जानिए बच्चों के लिए कौन से योगासन हैं सुरक्षित

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भारतीय योग का प्रभाव इतना कारगर है कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल चुकी है। इसलिए, अब विश्वभर में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, क्योंकि स्वस्थ व फिट रहने के लिए योग से बेहतर और कोई विकल्प नहीं है। हर आयु वर्ग के लिए योग को सही माना गया है, लेकिन कई बार मन में यह बात जरूर आती है कि बच्चों के लिए योग सुरक्षित है या नहीं? अगर हां, तो किस उम्र से बच्चे योग करते हैं और कौन से योग करना बच्चों के लिए लाभदायक है? कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब हम इस लेख में लेकर आए हैं।

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बच्चों के लिए योग करने की सही उम्र

योग को लेकर कहा जाता है कि इसकी सुंदरता यही है कि इसे सभी उम्र के लोग कर सकते हैं। एक रिसर्च में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए योग करना लाभकारी है (1)। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए 6 साल की उम्र से बच्चे योग करना शुरू कर सकते हैं (2)

बच्चों के लिए सुरक्षित योग

बच्चों का शरीर लचीला होता है, इसलिए उन्हें योगासन सिखाना आसान होता है। फिर भी मुश्किल योगासन से बच्चों को दूरी ही बनाई रखनी चाहिए। इसी वजह से हम नीचे कुछ सरल तरीके से किए जाने वाले आसन के नाम बता रहे हैं, जिन्हें बच्चे आराम से कर सकते हैं।

1. सुखासन योग

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सुखासन आसान क्रिया होने के साथ ही बेहद लाभदायक भी है। बच्चे को शारीरिक और मानसिक रूप से चुस्त

बनाने के लिए जानें इसे करने का तरीका।

  • सबसे पहले समतल भूमि पर योग मैट बिछा लें।
  • अब घुटनों को मोड़ते हुए पालथी मारकर मैट पर बैठ जाएं।
  • पालथी मारकर बैठने के बाद पीठ को सीधा रखें।
  • साथ ही हाथों को घुटनों के ऊपर रखें।
  • 15 से 20 मिनट तक इसी मुद्रा में रहें।

2. भुजंगासन

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भुजंग का अर्थ सांप होता है, इसी वजह से इंग्लिश में इसे कोबरा पोज भी कहा जाता है। इस आसान में शरीर का पोज सांप जैसा दिखता। बच्चों के लिए इसे सिखाना काफी आसान है। जानें इसे करने की विधि :

  • समतल भूमि पर योग मैट या कपड़ा बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
  • अब दोनों हथेलियों को माथे के बगल में जमीन पर टिकाएं।
  • दोनों पैर तने हुए होने चाहिए।
  • फिर सांस लेते हुए सिर को ऊपर की ओर ले जाते हुए नाभि तक के हिस्से को उठाएं।
  • इस दौरान भुजाएं सीधी रहनी चाहिए और शरीर का पूरा भार उन पर होना चाहिए।
  • कुछ देर तक इसी अवस्था में रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • फिर सांस को छोड़ते हुए शरीर को प्रारंभिक अवस्था में लेकर आएं।

3. सेतुबंधासन

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सेतुबंधासन को ब्रिज पोज भी कहा जाता है। इस योगासन में शरीर की आकृति किसी पुल की तरह नजर आती है, जिस वजह से इसे सेतुबंधासन कहा जाता है। तनाव व अवसाद को कम करने के साथ ही मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए इस योगासन को जाना जाता है।

  • समतल जगह पर योग मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
  • अब घुटनों को मोड़ते हुए नितंब यानी हिप्स के पास ले जाएं।
  • इस दौरान तलवे जमीन से चिपके हुए हों।
  • अब दोनों हाथों को एड़ियों के पास ले जाएं और उन्हें पकड़ लें।
  • फिर सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं।
  • इस अवस्था में आपकी ठुड्डी छाती से और गर्दन, कंधे व सिर जमीन पर टीके होने चाहिए।
  • कुछ समय तक इस मुद्रा में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • फिर सांस छोड़ते हुए पहली वाली मुद्रा में धीरे-धीरे वापस आ जाएं। 

4. ध्यान योग यानी मेडिटेशन

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बच्चे की एकाग्रता बढ़ाने के लिए ध्यान योग मदद कर सकता है। यह सरल योगासन है। आइए, जानते हैं कि इसे करने का क्या तरीका है।

  • सबसे पहले वज्रासन (घुटनों को मोड़ने के बाद पैरों पर बैठना), सुखासन या पद्मासन (बाएं पैर के पंजे को अपने दाईं जांघ पर और दाएं पैर के पंजे को बाईं जांघ पर रखें) में बैठ जाएं।
  • ध्यान रहे कि रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए, ताकि सांस लेने में समस्या न हो।
  • पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें, ताकि सभी मांसपेशियों को आराम मिल सके।
  • सांस को सामान्य रूप से लेते रहें।
  • अब आंखें बंद करके दोनों आंखों के मध्य में ध्यान केंद्रित करें।
  • मानसिक शांति के लिए मन ही मन पसंदीदा मंत्र उच्चारण भी कर सकते हैं।
  • जितनी देर तक हो सके इसे करें।

योग करने के फायदे

बच्चों के लिए योग उतना ही फायदेमंद है, जितना वयस्कों के लिए है। नीचे हम बता रहे हैं कि योग करने के बच्चों को क्या फायदे हो सकते हैं (1) (3)

  • एकाग्रता में सुधार हो सकता है, जो पढ़ाई के लिए बेहद जरूरी है।
  • तनाव कम होता है।
  • आत्म जागरूकता यानी सेल्फ अवेयरनेस के स्तर में वृद्धि हो सकती है।
  • चेतना को बेहतर करता है।
  • व्यवहारिक और भावनात्मक परिपक्वता आती है।
  • आत्मविश्वास में सुधार होता है।
  • शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

योग करने का सही समय

सूर्योदय से पहले योगासन को करना काफी लाभकारी माना जाता है। इस समय वातावरण शुद्ध और शांत होता है। वैसे सूर्योदय के बाद भी योगासन कर सकते हैं, लेकिन पेट जरूर खाली होना चाहिए, क्योंकि योग को हमेशा खाली पेट करने की सलाह दी जाती है। इससे बच्चा दिनभर चुस्त रहता है।

तो ये थे वो योगासन, जो बच्चे के लिए सुरक्षित हैं। ये बच्चों को ऊर्जावान बनाए रखने के साथ ही उन्हें स्वस्थ रखते हैं। दिनभर फ्रेश और स्कूल में एकाग्र रहने में भी योगासन मदद करता है। बस जरूरत है, तो नियमित रूप से योगासन को अपने जीवन में जगह देने की।

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