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केमिकल प्रेगनेंसी क्या है? कारण, लक्षण व इलाज | Chemical Pregnancy In Hindi

प्रेगनेंसी, मिसकैरेज, एबॉर्शन, नार्मल डिलीवरी, सी-सेक्शन आदि ऐसे शब्द हैं, जिससे हर कोई वाकिफ है। इन्हीं से मिलता-जुलता एक मेडिकल टर्म केमिकल प्रेगनेंसी है। अब आप सोच रहे होंगे कि इस बारे में तो कभी पढ़ा या सुना नहीं है। यूं तो कम ही लोग इस शब्द से वाकिफ हैं, लेकिन केमिकल प्रेगनेंसी से जितना लोग अनजान हैं, यह स्थिति उतनी ही आम है। इसलिए, हर किसी को केमिकल प्रेगनेंसी के बारे में पता होना आवश्यक है। ऐसे में यह हमारी जिम्मेदारी बन जाती है कि हम इससे आपका परिचय करवाएं। यही कारण है कि हम मॉमजंक्शन के इस लेख में केमिकल प्रेगनेंसी क्या है और इसके लक्षण क्या हैं, जैसी जरूरी जानकारियां दे रहे हैं। इसके अलावा, कई अन्य तथ्य भी हम आपके साथ साझा करेंगे। आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

सबसे पहले हम बता रहे हैं कि आखिर केमिकल प्रेगनेंसी क्या होती है।

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केमिकल प्रेगनेंसी क्या होती है? | Chemical Pregnancy Kya Hoti Hai

शरीर में बनने वाला एचसीजी (ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन – hCG) हार्मोन महिला के गर्भावस्था के बारे में बताता है। केमिकल प्रेगनेंसी के दौरान  यह एचसीजी हार्मोन का लेवल थोड़ी देर के लिए बढ़ता है, जिसके कारण महिला का प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आता है। फिर कुछ देर बाद इसका स्तर कम होने की वजह से यह टेस्ट नेगेटिव हो जाता है।

इससे जेस्टेशनल सैक (गर्भकालीन थैली) बनने से पहले ही मिसकैरेज हो जाता है। इसी वजह से अल्ट्रासाउंड में भी यह गर्भवस्था नजर नहीं आती। इस अवस्था को ही केमिकल प्रेगनेंसी कहा जाता है। इसका अर्थ है कि महिला में भ्रूण का निर्माण तो हुआ पर किसी कारणवश वह गर्भाशय में पूरी तरह से स्थापित नहीं हो पाया।

यह आमतौर पर नियमित मासिक धर्म के एक सप्ताह के बाद होता है। वैसे तो केमिकल प्रेगनेंसी काफी सामान्य है, लेकिन इस अर्ली प्रेगनेंसी लॉस के बारे में कुछ ही लोगों को पता चलता है। खासकर, ऐसे लोगों को जो गर्भधारण की कोशिश कर रहे हों और नियमित रूप से प्रेगनेंसी को किट से चेक करते हैं (1) (2)

शोधकर्ताओं की मानें तो गर्भधारण के लगभग एक तिहाई मामलों में पहले दो से चार हफ्ते में ही गर्भ गिर जाता है। दूसरे शब्दों में कहें, तो यह केमिकल प्रेगनेंसी की अवस्था डिटेक्शन (पता चलने) से आगे नहीं बढ़ पाती है (2) (3)

अब केमिकल प्रेगनेंसी के लक्षण के बारे में जानते हैं।

केमिकल प्रेगनेंसी के लक्षण | Chemical Pregnancy Ke Lakshan

केमिकल प्रेगनेंसी के अधिकतर कोई लक्षण नहीं होते। गर्भावस्था का यह बहुत ही प्रारंभिक समय होता है, इसलिए कुछ महिलाओं को पता ही नहीं चलता कि उनका गर्भधारण और गर्भपात हो गया है। फिर भी अगर केमिकल प्रेगनेंसी के कारण कुछ महिलाओं को लक्षण का अनुभव होता है, तो वो कुछ इस प्रकार हो सकते हैं (2) (4):

  • मासिक चक्र जैसा पेट दर्द होना।
  • पॉजिटिव प्रेगनेंसी टेस्ट के एक हफ्ते बाद मासिक धर्म का फिर से शुरू होना।
  • एचसीजी (hCG) में क्षणिक (कुछ देर के लिए) वृद्धि।
  • यूरिन या सीरम hCG में तेजी से गिरावट।
  • अल्ट्रासाउंड में इसका पता न चलना।
  • योनि से हल्का रक्त बहना।

आगे हम केमिकल प्रेगनेंसी के कारण के बारे में बता रहे हैं।

केमिकल प्रेगनेंसी के कारण

बायोकेमिकल प्रेगनेंसी का कोई निश्चित कारक स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन अक्सर यह अनुवांशिक (जेनेटिकली एबनॉर्मल) भ्रूण होने  के कारण होता है। कुछ रिसर्च में इसके और भी संभावित कारणों के बारे में जिक्र किया गया है। यहां हम उसी बारे में बता रहे हैं (1) (5) (6):

  • इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) या कृत्रिम गर्भधारण की प्रक्रिया।
  • एचसीजी (hCG) हार्मोन का कुछ क्षण के लिए बढ़ना और फिर कम हो जाना।
  • एंडोमेट्रियल रिसेप्टिविटी (Endometrial Receptivity) में कमी। एंडोमेट्रियम गर्भाशय की सबसे भीतरी परत होती है। एंडोमेट्रियल रिसेप्टिविटी का मतलब है ब्लास्टोसिस्ट (भ्रूण के प्रारंभिक विकास के लिए बनी संरचना) को इम्प्लांट करने, पोषण देने और भ्रूण को जीवित रखने की क्षमता।
  • क्रोमोसोम की असमान्यता। शरीर में मौजूद छोटी-छोटी संरचनाओं को क्रोमोसोम कहते हैं।
  • शुक्राणु डीएनए डैमेज।
  • संक्रमण (क्लैमाइडिया या सिफलिस)  (7)
  • गर्भाशय की असामान्यताएं।

चलिए, अब जानते हैं कि केमिकल प्रेगनेंसी का ट्रीटमेंट क्या हो सकता है।

केमिकल प्रेगनेंसी का उपचार

केमिकल प्रेगनेंसी के लिए किसी भी तरह के उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। केमिकल प्रेगनेंसी की वजह से भविष्य में गर्भधारण पर किसी तरह का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। हां, भविष्य में प्रजनन के लिए डॉक्टर कुछ दवाओं व टेस्ट करने की सलाह जरूर दे सकते हैं। जांच के बाद किसी तरह की कमजोरी या इंफेक्शन का पता चला, तो उसी से संबंधित उपचार डॉक्टर शुरू कर सकते हैं (1)

केमिकल प्रेगनेंसी के उपचार के साथ ही इससे बचाव के कुछ तरीकों के बारे में भी जानना जरूरी है।

केमिकल प्रेगनेंसी को कैसे रोकें

केमिकल प्रेगनेंसी अर्थात प्रारंभिक अवस्था में होने वाले गर्भपात से बचने के लिए कुछ तरीकों को अपनाया जा सकता है, जो इस प्रकार है (8) :

  • अल्कोहल का सेवन न करें।
  • कैफीन की अधिक मात्रा न लें।
  • विटामिन व फॉलिक एसिड का सेवन करें।
  • संक्रामक रोग से बचने का प्रयास करें।
  • सिगरेट व तंबाकू से दूर रहें।

आइए, अब डॉक्टर के पास कब जाएं इस प्रश्न का उत्तर जानते हैं।

डॉक्टर के पास कब जाएं?

जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि केमिकल प्रेगनेंसी काफी आम है और कई महिलाओं को इसके बारे में पता ही नहीं चलता। इसी वजह से डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती, लेकिन कभी भी एक प्रेगनेंसी टेस्ट के पॉजिटिव आने बाद कभी भी रक्तस्राव हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा, इन परिस्थितियों में भी डॉक्टर के पास जरूर जाएं।

  • बार-बार केमिकल प्रेगनेंसी हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • केमिकल प्रेगनेंसी के बाद अगर मानसिक रूप से तनाव महसूस कर रहे हों, तो विशेषज्ञ से परामर्श लें।
  • किसी तरह का इंफेक्शन हो, तो चिकित्सक से इलाज करवाएं।

आगे हम पाठकों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवालों के जवाब दे रहे हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या केमिकल प्रेगनेंसी के बाद परेशान होना सामान्य है?

हां, अगर महिला को केमिकल प्रेगनेंसी अर्थात अर्ली प्रेगनेंसी लॉस के बारे में पता चलता है, तो वह परेशान हो जाती हैं। ऐसा होना सामान्य है।

केमिकल प्रेगनेंसी में रक्तस्राव कब तक रहता है?

जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि दो से चार हफ्ते में ही गर्भपात हो जाता है। ऐसे में यह स्पष्ट बताना मुश्किल है कि कितने दिनों तक रक्तस्राव होता है। कुछ लोग मानते हैं कि सामान्य महावारी के दिन तक ही रक्तस्राव हो सकता है।

बेशक, गर्भावस्था खुशी देती है और गर्भपात महिलाओं के लिए भयावह शब्द है, लेकिन केमिकल प्रेगनेंसी कोई गंभीर स्थिति नहीं है। इसलिए, ऐसे समय में घबराने की जगह साहस और संयम के साथ काम लेना चाहिए। केमिकल प्रेगनेंसी आम होने के साथ ही पूर्ण गर्भावस्था भी नहीं होती और भविष्य में फिर से गर्भधारण करने में समस्या भी नहीं होती है। हां, इसकी वजह से कुछ समय के लिए मानसिक रूप से थोड़ी परेशानी जरूर हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करें और इससे बचाव के लिए लेख में बताए गए उपाय पर गौर करें।

References

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1. Biochemical Pregnancy During Assisted Conception: A Little Bit Pregnant By NCBI
2. The Chemical Pregnancy By JMI
3. The Myth of the Perfect Pregnancy: A History of Miscarriage in America By Google Books
4. A Little Bit Pregnant: Modeling How the Accurate Detection of Pregnancy Can Improve HIV Prevention Trials By NCBI
5. Etiological evaluation of repeated biochemical pregnancy in infertile couples who have undergone in vitro fertilization By NCBI
6. The role of infection in miscarriage By NCBI
7. Summary of pathogens and their association with miscarriage By NCBI
8. Miscarriage By Medline Plus

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