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बच्चों को बादाम कब और कैसे खिलाएं व इसके फायदे | Baby Ko Badam (Almonds) Kaise De

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके पोषण को लेकर माता-पिता की चिंता भी बढ़ जाती है। खासकर, जब बच्चा ठोस आहार खाना शुरू करता है। इस दौरान अक्सर माता-पिता के मन में यही सवाल आता है कि बच्चे के आहार में ऐसे कौन से अन्य खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाए, जो बच्चे को ठीक तरह पोषित करने का काम कर सकते हैं। ऐसे में एक नाम जो मन में आता है, वह बादाम है। इस एक ड्राई फ्रूट में बच्चे को पर्याप्त पोषण देने के गुण छुपे हैं, लेकिन इसे कब और कितनी मात्रा में देना चाहिए, यह जानना बहुत जरूरी है। मॉमजंक्शन के इस लेख में जानिए बच्चों के लिए बादाम से जुड़े कई सवालों के जवाब और अन्य जरूरी जानकारी।

सबसे पहले जानिए कि बच्चों को बादाम खिलाना सही है या नहीं।

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क्या बादाम शिशुओं के लिए सुरक्षित हैं?

जी हां, सीमित मात्रा में बच्चों के आहार में बादाम को शामिल किया जा सकता है (1)इनमें कई पोषक तत्व होते हैं, जैसे प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन और कई अन्य विटामिन, जो बच्चों को भरपूर पोषण प्रदान करने के साथ-साथ उनके विकास में मदद कर सकते हैं (2) बच्चों को बादाम खिलाने के फायदे के बारे में हम नीचे विस्तार से चर्चा करेंगे।

आगे जानिए कि बच्चे को बादाम कब और कितनी मात्रा में देना चाहिए।

बच्चों को बादाम कितना और कब खिलाना शुरू करना चाहिए?

जब बच्चा ठोस खाना शुरू कर दे (लगभग छह महीने के बाद), तो आप उसे बादाम खिला सकते हैं (3)। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को साबुत बादाम न खिलाएं, क्योंकि यह बच्चे के गले में फंस सकता है। इसलिए, बादाम को पीसकर दूध में मिक्स किया जा सकता है या फिर पाउडर व पेस्ट के रूप में बच्चे को दिया जा सकता है (4)। इस विषय में अधिक जानकारी आपको आहार विशेषज्ञ से भी मिल सकती है।

वहीं, इसकी मात्रा की बात करें, तो सभी बच्चों का पाचन तंत्र और डाइट अलग-अलग होती है। इसलिए, बच्चे को बादाम खिलाना शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श कर लेना अच्छा विचार होगा। आपके बच्चे को कितना बादाम खिलाना है, यह जानकारी डॉक्टर ही सही तरह से दे सकते हैं।

लेख के अगले भाग में जानिए कि बच्चे को बादाम खिलाने से क्या-क्या लाभ हो सकते हैं।

बच्चों को बादाम खिलाने के फायदे

बच्चे के आहार में बादाम शामिल करने के कई फायदे हो सकते हैं, जिनके बारे में आगे बताया गया है।

  1. हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए : बादाम में भरपूर मात्रा में कैल्शियम और फास्फोरस होता है (2)। हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के लिए ये दोनों पोषक तत्व जरूरी होते हैं। ये हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ बच्चे के विकास में भी मदद करते हैं। कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनका आकार आसानी से बिगड़ सकता है, जिससे बच्चे के हड्डी के ढांचे में गंभीर समस्या हो सकती है (5)। इसलिए, कैल्शियम और फास्फोरस की पूर्ति के लिए बादाम का विकल्प चुना जा सकता है।
  1. प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करे : बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने में बादाम एक सक्रीय भूमिका निभा सकता है। दरअसल, बादाम में आयरन, सेलेनियम, जिंक, फोलेट व विटामिन-बी6 जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहयोग कर सकते हैं (2) (6)
  1. फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाए : कई बार पोषक तत्वों की कमी के चलते बच्चे में कुपोषण की समस्या आ जाती है। इस वजह से बच्चों की सेहत पर फ्री रेडिकल्स का प्रभाव पड़ने लगता है, जो उनमें डीएनए का नुकसान (DNA Damage) का कारण बन सकता है (7)। ऐसे में उन पोषक तत्वों का सेवन बहुत जरूरी है, जो एंटीऑक्सीडेंट एजेंट की तरह काम करेंगे। बादाम में भरपूर मात्रा में विटामिन-ई पाया जाता है और विटामिन-ई को एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है, जो फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम करने में मदद कर सकता है (8) (2)
  1. मानसिक विकास : बादाम को अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ बी-विटामिन्स (फोलेट, थियामिन, नियासिन, राइबोफ्लेविन, बायोटिन, पैंटोथैनिक एसिड, विटामिन बी-6) का भी अच्छा स्रोत माना गया है (2)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, बी विटामिन्स मस्तिष्क की हर तरह की कार्यप्रणाली के लिए जरूरी होता हैं (9)। इसलिए, बच्चों के मानसिक विकास के लिए बादाम का सेवन अहम भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा, बादाम फैटी एसिड के अच्छे स्रोत होते हैं, जो कम उम्र में बच्चे के मानसिक विकास में सहायक हो सकते हैं।
  1. कब्ज से राहत : बच्चों में अक्सर कब्ज की शिकायत हो जाती है। ऐसा खेल में मन लगने के कारण पॉटी रोकने या पॉटी आने का अहसास न होने से हो सकता है। इसके चलते उन्हें पेट में दर्द, सूजन या पेट फूलने जैसी समस्या हो सकती है (10)। कब्ज से आराम पाने के लिए बादाम खाने के फायदे हो सकते हैं। बादाम में फाइबर होता है और फाइबर कब्ज से आराम पाने व पेट साफ करने में मदद कर सकता है (9)
  1. हृदय रोग का खतरा कम करे : बच्चों में हृदय रोग के जोखिम को कम करने में बादाम अहम भूमिका निभा सकता है। शोध में पाया गया है कि ट्री नट्स में बादाम भी शामिल है और इसे अपने आहार में जगह देने से हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है (11) साथ ही बादाम में पोटैशियम भी होता है, जो असंतुलित रक्तचाप को संतुलित कर हृदय रोग का जोखिम कम करने में मदद कर सकता है (2) (12)

बच्चों को बादाम खिलाने के फायदे जानने के बाद लेख के अगले भाग में जानिए कि बादाम के सेवन से बच्चों को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।

बच्चों के लिए बादाम के नुकसान

हर अच्छी चीज के फायदे के साथ नुकसान भी होते हैं और ऐसा बादाम के साथ भी है। बादाम का अधिक सेवन करने से बच्चों को नीचे बताए गए नुकसान हो सकते हैं :

  • एलर्जी : कुछ बच्चों को ट्री नट्स से एलर्जी हो सकती है। बादाम भी एक प्रकार का ट्री नट है, जिससे बच्चों को एलर्जी हो सकती है (13)
  • हृदय रोग : बादाम में समृद्ध मात्रा में पोटैशियम होता है, जिसका नियंत्रित मात्रा में सेवन न करना हृदय रोग और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है (14)
  • अधिक फास्फोरस : बादाम फास्फोरस से भरपूर होता है (2)। खून में फास्फोरस की मात्रा बढ़ जाना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। फास्फोरस की मात्रा बढ़ जाने से वह हड्डियों से कैल्शियम खींचने लगता है, जिसके चलते हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और आसानी से टूट सकती है (15)।

आगे जानिए कि बच्चों को बादाम खिलाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।

बच्चों को बादाम खिलाते समय इन बातों का रखें ध्यान

जब भी बच्चों को बादाम खिलाएं, तो नीचे बताई गई बातों को ध्यान में जरूर रखें।

  • चोकिंग हैजर्ड (Choking Hazard) : दांत आ जाने के बाद भी कई बार बच्चों के गले में बादाम फंस सकता है। इसलिए, बादाम ठीक तरह से कूटकर ही बच्चों को खिलाएं (16)
  • नट एलर्जी : ध्यान रखें कि बच्चे को नट एलर्जी न हो। बादाम खाने के बाद अगर बच्चे को किसी भी प्रकार की असहजता हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें (13)

लेख के अगले भाग में जानिए कि बच्चों को किस तरह के बादाम खिलाना चाहिए।

सूखे या गीले बादाम : क्या बेहतर है आपके बच्चे के लिए?

बच्चों को गीले बादाम खिलाना एक बेहतर विचार होगा। बादाम के छिलके में कुछ बैक्टीरिया या अन्य जीवाणु हो सकते हैं, जो बच्चे में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। बादाम को पानी में भिगोने से उसका छिलका आसानी से उतर जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो सकता है (17)। साथ ही बच्चे के लिए बादाम को पचाना आसान हो जाता है।

लेख के आखिरी भाग में जानिए कि बच्चे के आहार में बादाम को किस तरह शामिल किया जा सकता है।

बच्चों के आहार में बादाम को कैसे शामिल करें? | Baby Ko Badam Kaise De

नीचे बताई गई रेसिपी की मदद से आप बच्चे के आहार में बादाम को शामिल कर सकते हैं।

1. बादाम पाउडर

Almond Powder

Image: Shutterstock

सामग्री :

  • आधा कप बादाम
  • दो से तीन इलाइची
  • एक चौथाई छोटा चम्मच केसर
  • आधा कप मिल्क पाउडर
  • दो चुटकी हल्दी
  • एक चौथाई कप पीसी हुई शक्कर (वैकल्पिक)

विधि :

  • एक पैन में आधा कप बादाम डालें।
  • धीमी आंच पर बादाम को सुनहरा होने तक सेकें।
  • सुनहरा हो जाने के बाद बादाम को गैस से उतार लें और ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
  • पूरी तरह ठंडा हो जाने के बाद बादाम, इलाइची और केसर को एक ब्लेंडर में डालकर ब्लेंड कर लें।
  • इसके बाद ऊपर से मिल्क पाउडर और हल्दी डालकर सामग्री को दोबारा ब्लेंड करें।
  • आप चाहें तो इसमें एक चौथाई कप शक्कर भी मिला सकते हैं।
  • अब इस पाउडर को एयर टाइट डिब्बे में रखें।

आप बादाम का पाउडर बनाकर उसे बच्चों को सिरीअल या ओट्स के साथ दे सकते हैं।

2. बादाम दूध

Almond milk

Image: Shutterstock

सामग्री :

  • दो से तीन बादाम
  • दो कप दूध
  • मिठास के लिए आवश्यकतानुसार शक्कर
  • दालचीनी पाउडर (वैकल्पिक)

विधि :

  • एक कप पानी में बादाम को रातभर के लिए भिगोकर रख दें।
  • अगले दिन भिगोए हुए बादाम के छिलके निकाल दें।
  • एक पैन में दूध डालकर उबाल लें और फिर उसे ठंडा कर लें।
  • अब एक ब्लेंडर में बादाम और अन्य सभी सामग्रियां डालकर अच्छी तरह ब्लेंड कर लें।
  • ब्लेंड किए हुए शेक को एक गिलास में निकाल लें और ठंडा करके बच्चे को दें।

अब आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि बादाम का सेवन बच्चों के लिए किस प्रकार फायदेमंद हो सकता है। स्वाद के साथ-साथ यह बच्चों को भरपूर पोषण भी प्रदान करेगा। बच्चों को बादाम देना शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें और ध्यान रखें कि शुरुआत में उन्हें बादाम की ज्यादा मात्रा न दें। इसके अलावा, अगर बादाम का सेवन करने के बाद बच्चे को किसी भी प्रकार की असहजता महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरूर करें।

References

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1. Calcium by KidsHealth
2. Nuts, almonds by USDA
3. Feeding patterns and diet – children 6 months to 2 years by MedlinePlus
4. The almond milk: a new approach to the management of cow-milk allergy/intolerance in infants by NCBI
5. Calcium and bones by MedlinePlus
6. Immune Function and Micronutrient Requirements Change over the Life Course by NCBI
7. Free radicals and brain damage in newborns with hypoxic-ischemic lesion by NCBI
8. Role of free radicals and antioxidant status in childhood nephrotic syndrome by NCBI
9. B Vitamins and the Brain: Mechanisms, Dose and Efficacy—A Review by NCBI
10. Symptoms & Causes of Constipation in Children by NIDDK
11. Nutritional Recommendations for Cardiovascular Disease Prevention by NCBI
12. Effect of increased potassium intake on cardiovascular risk factors and disease: systematic review and meta-analyses by NCBI
13. Tree Nut Allergy, Egg Allergy, and Asthma in Children by NCBI
14. Kidney Disease in Children by NIDDK
15. Nutrition for Chronic Kidney Disease in Children by NIDDK
16. Choking Prevention for Children by Department of Health, New York State
17.A review of the impact of processing on nutrient bioaccessibility and digestion of almonds by NCBI

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