बच्चों के बाल अच्छे आएं, इसके लिए समय रहते उनका मुंडन कराना जरूरी है। लगभग हर परिवार इस बात पर विश्वास करता है। वहीं, अगर भारतीय संस्कृति की बात करें, तो उसमें बच्चे के जन्म के बाद मुंडन संस्कार अधिक प्रचलित है। धर्म चाहे कोई भी हो, लेकिन इस संस्कार को अलग-अलग नामों के साथ अमल में लाया जाता है। हिंदू धर्म में भी पहले या तीसरे साल में बच्चे का मुंडन कराने की प्रथा है। अब सवाल यह उठता है कि मुंडन के पीछे मुख्य आधार क्या है? आइए, इसे जानने का प्रयास करते हैं।
- अगर धार्मिक संस्कारों की बात करें, तो मुंडन को अहम माना गया है। विभिन्न धर्मों में समय-समय पर मुंडन किया जाता है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि बच्चों का मुंडन संस्कार स्कैल्प से संबंधित कई सामान्य बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन को दूर रखने में मदद कर सकता है। दूसरी तरफ, वैज्ञानिक तर्क का कहना है कि पूरी तरह से गंजा होना और बालों के अच्छे विकास के बीच कोई संबंध नहीं है (1)।
- साथ ही बालों का विकास मुख्य रूप से बच्चे के जींस, पोषण और उम्र पर निर्भर करता है। बालों का रंग-रूप, बालों का मोटापन और बाल बढ़ने की तीव्रता भी इसी पर निर्भर करती है (2) (3)। इसलिए, अगर आप चाहते हैं कि मुंडन के बाद आपके बेबी के बाल अच्छे आएं, तो उसे हेल्थी फूड खाने को दें।
बच्चों का मुंडन कराने के लिए काम आएंगे ये टिप्स
बच्चों का मुंडन कराने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि आपको और बच्चे को कोई परेशानी न हो।
- इस्तेमाल किए जाने वाले औजार को पहले अच्छे से स्टेरलाइज किया जाना चाहिए।
- साल भर के बच्चों के सिर की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है, इसलिए मुमकिन हो तो तीसरे साल पर ही मुंडन संस्कार कराना चाहिए।
- मुंडन के बाद बच्चे के सिर पर कोई एंटीसेप्टिक क्रीम जरूर लगाएं, ताकि अगर कोई कट लगा हो, तो वह ठीक हो जाए और बच्चे को कोई परेशानी न हो।
- बच्चे का मुंडन कराने से पूर्व यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि बच्चे का पेट भरा हुआ हो, वरना भूखा होने के कारण बच्चा मुंडन के वक्त अधिक परेशान कर सकता है।
- मुंडन के बाद बच्चे को जरूर नहलाएं, ताकि शरीर पर चिपके बाल हट जाएं और बच्चे को कोई परेशानी न हो।
बेशक, विज्ञान मुंडन और बालों की अच्छी ग्रोथ के संबंध को नकारता हो, लेकिन धार्मिक आधार और अन्य कारणों से मुंडन की बात को जरूर स्वीकारता है। इसलिए, बच्चों का मुंडन कराने की प्रक्रिया को गलत ठहराना सही नहीं होगा। हां, इस दौरान कुछ सावधानी बरतना जरूरी है, ताकि आपका बेबी हमेशा स्वस्थ और खुश रहे।