बच्चों के लिए मां-बाप ही पूरी दुनिया होते हैं। उन्हीं से बच्चा अच्छी-बुरी आदतें सीखता है, लेकिन कभी-कभी मां-बाप की छोटी-छोटी बातें बच्चे के कोमल मन को गहरी चोट पहुंचाती हैं। वैसे तो कोई भी मां-बाप अपने बच्चे को किसी तरह का दुख नहीं देना चाहता, लेकिन उन्हें सबसे बेहतर बनाने के चक्कर में कठोर होते चले जाते हैं। इसका अहसास मां-बाप तक को नहीं होता। वहीं, अपने पैरंट्स में आया ऐसा बदलाव देखकर बच्चा अक्सर जिद्दी हो जाता है। साथ ही बात-बात पर झल्लाने लगता है और कुछ बच्चे तो जीवन में गलत रास्ता तक चुन लेते हैं। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान मां-बाप को भी रखना चाहिए। आइए, जानते हैं।
1. आलोचना करने से बचें
मां-बाप को आलोचना से बचकर रहना चाहिए, चाहे वो खुद की आलोचना हो या बच्चे की। कभी खुद के लुक्स पर बोलना, तो कभी करियर को लेकर नेगेटिव बाते करना आदि बच्चे पर बुरा असर डालती हैं। अक्सर माता-पिता गुस्से में बच्चे को कह देते हैं “तुमसे नहीं हो पाएगा, छोड़ दो”, “तुम नहीं सीख पाओगे”, “तुम करना ही नहीं चाहते”। इससे बच्चा चिड़चिड़ा और जिद्दी हो जाता है।
2. बच्चे को मना किया काम खुद न करें
माता-पिता अक्सर बच्चे को कहते हैं “यह करो, यह न करो।” बेशक, यह अच्छी बात है, लेकिन मां-बाप यह भूल जाते हैं कि जो काम बच्चों को करने से मना किया है, वही काम वह खुद बच्चे के समाने बेझिझक होकर करते हैं। उदाहरण के लिए – बच्चे को ज्यादा टीवी न देखने की सलाह देना, लेकिन खुद घंटों टीवी देखना। ऐसे ही मोबाइल का देर तक इस्तेमाल करना। इन सबसे बच्चे के मन पर गलत असर पड़ता है।
3. तुलना करने से बचें
कई बार माता-पिता अपने बच्चे की तुलना अन्य बच्चों के साथ करते हैं। ऐसा न करें। यह बच्चे के मन में हीनता की भावना को जन्म देता है।
4. दूसरों के सामने न फटकारें
जैसे आपको दो लोगों के सामने कुछ कह दिया जाए, तो बुरा लगता है, ठीक ऐसा ही बच्चे के साथ भी होता है। इसलिए, बच्चों को दोस्तों, रिश्तेदारों व पड़ोसियों के सामने कुछ भी बुरा न कहें और ऊंची आवाज में बात न करें। ऐसा करने से बच्चे के आत्मसम्मान को ठेस पहुंच सकती है।
5. झगड़ा न करें
बच्चे के सामने घर में लड़ाई, मारपीट, एक दूसरे पर चिल्लाने जैसा कुछ भी न करें। हमेशा घर में बच्चे के सामने प्यार और मोहब्बत से रहें, ताकि बच्चे को प्यार और परिवार का महत्व समझ आ सके। वरना बच्चा घर में लड़ाई-झगड़ा देखकर छोटी उम्र में ही आक्रामक हो सकता है।
6. सभी का सम्मान करें
आप जैसा व्यवहार एक दूसरे के साथ और घर के बड़े-बुजुर्गों के साथ करेंगे, वही बच्चा सीखेगा। इसलिए, पति-पत्नी को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। साथ ही आपसी सहमती से किसी नतीजे पर पहुंचना चाहिए।
7. पुरुष प्रधान धारणा का उदाहरण न बनें
कई सारे क्राइम और असामाजिक गतिविधियां देश में पुरुष प्रधान सोच की वजह से होती है। बच्चे को ऐसा उदाहरण कभी न दें, जिससे उन्हें लगे कि महिला के मुकाबले पुरुष श्रेष्ठ होते हैं। बच्चे के सामने ऐसा कभी न कहें कि “पापा ही सारे फैसले लेंगे”, “मुझसे पूछे बिना फैसला कैसे कर लिया।”
8. बच्चे से अपनी बुरी लत को छुपाएं
अगर आपको सिगरेट और शराब पीने की आदत है, तो इसे बच्चे के सामने कभी न करें। आपको ऐसा करते हुए देखकर वो भी छोटी उम्र में इन सब चीजों की लत लगा लेते हैं। ऐसा करना बच्चों के लिए हानिकारक है।
9. बच्चे को बात-बात पर न टोकें
अगर आप किसी मुद्दे पर आपस में चर्चा कर रहे हैं और कभी बच्चे ने अपनी राय रख दी, तो गुस्सा होना सही नहीं है। देखिए, बच्चों को उनका मनपसंद काम करने देना और राय रखने की आजादी देना जरूरी है। जब तक वो कुछ गलत न करें, उन्हें न टोकें। इससे बच्चा डरपोक बनता है और आत्मविश्वास खत्म हो जाता है।
10. बच्चे पर हाथ न उठाएं
बच्चे पर हाथ छोड़ देना बहुत गलत आदत है। इससे बच्चे के मन में आपके प्रति विद्रोह पैदा हो सकता है। बच्चे को समझाने के लिए दूसरा तरीका अपनाएं। मारपीट से बच्चा जिद्दी बन सकता है। साथ ही वो बड़ों की इज्जत करना भी छोड़ सकता है।
ये थीं वो जरूरी बातें जिनसे माता-पिता को बचना चाहिए। इन चीजों को न करके आप बच्चे को अच्छी सीख देने के साथ ही शानदार व्यक्तित्व वाला इंसान बनाने में मदद कर सकते हैं। अन्यथा आपका व्यवहार उसके वर्तमान और भविष्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। अब फैसला आपका है कि आप अपने बच्चे को क्या बनाना और सिखाना चाहते हैं।