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प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स और मेवे खाने के फायदे | Pregnancy Me Dry Fruits Khane Ke Fayde

गर्भावस्था के दौरान मां को पर्याप्त पोषण की जरूरत होती है, क्योंकि मां से मिलने वाला पोषण ही भ्रूण के संपूर्ण विकास में मदद करता है। प्रेगनेंसी में पोषण से भरपूर फल-सब्जियों के साथ ड्राई फ्रूट्स भी मां के स्वास्थ्य के लिए अहम माने जाते हैं। अगर आपके घर में भी नन्ही किलकारी गूंजने वाली है, तो आप सही जगह पर हैं, क्योंकि मॉमजंक्शन का यह लेख गर्भावस्था में ड्राई फ्रूट्स और मेवे के सेवन पर ही आधारित है। इस लेख में प्रेगनेंसी के दौरान विभिन्न ड्राई फ्रूट्स और मेवे के सेवन से होने वाले लाभ के बारे जानकारी दी जा रही है।

आइए, सबसे पहले जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान ड्राई फ्रूट्स और मेवे खाना कितना सुरक्षित है? 

In This Article

क्या गर्भावस्था के दौरान ड्राई फ्रूट्स और मेवे खाना सुरक्षित है?

हां, गर्भावस्था के दौरान ड्राई फ्रूट्स और मेवे खाना सुरक्षित है (1)गर्भावस्था के दौरान मां के शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए ड्राई फ्रूट्स लाभदायक हो सकते हैं। अगर कुछ खास ड्राई फ्रूट्स की बात करें, तो अखरोट के सेवन से ओमेगा-3 फैटी एसिड और बादाम से आयरन व कैल्शियम जैसे पोषक तत्व मिल सकते हैं (2)

 आइए, अब लेख के इस भाग में जानते हैं कि गर्भावस्था के किस महीने में ड्राई फ्रूट खाना लाभदायक है। 

गर्भावस्था मे किस महीने में ड्राईफ्रूट खाना शुरू कर सकते हैं? | Pregnancy Me Dry Fruits Kis Month Me Khane Start Karna Chahiye

गर्भावस्था के दौरान अच्छा पोषण आपको स्वस्थ रखने में और आपके बच्चे के विकास में मदद कर सकता है (3)। अच्छे पोषण के लिए अखरोट और सूखे खुबानी जैसे ड्राई फ्रूट को गर्भावस्था में खाने की सलाह दी है। हालांकि, अभी इस पर वैज्ञानिक शोध की जरूरत है कि गर्भावस्था में किस महीने से ड्राई फ्रूट खा सकते हैं। इसीलिए, गर्भावस्था में ड्राई फ्रूट्स का सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

लेख के इस भाग में हम बता रहे हैं कि गर्भावस्था के दौरान ड्राई फ्रूट्स खाने के क्या-क्या लाभ हो सकते हैं।

गर्भावस्था के दौरान ड्राई फ्रूट्स और मेवे खाने के स्वास्थ्य लाभ | Pregnancy Me Dry Fruit Khane Ke Fayde 

गर्भावस्था के दौरान स्नैक्स के रूप में ड्राई फ्रूट्स को शामिल करने की भी सलाह दी जाती है(4)। नीचे जानिए इसे खाने के स्वास्थ्य लाभ के बारे में –

  • ड्राई फ्रूट्स में आयरन की मात्रा पाई जाती है। गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी के कारण एनीमिया और जन्म के समय बच्चे में कम वजन की समस्या हो सकती है। प्रेगनेंसी में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए ड्राई फ्रूट्स का सेवन किया जा सकता है (5)
  • गर्भावस्था में मां और बढ़ते बच्चे के लिए पर्याप्त ऊर्जा और पोषक तत्व की पूर्ति के लिए ड्राई फ्रूट्स का सेवन लाभदायक हो सकता है (3)
  • गर्भावस्था के दौरान अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट का सेवन करने से आने वाले शिशु की याददाश्त और सीखने की क्षमता का विकास हो सकता है (6)
  • गर्भावस्था के दौरान पोटैशियम की आवश्यकता स्तनों में दूध के निर्माण के लिए जरूरी होती है और ड्राई फ्रूट्स के जरिए पोटैशियम की कमी को दूर किया जा सकता है (7), (8)
  • गर्भावस्था के दौरान शिशु की प्री मैच्योर डिलीवरी (लगभग 37 सप्ताह) के खतरे को कम करने के लिए किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स का सेवन फायदेमंद हो सकता है (9)
  • सूखे मेवे फाइबर से भरपूर होते हैं। आहार में फाइबर को शामिल करने से मल त्यागने में आसानी होती है और कब्ज की समस्या को हल करने में भी मदद मिल सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान ड्राई फ्रूट्स और मेवे खाने के लाभ जानने के बाद आइए अब जानते हैं कि क्या इसके कोई साइड इफेक्ट्स हैं।

क्या कोई साइड इफेक्ट्स और जोखिम हैं?

अगर गर्भावस्था में सूखे मेवों का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए, तो ये लाभकारी हो सकते हैं। वहीं, अधिक सेवन से निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं :

  • गर्भावस्था में अगर आपका वजन पहले से बढ़ा हुआ है, तो आपको फैट और शुगर की ज्यादा मात्रा वाले ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू का सेवन करने से बचना चाहिए, नहीं तो ये आपका वजन और बढ़ा सकता है (10), (2)
  • गर्भावस्था के दौरान बादाम का अधिक सेवन कब्ज का कारण बन सकता है। बादाम में फाइबर की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है और फाइबर की अधिकता से पेट फूलने, सूजन और पेट में ऐंठन बनने की समस्या हो सकती है (11),(12)
  • पिस्ता में पोटैशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है(13)। पोटैशियम का अधिक सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बन सकता है (5)। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान पिस्ता के अधिक सेवन से बचें।

आइए, अब लेख के इस भाग में जानते हैं कि एक दिन में आपको कितने ड्राई फ्रूट्स खाने चाहिए।

एक दिन में आपको कितने ड्राई फ्रूट्स और मेवे खाने चाहिए?

गर्भावस्था के दौरान एक दिन में ड्राई फ्रूट्स का सेवन लगभग 30 ग्राम तक किया जा सकता है (3)। मेडिकल रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि की गई कि गर्भावस्था में प्रतिदिन 30 ग्राम ड्राई फ्रूट्स खाए जा सकते हैं (14)

नोट – गर्भावस्था में महिलाओं को ड्राई फ्रूट्स और उससे मिलने वाले पोषक तत्वों की जरूरत अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए, सही मात्रा जानने के लिए एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

लेख के इस भाग में आपको गर्भावस्था के लिए बेस्ट ड्राई फ्रूट्स और मेवे की जानकारी दी जा रही है कि वो गर्भावस्था में कैसे फायदेमंद हो सकते हैं।

गर्भावस्था के लिए बेस्ट ड्राई फ्रूट्स और मेवे

  • बादाम : गर्भावस्था में मां को अपने स्वास्थ्य और अपने शिशु की हड्डियों का निर्माण करने के लिए कैल्शियम और विटामिन-डी की जरूरत होती है(15)। गर्भावस्था के दौरान कम वसा वाले ड्राई फ्रूट्स में बादाम को शामिल किया जा सकता है, क्योंकि यह कैल्शियम और विटामिन-डी से परिपूर्ण होता है (16)
  • अखरोट : गर्भावस्था में अखरोट के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, गर्भावस्था में ओमेगा-3 फैटी एसिड शिशु के मस्तिष्क और आंखों के विकास के लिए आवश्यक होता है और ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए अखरोट एक बेहतर विकल्प है (2) 
  • हेजलनट : प्रेगनेंसी के दौरान न्यूरल ट्यूब दोष का खतरा हो सकता है। न्यूरल ट्यूब दोष (शिशु के मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी में दोष उत्पन्न होना) के खतरे को फोलिक एसिड (फोलेट) से कम किया जा सकता है। यहां हेजलनट की अहम भूमिका देखी जा सकता है, क्योंकि यह फोलिक एसिड से समृद्ध होता है (3) 
  • काजू : काजू में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। गर्भावस्था में आयरन का सेवन सामान्य भ्रूण विकास और शिशु के मस्तिष्क विकास को सुनिश्चित करता है। आयरन की एक बात और है कि यह गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद एनीमिया (शरीर में खून की कमी) के खतरे को भी कम करता है (2) 
  • पिस्ता : गर्भावस्था के दौरान मां को पर्याप्त ओमेगा फैटी एसिड की जरूरत होती है, जो मां के लिए आवश्यक है। साथ ही पिस्ता के सेवन से मां को मिलने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड का प्रभाव शिशु को सर्दी के लक्षणों से बचाने का काम कर सकता है (17)
  • खजूर : अगर आपको गर्भधारण करने में देरी हो रही है, तो निश्चिंत हो जाइए, क्योंकि विशेषज्ञों के द्वारा किये गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि लेट प्रेगनेंसी में खजूर का समय डिलीवरी के समय को कम कर सकता है (18)
  • पाइन नट (चिलगोजा) : चिलगोजा का सेवन भी गर्भावस्था में किया जा सकता है, जो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए फायदेमंद हो सकता है। चिलगोजा में जिंक पाया जाता है। जिंक का सेवन रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है और आंखों की रोशनी में सुधार लाता है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान यह शिशु के विकास और प्रारंभिक बाल विकास में भी मदद कर सकता है। गर्भावस्था में प्रतिदिन 28-30 ग्राम पाइन नट का सेवन किया जा सकता है (19) 
  • किशमिश : गर्भावस्था के दौरान मां को कई स्वास्थ्य खतरे हो सकते हैं, जिनमें से एक प्रीटर्म डिलीवरी भी है। प्रीटर्म डिलीवरी ऐसी स्थिति है, जब बच्चा अनुमानित समय (37वें सप्ताह) से पहले ही जन्म ले लेता है (20)। विशेषज्ञों के द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, किशमिश का सेवन प्रीटर्म डिलीवरी के खतरे को कम कर सकता है (10) 
  • मूंगफली : मूंगफली का सेवन भी गर्भावस्था के दौरान किया जा सकता है, क्योंकि इसमें फोलेट की मात्रा पाई जाती है, जो न्यूरल ट्यूब दोष ( शिशु के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से जुड़ा दोष) के खतरे को कम कर सकता है (3)। इसके अतिरिक्त, मूंगफली के सेवन से बच्चों में एलर्जी रोगों के होने का खतरा भी कम हो सकता है (21)
  • सूखी खुबानी : गर्भावस्था में सूखे खुबानी का उपयोग भी ड्राई फ्रूट के रूप में किया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान मां को पर्याप्त ऊर्जा और भरपूर पोषण की आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति सूखी खुबानी के जरिए की जा सकती है (3) 
  • सूखे सेब : सूखे सेब में फाइबर की मात्रा पाई जाती है (22)। यह गर्भावस्था में फायदेमंद हो सकते हैं। सूखे सेब में मौजूद फाइबर की मात्रा गर्भावस्था में कब्ज की समस्या को खत्म करने के काम आ सकती है (3) 
  • सूखे केले : गर्भावस्था के दौरान सूखे केले का सेवन भी फायदेमंद साबित हो सकता है। सूखे केले में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पाई जाती है (23)। गर्भावस्था के दौरान, अगर मां को गेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भावस्था के समय मधुमेह) है, तो उसे सूखे केले में मौजूद कार्बोहाइड्रेट के जरिए ठीक किया जा सकता है (24)
  • सूखे खजूर : सूखे खजूर का सेवन भी गर्भावस्था के कई जोखिमों को कम कर सकता है। सूखे खजूर में फोलेट (फोलिक एसिड) पाया जाता है (25)। फोलेट, स्पाइना बिफिडा (बच्चे की रीढ़ का अधूरा विकास होना), एनासेफली (मस्तिष्क का दोष) और अन्य जन्मजात दोषों के खतरे को कम करने के काम आ सकता है (26)
  • सूखे नाशपाती : गर्भावस्था में भी सूखे नाशपाती का प्रयोग मां के लिए लाभकारी हो सकता है। सूखे नाशपाती में ऊर्जा की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है (27)। गर्भावस्था के दौरान मां को एक दिन में एक्स्ट्रा 300 कैलोरी की जरूरत होती है (26)। यह सूखे नाशपाती में मौजूद कैलोरी के सेवन से पूरी हो सकती है। 
  • सूखे आड़ू (Peaches) : सूखे आड़ू में सोडियम की मात्रा न के बराबर पाई जाती है। गर्भावस्था के दौरान कम सोडियम की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए, जो मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है (28), (29) 
  • सूखे अंजीर : सूखे अंजीर में विटामिन-ए की मात्रा पाई जाती है। गर्भावस्था के दौरान मां और मां के पेट में पल रहे भ्रूण के विकास के लिए आवश्यक माना जाता है। इसलिए, गर्भावस्था में सूखे अंजीर को विटामिन-ए की पूर्ति के लिए एक विकल्प के रूप में खाया जा सकता है (30), (31) 

नोट – सूखे केले, सूखे सेब, सूखे नाशपाती, सूखे आड़ू और सूखे अंजीर के गर्भावस्था में सेवन को लेकर अभी पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। सावधानी के तौर पर इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

अब लेख के इस भाग में आपको ड्राई फ्रूट्स और मेवे का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया जा रहा है।

ड्राई फ्रूट्स और मेवे का सेवन करते समय सावधानियां

ड्राई फ्रूट्स और मेवे का सेवन करते समय नीचे बताई जा रही सावधानियां जरूर बरतें।

  • ड्राई फ्रूट्स लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह खुले हुए न बिक रहे हों, क्योंकि इसमें नमी भी हो सकती है।
  • धूप में सुखाए हुए ड्राई फ्रूट्स को ही खरीदें। ड्राई फ्रूट्स को सुखाने के तरीके को पैकेट पर दिया जाता है, कृपया यह जांच लें।
  • ड्राई फ्रूट्स का सेवन करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपने जो ड्राई फ्रूट्स लिया है, कहीं उसमें एडेड शुगर तो नहीं है। यह पता करने के लिए आप ड्राई फ्रूट्स के पैकेट पर दी गई जानकारी को पढ़ सकते हैं।
  • ड्राई फ्रूट को साफ और बंद सूखे बॉक्स में ही रखें, ताकि हवा में मौजूद नमी के कारण इसमें फंगस न लग जाएं।
  • पैकेजिंग की तारीख देखने के बाद इसको खरीदें और फिर इसका सेवन करें।

आइए, अब आपको गर्भावस्था में ड्राई फ्रूट्स शामिल करने के टिप्स बताते हैं।

आहार में ड्राई फ्रूट्स और मेवे शामिल करने के टिप्स

गर्भावस्था में आप ड्राई फ्रूट्स को निम्न प्रकार से शामिल कर सकते हैं।

  • ड्राई फ्रूट्स को सीधे खाया जा सकता है।
  • ड्राई फ्रूट्स को स्नैक्स के रूप में सुबह या शाम में खाया जा सकता है।
  • बादाम और मूंगफली जैसे ड्राई फ्रूट को रात में भिगोकर सुबह खाया जा सकता है।
  • आप खजूर और बादाम को पीसकर दूध में उबालने के बाद रात में सोने से पहले पी सकते हैं।
  • डिलीवरी के बाद ड्राई फ्रूट्स को फ्राई करके भी दिया जा सकता है। इससे स्तनपान कराने वाली मां को अच्छी मात्रा में ऊर्जा मिल सकती है।

गर्भावस्था में महिलाओं को मेवे खाने चाहिए या नहीं इसका जवाब तो आपको ऊपर मिल ही चुका होगा। अगर आप भी गर्भावस्था के इस सुंदर दौर से गुजर रही हैं, तो बताई गई जानकारी का ध्यान रखें। साथ ही इसका इस्तेमाल कैसे, कब और कितनी मात्रा में करना है, इस बात का भी ख्याल रखें। हालांकि, हर महिला की शारीरिक स्थिति के हिसाब से उसके शरीर के लिए पोषक तत्वों की मात्रा अलग हो सकती है। इसलिए एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

References

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