check_iconFact Checked

गर्मियों में शिशु की देखभाल के लिए 20 जरूरी टिप्स | Baby Care In Summer In Hindi

गर्मियों का मौसम अपने साथ कई समस्याएं भी लेकर आता है। इस मौसम में जब बड़ों तक को स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है, तो बच्चों का ख्याल रखना उससे भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। विशेष रूप से छोटे बच्चों को गर्मी से बचाना बहुत जरूरी है, क्योंकि वो अपनी समस्या को बताने में असमर्थ होते हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में जानिए कि छोटे बच्चों की देखभाल गर्मियों के दौरान कैसे करें। इस लेख में शामिल 20 टिप्स गर्मियों के दौरान बच्चों को स्वस्थ और खुशहाल रखने में मदद कर सकते हैं।

आइए, जानते हैं गर्मियों के लिए आवश्यक 20 बेबी केयर टिप्स।

गर्मियों के लिए 20 आवश्यक बेबी केयर टिप्स | Baby Care Tips In Summer In Hindi

1. सही कपड़े : गर्मियों के दौरान बच्चों के शरीर को ठंडा और हवादार रखना जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले उनके कपड़ों पर ध्यान देना चाहिए। गर्मी के मौसम में बच्चों को हमेशा सूती (कॉटन) और ढीले कपड़े पहनाना सही रहता है। सूती कपड़े शरीर के भीतर के तापमान को बाहर जाने देते हैं, जिससे तापमान सामान्य बना रहता है। सूती कपड़े बच्चे को ओवर हीट (अधिक गर्म शरीर) होने से बचा सकते हैं। इससे त्वचा रोग से बच्चे को बचाने में भी मदद मिलती है (1)

घर के अंदर बच्चों को आधी बाजू या बिना बाजू के कपड़े पहनाना सही है। घर के बाहर मच्छरों और धूप से बचाने के लिए पूरी बाजू के हल्के कपड़े पहनाएं। इसके अलावा, गर्मियों में बच्चों को हल्के रंग के कपड़े पहनाएं, क्योंकि गहरे रंग ज्यादा तापमान अवशोषित करते हैं, जिससे ज्यादा गर्मी लगती है (2)

2. बच्चों को हाइड्रेट रखें : शरीर को डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी से बचाने के लिए छह महीने से अधिक आयु वाले बच्चों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। इसका कारण यह है कि छोटे बच्चों की पानी की जरूरत बड़ों से अलग होती है। इसके कई कारण हैं, जैसे बच्चों के शरीर में पानी का प्रतिशत और उसका बाहर निकलना, दोनों ज्यादा होते हैं। साथ ही छोटे बच्चे अपनी प्यास को जाहिर नहीं कर पाते। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर बच्चों को तरल पदार्थ देने चाहिए (3)। बच्चों को उम्र और स्वास्थ्य के हिसाब दिन में कितने पानी या तरल पदार्थ की जरूरत है, इसकी सलाह डॉक्टर से लें।

3. बच्चों का आहार : गर्मियों के दौरान बच्चों के आहार का ध्यान रखना भी जरूरी है, जो इस प्रकार है।

  • बच्चों का खाना तैयार करते समय साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. बच्चों को बना बनाया आहार दें या उसे घर पर तैयार करें उसकी गुणवत्ता इस बात पर निर्भर करती है कि भोजन कितनी साफ सफाई से तैयार किया गया है (4)
  • बाहर खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थ (स्ट्रीट फूड) बच्चों को न दें, क्योंकि इन्हें तैयार करने में साफ- सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है (5)
  • बच्चों को खाना देते समय पहले खुद उसकी गुणवत्ता जांच लें, क्योंकि गर्मियों में खाद्य पदार्थ जल्दी खराब हो सकते हैं (6)
  • बच्चों के टिफिन और बोतल आदि स्टील के होने चाहिए, क्योंकि प्लास्टिक के बर्तन इस्तेमाल करने के अपने अलग नुकसान हैं (7)

मौसम चाहे जैसा हो, बच्चों को आहार देते समय कुछ बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए, जैसे (8):

  • बच्चों के भोजन में विटामिन और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होने चाहिए।
  • बच्चों को उतना ही भोजन दें, जितनी उसे भूख हो यानी उसे जबरदस्ती न खिलाएं।
  • खाद्य पदार्थ के साथ-साथ बच्चों को पूरक खाद्य पदार्थो (हेल्थ सप्लीमेंट) की जरूरत हो सकती है, इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें।
  • उच्च कैलोरी, उच्च वसा, मीठे और नमकीन, इन चार प्रकार के खाद्य पदार्थों को सही मात्रा में बांटना और दिनभर के भोजन में मिलाजुला कर देना उचित हो सकता है।
  • अधिक मीठे भोजन बच्चों के दांतों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। गर्मियों में मिलने वाले फल जैसे कि आम तरबूज ज्यादा मात्रा में दे।

4. घर के अंदर रहें : गर्मियों के मौसम में तेज धूप और बढ़े हुए तापमान से शिशु को बचाने के लिए उसे घर से बाहर न ले जाएं। अगर शाम को व रात को भी गर्मी ज्यादा है, तो भी उसे बाहर ले जाने से बचें।

5. टैल्कम पाउडर : गर्मियों के दौरान बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए टैल्कम पाउडर काफी मददगार साबित हो सकते हैं। ये न सिर्फ कपड़ों की रगड़ से सुरक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि त्वचा को सौम्य बनाने में भी सहायक हो सकते हैं। अपने बच्चों के लिए टैल्कम पाउडर खरीदने से पहले बाल चिकित्सक से सलाह लें। कॉस्मेटिक टैल्कम पाउडर हानिकारक रसायन से बने हो सकते हैं, जो बच्चों की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। टैल्कम पाउडर का प्रयोग बच्चों के लिए  लाभकारी हो, इसके लिए हर्बल और एंटीबैक्टीरियल प्रोडक्ट का चुनाव बेहतर हो सकता है।

बच्चों को पाउडर लगाते समय विशेष सावधानी बरतें। बच्चे सांस के साथ टैल्कम पाउडर के कण अंदर खींच सकते हैं, जिससे उन्हें हानि हो सकती है (9)

6. मच्छरों से सुरक्षा : गर्मियों के दौरान मच्छर ज्यादा होते हैं, जिस कारण डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की आशंका बनी रहती है। इन सभी से बचने के लिए बच्चों को मच्छरों से बचाना भी जरूरी है। इसके लिए मच्छरदानी का प्रयोग करना सबसे बेहतर विकल्प है। घर से बाहर जाते समय मच्छररोधी लोशन (Mosquito repellents) इस्तेमाल कर सकते हैं।

एक शोध के अनुसार, सिट्रोडिओल (पीएमडी), डीईईटी, इकारिडी (KB3023), आईआरआर 35 नामक रसायन से बने मच्छररोधी लोशन का इस्तेमाल बच्चों के लिए किया जा सकता है (10)

7. रोजाना नहलाएं : गर्मी से निजात पाने और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए बच्चों को रोज नहलाना भी जरूरी है। वैज्ञानिक शोध भी यह कहते हैं कि पानी और साबुन का उपयोग बैक्टीरिया के साथ-साथ पसीने और धूल जैसी गंदगी को दूर कर सकता है। बच्चों को रोजाना नहलाने से त्वचा रोग का जोखिम भी कम हो सकता है (11)। अगर आप बच्चों को ठंडक पहुंचाने के लिहाज से उसे एक से ज्यादा बार नहलाते हैं, तो बार-बार साबुन का इस्तेमाल न करें। अधिक साबुन का इस्तेमाल बच्चों की नाजुक त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है।

8. गर्मियों में डायपर : अगर बच्चों के लिए डायपर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसे ज्यादा देर तक गीला न छोड़े। गर्मियों के दौरान बच्चों के जननांगों में और उसके आसपास डायपर रैशेज की समस्या हो सकती है (12)। ऐसे में कुछ समय के लिए बच्चों को सूती लंगोट पहनाएं और डॉक्टर द्वारा बताई गई एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, दिन में कम से कम एक बार शिशु को बिना डायपर व लंगोट के रहने दें। इससे शिशु की त्वचा पर प्राकृतिक नमी बनी रहेगी।

9. गर्मियों में मालिश : गर्मियों के दौरान बच्चों की मालिश करने के बाद उसे अच्छे से नहलाएं। बच्चों की त्वचा से तेल पूरी तरह साफ करना जरूरी है। त्वचा पर तेल रहने से उस पर धूल-मिट्टी चिपक कर गंदगी का कारण बन सकते हैं।

10. बच्चों के लिए कमरे का तापमान : सोते समय बच्चों को हल्की-सी गर्माहट चाहिए, लेकिन ज्यादा गर्मीं बच्चों के लिए ठीक नहीं है। बच्चे के लिए अगर पंखा इस्तेमाल करते हैं, तो ध्यान रखें कि पंखे की हवा उन पर सीधी न आ रही हो। अगर कमरे में एसी हो, तो कमरे का तापमान सामान्य रखें। कमरे का तापमान 18 से 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास स्थिर रखा जा सकता है (13)

11. धूप के चश्मे का प्रयोग :  3 साल से ऊपर के बच्चों के लिए धूप के चश्मे का इस्तेमाल भी आमतौर पर किया जाता है। अगर आप भी अपने बच्चे के लिए धूप का चश्मा इस्तेमाल करते हैं,  तो चश्मा विश्वसनीय और ब्रांडेड दुकान से ही खरीदें। धूप से आंखों को बचाने के लिए खिलौनों की दुकान पर मिलने वाले सस्ते रंगीन चश्में प्रभावी नहीं होते हैं। आंखों को धूप से बचाने के लिए कैप का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा होता है (14)

12. बच्चों को कैप लगाएं : बच्चों को धूप में ले जाते समय कैप लगा सकते हैं। ध्यान रखें कि कैप में टाइट इलास्टिक न हो। कैप सुविधाजनक होनी चाहिए।

13. घमौरिया से बचाव : गर्मीं के दौरान अक्सर बच्चों की त्वचा पर छोटे-छोटे दाने दिखाई देने लगते हैं। इन्हें आम भाषा में घमौरिया कहते हैं। अधिक पसीने के कारण इस तरह की समस्या पैदा होती है। इसमें जलन और खुजली हो सकती, जिससे बच्चे परेशान रहते हैं। घमौरिया से आराम पाने के लिए सूती कपड़ों का प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए कुछ घरेलू उपचार किए जा सकते हैं, जैसे ओटमील स्नान, एलोवेरा जेल की कोमल मालिश, बेकिंग सोडा, चंदन पाउडर या मुल्तानी मिट्टी का लेप। नीम के पत्तों को पानी में उबालकर इसके पानी से बच्चों को नहलाना भी घमौरियों से राहत दे सकता है। स्थिति अगर गंभीर हो, तो बच्चे को डॉक्टर को दिखाना जरूरी हैं, क्योंकि इससे बच्चे को असुविधा महसूस हो सकती है (15) (16)

14. बच्चे को गाड़ी में न छोड़ें : शिशु को कभी गाड़ी में न छोड़ें चाहे मौसम सर्दियों का हो या गर्मीं का। यहां तक ​​कि एयर कंडीशनर चलाने पर भी यह बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। बच्चे को थोड़ी से देर के लिए भी बंद गाड़ी में छोड़ना हीटस्ट्रोक, डिहाइड्रेशन या मृत्यु के उच्च जोखिम में डाल सकता है। खासकर, गर्मियों में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए (17)

15. सूरज से बचाव (सन प्रोटेक्शन) : सूरज की हानिकारक किरणों से बचाव भी जरूरी है। विशेष रूप से 4 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों पर बाहर धूप में जाने से रोक लगाना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, पराबैंगनी (यूवी) किरणों से सुरक्षा के लिए spf (सन प्रोटेक्शन फैक्टर) 15 और यूवीए (पराबैंगनी ए) और यूवीबी (पराबैंगनी बी) से सुरक्षा देने वाले सनस्क्रीन लोशन का प्रयोग किया जा सकता है (18)

16. अगर बच्चों को पसीना आए : अगर बच्चे को पसीना आ रहा हो, तो उसे तुरंत ठंडे वातावरण में लाने का प्रयास न करें। शरीर के तापमान को सामान्य होने दें। पसीना पोंछने के लिए मुलायम तौलिया या रूमाल का प्रयोग करें।

17. आइसक्रीम और कोल्डड्रिंक : छोटे बच्चों को ठंडक देने के लिए आइसक्रीम और कोल्डड्रिंक का प्रयोग न करें। इनमें अधिक मात्रा में शुगर होती है, जो दांतों को खराब करने के साथ-साथ कई बीमारियों का कारण बन सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों को इस तरह के पदार्थों से दूर रखना चाहिए (19) अगर आप बच्चों को ठंडे तरल पदार्थ देना चाहते हैं, तो उन्हें घर में ही बनाकर दें। वहीं, छह माह से छोटे बच्चों को मां का दूध ही पर्याप्त होता है। उन्हें अतिरिक्त तरल पदार्थ न दें (20)

18. गर्मियों के लिए हेयर कट : बच्चे को गर्मी से बचाने के लिए उसके बाल छोटे रखना भी एक कारगर उपाय हो सकता है। अगर किसी कारणवश बाल छोटे नहीं कराए जा सकते हैं, तो उनको बांध कर रखना सही हो सकता है।

19. गर्मियों में बच्चों का बिस्तर : गर्मियों में बच्चों का बिस्तर हल्का रखें। बहुत अधिक गरम गद्दों का प्रयोग न करें। उस पर सूती चादर बिछाएं। समय-समय पर बिस्तर को धोते रहें।

20. गर्मी में स्वास्थ्य का ध्यान रखें : गर्मियों के दौरान कई प्रकार की बीमारियां फैलती हैं। अगर बच्चों को गर्मी के कारण होने वाली बीमारी के निम्न लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें (21)

लू लगने (हीट स्ट्रोक) के लक्षण :

  • शरीर का उच्च तापमान (103°F या इससे अधिक)
  • गर्म, लाल, सूखी त्वचा
  • धड़कन तेज होना
  • जी मिचलाना
  • उलझन या झुंझलाहट
  • बेहोशी

सन बर्न या धूप में झुलसने के लक्षण :

  • त्वचा का लाल होकर जलन होना
  • त्वचा पर फफोले पड़ना

इस लेख में आपने जाना कि कैसे छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर छोटे बच्चों को गर्मी के दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है। ऊपर दिए गए सारे उपाय बच्चों को गर्मियों के दौरान ठंडा और स्वस्थ रहने में मददगार साबित ही सकते हैं। गर्मियों के दौरान इन्हीं बातों का ध्यान रखते हुए अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल दें। अगर आपको महसूस हो कि बच्चे को कुछ ज्यादा असुविधा हो रही है या उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।

References

MomJunction's articles are written after analyzing the research works of expert authors and institutions. Our references consist of resources established by authorities in their respective fields. You can learn more about the authenticity of the information we present in our editorial policy.

1. Skin care for your baby by NCBI
2. European Cloth and “Tropical” Skin by NCBI
3. Water and Electrolytes by NCBI
4. Traditional Foods vs. Manufactured Baby Foods by NCBI
5. Prevention and Self-Treatment of Traveler’s Diarrhea by NCBI
6. Environmental Temperatures and the Incidence of Food Poisoning in England and Wales  by NCBI
7. Public health impact of plastics: An overview  by NCBI
8. The Feeding Infants and Toddlers Study (FITS) 2016: Moving Forward by NCBI
9. Massive aspiration of talcum powder by an infant by NCBI
10. Prevention With Repellent in Children by NCBI
11. Effect of bathing on atopic dermatitis during the summer season by NCBI
12. Diaper rash by MedlinePlus
13. Safe Infant Sleep by British Columbia
14. Protection from Ultraviolet Radiation during Childhood: The Parental Perspective in Bavaria by NCBI
15. Miliaria by NCBI
16. Research Journal of Pharmaceutical, Biological and Chemical Sciences by College of Pharmacy, Chitkara University
17. Hot weather and child safety by Victoria State government
18. Make Summer Safe for Kids by CDC
19. The effectiveness of the food and beverage industry’s self-established uniform nutrition criteria at improving the healthfulness of food advertising viewed by Canadian children on television by NCBI
20. INTENSIFIED DIARRHOEA CONTROL FORTNIGHT Tool Kit by National Health Mission
21. Warning Signs and Symptoms of Heat-Related Illness by CDC

Was this article helpful?
thumbsupthumbsdown
The following two tabs change content below.