवन के समय इसकी मात्रा को ध्यान में जरूर रखें। आशा करते हैं, हमारा यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। प्रेगनेंसी से जुड़ी ऐसी ही अन्य जानकारी पाने के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।

References

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1. Food and Nutrition Guidelines for Healthy Pregnant and Breastfeeding Women – By Ministry of Health’s
2. Tapioca, pearl, dry– By USDA
3. Healthy Eating during Pregnancy and Breastfeeding– By WHO
4. Folic acid in diet– By MedlinePlus
5. Iron Deficiency Anemia – By NCBI
6. Energy Intake Requirements in Pregnancy– By NCBI
7. Calories and fat per serving – By MedlinePlus
8. Heat– By CDC
9. Sago supplementation for recovery from cycling in a warm-humid environment and its influence on subsequent cycling physiology and performance– By NCBI
10. Pregnancy and Nutrition– By MedlinePlus
11. Continuing Education Module—Maternal Calcium Intake and Metabolism During Pregnancy and Lactation– By NCBI
12. Effect of Different Levels of Tapioca (Manihot esculenta) in Low Fat Probiotic Ice Cream – By Reserchgate
13. Folic acid ingestion improves skeletal muscle blood flow during graded handgrip and plantar flexion exercise in aged humans– By NCBI
14. Maternal underweight and the risk of preterm birth and low birth weight: a systematic review and meta-analyses– By NCBI
15. The importance of potassium in managing hypertension– By NCBI
16. Fiber– By MedlinePlus
17. Maternal Hyperlipidemia and the Risk of Preeclampsia: a Meta-Analysis– By NCBI
18. Cholesterol in pregnancy: a review of knowns and unknowns– By NCBI
19. Manage Blood Sugar – By CDC
20. Medicinal, Nutritional and Anti-Nutritional Properties of Cassava (Manihot esculenta): A Review – By Reserchgate
21. Cyanide Toxicity – By NCBI

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