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गर्भावस्था में उड़द दाल खाने के फायदे व रेसिपी | Urad Dal During Pregnancy In Hindi

गर्भावस्था में कब क्या खाने का मूड कर जाए, यह बता पाना असंभव है। इस समय कई बार महिलाओं को प्रेगनेंसी के लिए सही न माने जाने वाले खाद्य पदार्थ खाने का मन करने लगता है। इसी वजह महिलाओं को इस नाजुक दौर में सतर्क और जागरूक रहने की सलाह दी जाती है। ऐसे में काली उड़द दाल गर्भावस्था में खाना सुरक्षित है या नहीं, यह सवाल मन में आ रहा है, तो मॉमजंक्शन का यह लेख पढ़ें। यहां प्रेगनेंसी में काली उड़द दाल के सेवन से जुड़ी जानकारी दी गई है। साथ ही गर्भावस्था में उड़द दाल खाने के फायदे और सावधानियां भी बताई गई हैं।

प्रेगनेंसी में काली उड़द का सेवन सुरक्षित है या नहीं, सबसे पहले यह जानिए।

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क्या प्रेगनेंसी में उड़द की दाल खाना सुरक्षित है?

हां, गर्भावस्था में उड़द दाल खाना सुरक्षित है। इसका सेवन न सिर्फ नाश्ते में, बल्कि दोपहर और रात के भोजन में भी किया जा सकता है। बस ध्यान रखें कि गर्भवती को आहार में दिन भर में दो से ढाई कप दाल ही लेनी चाहिए। इसमें उड़द दाल की मात्रा को करीब एक कप यानी 30 ग्राम तक ही सीमित रखें (1)।

इसके अलावा, गर्भावस्था में उड़द दाल में मौजूद आयरन को भी फायदेमंद माना जाता है। इस बात का जिक्र भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन ‘गर्भावस्था में एनीमिया से बचाव’ में भी मिलता है। इसके अनुसार, प्रेगनेंसी में खून की कमी से बचने के लिए आयरन व फोलिक एसिड (IFA) से समृद्ध काली उड़द दाल का सेवन अच्छा होता है। साथ ही गर्भावस्था में प्रोटीन समृद्ध खाद्य खाने की भी सलाह दी जाती है, जिसमें उड़द दाल भी शामिल है (2)।

आगे आप काली उड़द दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्व व उनकी मात्रा के बारे में पढ़ेंगे।

उड़द दाल के पोषक तत्त्व

यहां हम प्रति 100 ग्राम काली उड़द दाल में मौजूद पोषक तत्व व उनकी मात्रा बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (3)।

  • प्रति 100 ग्राम काली उड़द दाल में 350 केसीएएल ऊर्जा, 24 ग्राम प्रोटीन, 1.5 ग्राम टोटल लिपिड (फैट), 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 3 ग्राम शुगर और 29 ग्राम फाइबर (टोटल डाइटरी) होता है।
  • मिनरल्स की बात करें, तो 100 ग्राम काली उड़द दाल में 200 मिलीग्राम कैल्शियम, 7.2 मिलीग्राम आयरन और 40 मिलीग्राम सोडियम होता है।

गर्भावस्था में काली उड़द दाल खाने के फायदे, जानने के लिए आगे स्क्रॉल करें।

प्रेगनेंसी में उड़द दाल खाने के फायदे | pregnancy me urad dal ke fayde

उड़द दाल को पावर फूड कैटेगरी में रखा जाता है। इसी वजह से गर्भावस्था में उड़द दाल खाने के फायदे निम्नलिखित हो सकते हैं।

1. भ्रूण के बेहतर विकास के लिए – गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के बेहतर विकास के लिए प्रोटीन को आवश्यक माना जाता है (4)। उड़द की दाल भी प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है (3)। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी एक गाइडलाइन से भी होती है। इसमें बताया गया है कि गर्भावस्था में प्रोटीन से समृद्ध काली उड़द दाल का सेवन किया जाना चाहिए (2)। ऐसे में स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आहार में उड़द की दाल को शामिल करना एक अच्छा विकल्प माना जा सकता है।

2. पाचन के लिए – गर्भावस्था के समय कब्ज की समस्या होना बेहद आम है (5)। यही वजह है कि गर्भावस्था में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। एक शोध में साफ तौर पर बताया गया है कि उड़द दाल में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं, जो पाचन को दुरुस्त रखने में सहायक हो सकते हैं (6)।

3. कैल्शियम की पूर्ति के लिए – एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार, गर्भवतियों और गर्भस्थ शिशु, दोनों को कैल्शियम की आवश्यकता होती है। कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा से नवजात को लो बर्थ वेट की परेशानी से बचाया जा सकता है। यही वजह है कि गर्भवतियों को दूसरी और तीसरी तिमाही में ज्यादा-से-ज्यादा कैल्शियम युक्त आहार लेने के लिए कहा जाता है (7)। ऐसे आहार की लिस्ट में उड़द की दाल का नाम भी शामिल है (3)।

इसके अलावा, गर्भावस्था में कैल्शियम की उचित मात्रा बनाए रखने से कमजोर हड्डियों के जोखिम से भी बचाव होता है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर की गंभीर स्थिती प्री-एक्लेमप्सिया व समय पूर्व प्रसव के जोखिम को भी दूर करने में कैल्शियम को लाभकारी माना जाता है (8)।

4. एनीमिया से बचाव – गर्भवतियों को अपने और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए आयरन की उचित खुराक की जरूरत होती है। इसकी कमी होते ही एनीमिया होने की आशंका बढ़ने लगती है (9)। साथ ही आयरन को भ्रूण के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए भी जरूरी माना जाता है (10)। ऐसे में उड़द दाल का सेवन गुणकारी साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें आयरन पर्याप्त मात्रा होती है (2)।

5. शरीर को ऊर्जावान बनाए – गर्भावस्था में शिशु की ग्रोथ और मां के स्तनों के उत्तकों, गर्भाशय व प्लेंसेंटा के उत्तकों के विकास के लिए शरीर में ऊर्जा होना जरूरी है (11)। इसे बनाए रखने के लिए उड़द दाल का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में कार्बोहाइड्रेट, लिपिड व प्रोटीन की अहम भूमिका होती है (12)।

ये सभी तत्व विभिन्न रासायनों को तोड़कर उन्हें कोशिकाओं तक पहुंचाते हैं। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती रहती है (12)। हम पहले ही बता चुके हैं कि उड़द दाल प्रोटीन, लिपिड और कार्बोहाइड्रेट से समृद्ध होती है (3)। ऐसे में कहा जा सकता है कि शारीरिक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए गर्भवती के लिए उड़द दाल का सेवन लाभकारी होता है।

6. दर्द से राहत दिलाना – गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में आए बदलावों की वजह से जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द बढ़ सकता है (13)। वहीं, उड़द दाल में एनाल्जेसिक यानी दर्दनाशक और सूजन को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं। ये दोनों प्रभाव गर्भावस्था के दौरान होने वाले शरीरिक दर्द और सूजन से छुटकारा दिलाने में सहायक हो सकते हैं (14)।

7. स्वस्थ वजन के लिए – गर्भावस्था के दौरान महिला का स्वस्थ शारीरिक वजन होना आवश्यक है। अगर गर्भवती का वजन बहुत कम होगा, तो समय से पहले शिशु के जन्म व जन्म के दौरान शिशु का वजन कम होने का जोखिम बढ़ जाता है। इससे बढ़ती उम्र में शिशु का विकास धीमा भी हो सकता है (15)।

ऐसे में सही वजन बनाए रखने के लिए गर्भवती को आहार में विभिन्न तरह की दालों को शामिल करने की सलाह दी जाती है (1)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि उड़द दाल का सेवन करने से भी गर्भवती को स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिलेगी।

8. पोषण से भरपूर – स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आहार में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, फैट के साथ ही अन्य जरूरी पोषक तत्वों को भी शामिल करने की आवश्यकता होती है (10)। इन जरूरी पोषक तत्वों के लिए काली उड़द दाल का सेवन किया जा सकता है। जी हां, उड़द दाल प्रोटीन व फाइबर के साथ ही जिंक, आयरन व मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स व विटामिन्स से समृद्ध होती है (16)।

आगे समझिए कि प्रेगनेंसी में काली उड़द का सेवन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान काली उड़द का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

महिलाओं को अगर प्रेगनेंसी में उड़द दाल खाने का मन है, तो आसानी से इसका सेवन कर सकती हैं। बस इसके सेवन से जुड़ी कुछ जरूरी सावधानियों पर गौर करना न भूलें।

  • अच्छी तरह धोने के बाद ही उड़द की दाल को पकाएं। धोने से इसमें मौजूद कीटाणु और घुन जैसे राशन वाले कीड़े बाहर निकल जाएंगे।
  • हमेशा अच्छी तरह से गली और पकी हुई उड़द दाल का ही सेवन करें।
  • घर के बजाय अगर किसी रेस्टोरेंट में उड़द की दाल खा रही हैं, तो खाने से पहले सुनिश्चित करें कि उसमें ज्यादा मसाले न हों।
  • पकी हुई उड़द दाल को ताजा ही खाएं। बासी दाल का सेवन करने से बचें।
  • हमेशा बिना पॉलिश की हुई दाल ही पकाने के लिए इस्तेमाल में लाएं।
  • आधे या एक कप से अधिक मात्रा में काली उड़द दाल का सेवन न करें (1)। दरअसल, यह फाइबर से समृद्ध होती है। इसका अधिक सेवन करने से पेट फूलने, गैस बनने व पेट में ऐंठन की समस्या हो सकती है (17)।
  • आहार में अन्य दाल को भी शामिल कर रही हैं, तो उड़द दाल की मात्रा को कम कर दें।
  • काली उड़द दाल देरी से पचती है, इस वजह से यह पाचन से जुड़ी समस्या उत्पन्न कर सकती है (18)। ऐसे में अगर महिला को अपच या एसिडिटी की समस्या है, तो गर्भावस्था के दौरान उड़द दाल का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • दो टुकड़ों में टूटी हुई उड़द दाल ही खरीदें, क्योंकि साबूत उड़द दाल को पकने में अधिक समय लगता है। इस वजह से कई बार ये अधपके भी रह जाते हैं।
  • अगर उड़द दाल में घुन बहुत ज्यादा हो गए हैं और नीचे की दाल पाउडर जैसी हो गई है, तो उसे बिल्कुल भी इस्तेमाल में न लाएं।

लेख के आखिरी हिस्से में जरूर पढ़ें प्रेगनेंसी में काली उड़द दाल के लड्डू की रेसिपी।

प्रेगनेंसी में खाने के लिए काली उड़द दाल से बनी लड्डू की रेसिपी

Recipe of black urad dal laddus to eat during pregnancy

Image: Shutterstock

प्रेगनेंसी में काली उड़द दाल खाने के फायदे हैं, यह हम आपको बता ही चुके हैं। अब प्रेगनेंसी में काली उड़द का सेवन कैसे करें, सोच रही हैं, तो उड़द दाल से बने लड्डू खा सकती हैं। प्रेगनेंसी में काली उड़द दाल के लड्डू की रेसिपी आगे जानिए।

सामग्री :

  • 1 कप काली उड़द दाल
  • 1 कप चीनी
  • आधा कप घी
  • 4 से 5 भूने हुए व बारीक कटे हुए काजू

बनाने की विधि :

  • एक पैन को गर्म करके उसमें काली उड़द दाल को अच्छी तरह से भून लें।
  • अब कुछ देर दाल को ठंडा होने दें और फिर ब्लेंडर में डालकर पीसे लें।
  • पीसने के बाद एक कोटरी में काली उड़द दाल का पाउडर निकाल लें।
  • फिर उसमें काजू, चीनी और पिघला हुआ घी डालकर अच्छे से मिलाएं।
  • मिलाने के बाद इसके गोल आकार के छोटे-छोटे लड्डू बना लें।
  • अब इन लड्डू को एक एयर टाइट जार में डालकर रख दें।
  • दोपहर में भोजन के बाद काली उड़द दाल से बने लड्डू का सेवन करें।
  • दिन में मीठा खाने की क्रेविंग होने पर भी काली उदड़ दाल से बनाए गए लड्डू खा सकते हैं

अब आप गर्भावस्था में उड़द दाल खाने के फायदे समझ ही गए होंगे। ऐसे में प्रेगनेंसी में काली उड़द का सेवन कैसे करें, यह सवाल मन में आए तो झट से लेख में दी गई उड़द दाल के लड्डू की रेसिपी पढ़कर इन्हें बना लें। इसके अलावा, प्रेगनेंसी में काली उड़द दाल का पानी भी पी सकती हैं। बस ध्यान रखें कि इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना है।

References

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  1. Diet Chart For Pregnant Women East India
    https://wcd.nic.in/sites/default/files/Diet%20Chart%20For%20Pregnant%20Women%20East%20India.pdf
  2. Guidelines for Control of Iron Deficiency Anaemia
    https://www.nhm.gov.in/images/pdf/programmes/child-health/guidelines/Control-of-Iron-Deficiency-Anaemia.pdf
  3. URAD DAL
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  4. Nutrition During Pregnancy: Part I Weight Gain: Part II Nutrient Supplements
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    https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000583.htm
  6. Nutritional and Therapeutic Potential of Superseeds and it used in Preparation of Ready to Eat Food Superseeds Dalupma/Uppindi
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    https://www.womenshealth.gov/healthy-weight/weight-fertility-and-pregnancy
  16. Comparative effect of horse gram and black gram on inflammatory mediators and antioxidant status
    https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S1021949816301442
  17. Dietary Fiber
    https://medlineplus.gov/dietaryfiber.html
  18. Black Gram
    https://www.sciencedirect.com/topics/biochemistry-genetics-and-molecular-biology/black-gram
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