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शिशुओं को चॉकलेट खिलाना : सही उम्र, नुकसान व सावधानियां | Bachon Ka Chocolate Khana

चॉकलेट भला किसे पसंद नहीं, खासकर बच्चों का तो यह फेवरेट होता है। वहीं, माता-पिता हमेशा इस बात को लेकर दुविधा में रहते हैं कि बच्चों के लिए चॉकलेट सुरक्षित है भी या नहीं, और अगर है भी तो इसे किस उम्र में बच्चों को देना चाहिए। ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब हम मॉमजंक्शन के इस लेख में लेकर आए हैं। यहां हम चॉकलेट के फायदे और नुकसान बताने के साथ-साथ उसे देते समय ध्यान रखने योग्य बातें भी विस्तार से बताएंगे।

सबसे पहले जानते हैं कि बच्चों को चॉकलेट देना सही है या नहीं।

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क्या छोटे बच्चों का चॉकलेट खाना सुरक्षित है?

हां, छोटे बच्चों को चॉकलेट देना सुरक्षित माना जा सकता है। दरअसल, चॉकलेट की गिनती एक एनर्जेटिक फूड यानी ऊर्जा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ में की जाती है, जो शरीर में ऊर्जा का संचार कर सकता है। हालांकि, बच्चों को इसका सेवन हमेशा सीमित मात्रा, जैसे- हफ्ते में केवल एक बार ही कराने की सलाह दी जाती है (1)।

अब जानेंगे शिशु को चॉकलेट खिलाने के सही उम्र के बारे में।

शिशु को चॉकलेट खिलाना कब शुरू करें?

अगर बात की जाए, शिशु को चॉकलेट खिलाने की सही उम्र की तो बता दें कि एक साल तक के छोटे बच्चों को चॉकलेट नहीं देने की सलाह दी जाती है (2)। वहीं, एक अन्य अध्ययन में बताया गया है कि दो साल से छोटे बच्चों को चॉकलेट का सेवन नहीं कराना चाहिए (1)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि डॉक्टरी परामर्श के बाद, दो साल की उम्र के बाद बच्चों को चॉकलेट दी जा सकती है।

वहीं, बच्चों को चॉकलेट देते समय इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें शुरुआत में थोड़ी मात्रा और छोटे-छोटे टुकड़ों में ही चॉकलेट दें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि उन्हें इसकी आदत न लगे, नहीं तो इसके कुछ नुकसान भी सामने नजर आ सकते हैं, जिसके बारे में लेख में हमने आगे चर्चा की है।

अब जानते हैं कि छोटे बच्चों को चॉकलेट खिलाने के क्या फायदे होते हैं।

छोटे बच्चे को चॉकलेट खाने के फायदे

छोटे बच्चों को अगर सीमित मात्रा में चॉकलेट दी जाए, तो इसके कुछ फायदे भी होते हैं। आपको बताते हैं उन फायदों के बारे में-

  1. एनर्जी के लिए : चॉकलेट को ऊर्जा का मुख्य स्रोत माना जाता है। लगभग 100 ग्राम चॉकलेट में 3, 770 किलो जूल ऊर्जा मौजूद होती है। इसके अलावा, चॉकलेट में थियोब्रोमाइन नामक कंपाउंड भी मौजूद होता है, कैफीन की तरह ही एनर्जी को बढ़ाने में मदद कर सकता है (3)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि बच्चों को ऊर्जावान बनाने के लिए चॉकलेट खिलाना फायदेमंद हो सकता है।
  1. याददाश्त बढ़ाने के लिए : बच्चों की याददाश्त बढ़ाने के लिए भी उन्हें चॉकलेट खिलाना फायदेमंद हो सकता है, खासकर डार्क चॉकलेट। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च से जानकारी मिलती है कि डार्क चॉकलेट फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होते हैं, जो मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार ला सकते हैं (4)।
  1. मूड में सुधार करने के लिए : बच्चों के मूड को सुधारने के लिए भी चॉकलेट के फायदे देखे जा सकते हैं। चॉकलेट पर हुए एक रिसर्च पेपर से जानकारी मिलती है कि मस्तिष्क में सुधार करने के अलावा चॉकलेट का सेवन मूड में भी सुधार कर सकता है (3)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चों के मूड को बदलने के लिए उन्हें चॉकलेट खिलाना फायदेमंद हो सकता है।
  1. पोषक तत्व से भरपूर : डार्क चॉकलेट कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स, जैसे – प्रोटीन, विटामिन बी1, विटामिन बी 2, विटामिन बी 3, विटामिन बी9, विटामिन के, कैल्शियम, फाइबर, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैंगनीज, सेलेनियम, आयरन, पोटेशियम, कॉपर और जिंक आदि से समृद्ध होते हैं। ये सभी पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने गए हैं (3)।
  1. सर्दी जुकाम में फायदेमंद : बच्चों को सर्दी-जुकाम से बचाने के लिए भी डार्क चॉकलेट को लाभकारी माना जा सकता है। इस विषय पर हुए एक शोध में साफतौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि डार्क चॉकलेट सर्दी-जुकाम की समस्या से राहत दिला सकती है(3)। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

बच्चों में चॉकलेट एलर्जी का कारण बन सकती है या नहीं, जरा यह भी जान लीजिए।

क्या छोटे बच्चों को चॉकलेट से एलर्जी हो सकती है?

हां, कुछ बच्चों को चॉकलेट से एलर्जी हो सकती है। एक शोध से जानकारी मिलती है कि चॉकलेट में कैफीन की मात्रा होती है, जो कुछ बच्चों में एलर्जी का कारण बन सकती है (5)। ऐसे में बेहतर होगा कि बच्चों को फूड एलर्जी से बचाने के लिए चॉकलेट का सेवन कराने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

स्क्रॉल कर जानें बच्चे को चॉकलेट से कौन सी समस्याएं हो सकती हैं।

शिशु को चॉकलेट खिलाने से क्या परेशानियां हो सकती हैं?

इसमें कोई दोराय नहीं कि बच्चों को चॉकलेट बहुत पसंद होते हैं, लेकिन इसके फायदे तभी तक है, जब तक इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए। अगर बच्चों को अत्यधिक मात्रा में चॉकलेट दिया जाए तो उसके कारण निम्नलिखित समस्या हो सकती है :

  • डार्क चॉकलेट में में थियोब्रोमाइन नामक कंपाउंड मौजूद होता है। ऐसे में अधिक मात्रा में इसका सेवन मतली और सिरदर्द की समस्या उत्पन्न कर सकता है (6)।
  • अधिक मात्रा में चॉकलेट के सेवन में वजन भी बढ़ सकता है, जिससे मोटापे की समस्या हो सकती है (7)।
  • एक शोध से जानकारी मिलती है कि चॉकलेट के सेवन से सीने में जलन की समस्या हो सकती है (7)।
  • अत्यधिक मात्रा में चॉकलेट के सेवन से मुहांसे की भी समस्या भी हो सकती है (7)।

किन परिस्थितियों में बच्चे को चॉकलेट नहीं देना चाहिए यह जानने के लिए आगे पढ़ें।

शिशु को कब चॉकलेट नहीं खाने देनी चाहिए?

बच्चों के लिए चॉकलेट खाने का कोई निर्धारित समय नहीं होता, लेकिन माता-पिता को इस बात की जानकारी होनी जरूरी है कि शिशुओं को कब चॉकलेट नहीं देना चाहिए। इसलिए यहां हम बता रहे हैं कि शिशुओं को चॉकलेट देने से बचना चाहिए :

  • सोने से पहले : आमतौर पर सोने से पहले चॉकलेट के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इसमें कैफीन और थियोब्रोमाइन होता है, जो नींद को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है (8)।
  • इरीटेबल बाउल सिंड्रोम : इरीटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या के दौरान चॉकलेट के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है (9)। ऐसे में अगर शिशु को इरीटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या है तो बच्चों को चॉकलेट से दूर रखें ।
  • गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स (जीईआरडी) : एक शोध से जानकारी मिलती है कि चॉकलेट गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स यानी एसिडिटी की समस्या को बढ़ सकती है (7)। ऐसी स्थिति में बच्चों को चॉकलेट देने से परहेज करें।
  • हाई ब्लड शुगर लेवल : कुछ बच्चों को हाई ब्लड शुगर लेवल की भी समस्या होती है (10)। ऐसे में उन्हें चॉकलेट देने से परहेज करना चाहिए, नहीं तो इससे समस्या और गंभीर हो सकती है।

बच्चों को चॉकलेट देने का तरीका जानने के लिए आगे पढ़ें।

बच्चों को चॉकलेट देने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

कभी बच्चे चॉकलेट के लिए जिद करने लगते हैं। ऐसे में माता-पिता के लिए बच्चों को चॉकलेट के लिए मना करना थोड़ा मुश्किल होता है। इस परिस्थिति में निम्नलिखित तरीकों से छोटे शिशुओं को चॉकलेट दिया जा सकता है :

  • अगर पहली बार शिशु को चॉकलेट दे रहे हैं तो उसे सबसे पहले चॉकलेट का एक छोटा टुकड़ा दें और एक से दो दिन इंतजार करें। अगर बच्चा चॉकलेट आसानी से पचा लेता है और किसी प्रकार की नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं देता है तो फिर उसे चॉकलेट का सेवन करा सकते हैं।
  • बच्चों को चॉकलेट हमेशा छोटे-छोटे टुकड़ों में ही खिलाएं, क्योंकि चॉकलेट का बड़ा टुकड़ा उसके गले में अटक सकता है।
  • चाहें तो बच्चों को चॉकलेट दूध में मिलाकर भी दे सकते हैं। यह बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है।
  • वहीं, चॉकलेट खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें एसिड और शुगर की मात्रा कम हो। ये दोनों तत्व शिशुओं के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं।

चॉकलेट देखने के बाद हर बच्चा खुश हो जाता है, लेकिन माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि बच्चे को कब चॉकलेट देना चाहिए और कब नहीं। इस लेख में हमने बच्चों को चॉकलेट खिलाने के सही उम्र और चॉकलेट के सेवन से जुड़ी कुछ परेशानियों के बारे में भी बताया गया है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि माता-पिता बच्चों को चॉकलेट देते समय पूरी सावधानी बरतेंगे। बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी ही जानकारी पाने के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।

References

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  1. Portion Sizes For Children 1 -4 Years
    https://infantandtoddlerforum.org/media/upload/pdf-downloads/1.3_-_Portion_Sizes_for_Children_1-4_Years.pdf
  2. Feeding patterns and diet – children 6 months to 2 years
    https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000713.htm
  3. Health Benefits of Dark Chocolate
    http://www.jadd.in/Content/Paper/201911029321000011201911029321000001.pdf
  4. Effects of Dark Chocolate Intake on Brain Electrical Oscillations in Healthy People
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6262453/
  5. Infant Nutrition And Feeding
    https://wicworks.fns.usda.gov/sites/default/files/media/document/Infant_Nutrition_and_Feeding_Guide.pdf
  6. Psychopharmacology of theobromine in healthy volunteers
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3672386/
  7. Cocoa and Chocolate in Human Health and Disease
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4696435/
  8. Influence of Dietary Intake on Sleeping Patterns of Medical Students
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6476615/
  9. Diet in irritable bowel syndrome: What to recommend not what to forbid to patients!
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5467063/
  10. The infant and toddler with diabetes: Challenges of diagnosis and management
    https://www.google.com/url?q=https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2828228/&sa=D&source=docs&ust=1634139554993000&usg=AOvVaw3T7T4sErmgFPD654uzaIDL
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