- क्या गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द होना सामान्य है?
- गर्भावस्था के दौरान पेट दर्द के विभिन्न प्रकार
- गर्भावस्था में पेट दर्द के सामान्य कारण
- गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द होना कब चिंता का विषय बन सकता है?
- प्रेग्नेंसी में पेट में होने वाले दर्द का इलाज
- गर्भावस्था में पेट में दर्द होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए
- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
जैसे ही कोई महिला गर्भवती होती है, उसमें कई तरह के शारीरिक बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। इन बदलावों के साथ-साथ उसे कई तरह की शारीरिक परेशानियों से भी गुज़रना पड़ता है। इन्हीं परेशानियों में से एक है गर्भावस्था के दौरान होने वाला पेट दर्द, जिससे अमूमन हर गर्भवती महिला परेशान रहती है। वह अक्सर इसकी शिकायत अपने डॉक्टर से शिकायत करती हैं और इलाज भी कराती हैं।
इसके अलावा, कई महिलाएं तो गर्भावस्था में होने वाले पेट दर्द की वजह से अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती हैं। यह समस्या गर्भावस्था में होती रहती है, इसलिए हम मॉमजंक्शन के इस लेख में गर्भावस्था में पेट दर्द के विषय पर विस्तार बात करेंगे।
क्या गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द होना सामान्य है? | Pregnancy Me Pet Me Dard
गर्भावस्था में पेट दर्द होना सामान्य है। पहली तिमाही, दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही में पेट दर्द व ऐंठन की समस्या गर्भवती को बनी रहती है, लेकिन हर तिमाही के दौरान होने वाले पेट दर्द के पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं। जहां पहली तिमाही में कब्ज़ व रक्त प्रवाह की तेजी से पेट में दर्द हो सकता है तो वहीं दूसरी और तीसरी तिमाही में ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन और खिंचाव के कारण पेट में दर्द हो सकता है।
अगर आपकी गर्भावस्था स्वस्थ चल रही है तो पेट में दर्द, मरोड़, ऐंठन होना सामान्य होता है, लेकिन अगर यह दर्द तीव्र और असहनीय हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
आइए अब जानते हैं, पेट में कितने प्रकार के दर्द हो सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान पेट दर्द के विभिन्न प्रकार
गर्भावस्था के दौरान आपको पेट में कई जगह दर्द हो सकता है। कभी यह दर्द तेज़ हो सकता है, तो कभी हल्का। कभी-कभी शरीर में मौजूद अंगों का दबाव भी पेट दर्द का कारण बन सकता है। नीचे हम पेट दर्द के इन्हीं प्रकारों के बारे में बता रहे हैं। :
पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द ( pregnancy me pet ke upari hisse me dard ) : यह पसलियों के निचले हिस्से और नाभि के बीच में होने वाला दर्द हो सकता है।
पेट के ऊपरी हिस्से के बाईं ओर दर्द : यह पसलियों के निचले हिस्से और नाभि के बीच में होने वाला दर्द होता है, जैसे प्लीहा, पैनक्रिया का अंतिम भाग, बाईं ओर की निचली पसलियां, बाएं गुर्दे, बड़ी आंत व पेट का एक हिस्सा आदि।
पेट के ऊपरी हिस्से के दाईं ओर दर्द : यह दाएं निप्पल से नाभि तक होने वाला दर्द होता है। इस ओर लिवर, फेफडे़ का निचला भाग, किडनी जैसे अंग होते हैं, इस वजह से कभी-कभी यह दर्द हो सकता है।
पेट के निचले हिस्से में दर्द ( pregnancy me pet ke nichle hisse me dard ): यह नाभि से नीचे की ओर होने वाला दर्द है। यह दर्द किसी चिकित्सीय समस्या के चलते हो सकता है।
पेट के निचले हिस्से के बाईं ओर दर्द : यह निचले दाईं ओर के दर्द से ज्यादा आम है। इसका कारण किडनी का निचला हिस्सा, गर्भाशय, अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब व मूत्राशय की बनावट हो सकती हैं।
पेट के निचले हिस्से के दाईं ओर दर्द : यह पेट के निचले दाएं भाग में होना वाला दर्द हो सकता है। यह दर्द हल्का भी हो सकता है और तेज़ भी। यह दर्द कभी-कभी बाईं ओर या पीछे की ओर भी फैल सकता है।
आइए, अब नज़र डालते हैं गर्भावस्था में पेट दर्द के कुछ सामान्य कारणों पर।
गर्भावस्था में पेट दर्द के सामान्य कारण | Pregnancy Me Pet Dard Kyu Hota Hai
गर्भावस्था में यकीनन पेट दर्द की समस्या काफी परेशान करती है। ऐसे में इसके पीछे के कारणों के बारे में जानना ज़रूरी है।
गोल अस्थिबंध दर्द : गर्भावस्था में जैसे-जैसे गर्भाशय बढ़ता है, गोल अस्तिबंध यानी लिगामेंट में खिंचाव पड़ने लगता है। यह ज्यादातर दूसरी तिमाही में होता है। अमूमन, हिलने-डुलने पर यह दर्द तेज़ हो सकता है (1), लेकिन दर्द असहनीय हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
गैस और कब्ज़ : गर्भावस्था में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन बढ़ने से पाचन तंत्र कमज़ोर होने लगता है, जिस कारण गैस और कब्ज़ की समस्या हो सकती है। इसके चलते भी पेट दर्द होता है। इससे राहत पाने के लिए आपको फाइबर युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए (2)।
ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन : यह ज्यादातर दूसरी और तीसरी तिमाही में होता है, जिसके चलते पेट में संकुचन जैसा महसूस होता है। यह संकुचन 30 सेकंड से लेकर एक मिनट तक का हो सकता है (3)।
बढ़ता गर्भाशय : गर्भावस्था के दौरान बढ़ता गर्भाशय भी पेट दर्द का कारण बन सकता है। इस कारण जी-मिचलाना जैसी समस्या भी हो सकती है (4)।
ऑर्गेज़्म के दौरान दर्द : गर्भावस्था में सहवास के दौरान ऑर्गेज़्म तक पहुंचने के कारण भी पेट दर्द की समस्या हो सकती है। हालांकि यह चिंता का विषय नहीं है, इस दौरान काफी हल्का दर्द महसूस होता है।
इसके अलावा, गुर्दे की पथरी, पेट के वायरस, गर्भाशय फाइब्रॉइड या फिर किसी तरह के भोजन से संवेदनशीलता के चलते भी पेट में दर्द हो सकता है।
गर्भावस्था में पेट दर्द के गंभीर कारण
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी : इस अवस्था में भ्रूण गर्भाशय की जगह फैलोपियन ट्यूब से जुड़ जाता है (5)। जिन महिलाओं में ऐसा होता है, उन्हें अक्सर पेट में दर्द होता है।
मूत्रमार्ग में संक्रमण : गर्भावस्था में मूत्रमार्ग में संक्रमण यानी यूटीआई भी पेट दर्द का कारण हो सकता है। ऐसे में पेशाब के दौरान जलन या फिर जी-मिचलाना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं (6)।
अपेंडिसाइटिस : गर्भावस्था के दौरान अपेंडिसाइटिस एक गंभीर स्थिति है। इसका निदान करना भी मुश्किल होता है। भूख की कमी, मितली व पेट दर्द इसके लक्षण हो सकते हैं (7)।
समय पूर्व प्रसव के लक्षण : अगर गर्भावस्था के 37वें सप्ताह से पहले संकुचन शुरू हो जाए, तो यह समय पूर्व प्रसव पीड़ा का लक्षण हो सकता है। यह संकुचन एक घंटे में चार या पांच बार से ज्यादा हो सकता है। इस दौरान आपको पेट में दर्द (मासिक धर्म जैसा दर्द), योनि से रक्तस्राव जैसा महसूस हो सकता है (8)। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
पित्ताशय में पथरी : वहीं, जिन गर्भवती महिलाओं को पित्ताशय में पथरी होती है, उन्हें भी पेट दर्द की समस्या बनी रहती है।
गर्भपात : गर्भावस्था में 20वें सप्ताह से पहले भ्रूण की मृत्यु को गर्भपात कहा जाता है। इस दौरान, योनि से रक्तस्राव हो सकता है, जिस कारण कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक पेट दर्द की समस्या हो सकती है। ज्यादातर गर्भपात पहली तिमाही में होता है, लेकिन किन्हीं विशेष कारणों से दूसरी तिमाही में भी गर्भपात हो सकता है (9)।
प्रीक्लेम्पसिया : गर्भावस्था की दूसरी तिमाही मे प्रीक्लेम्पसिया हो सकता है। यह उच्च रक्तचाप और यूरिन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने के कारण होता है। प्रीक्लेम्पसिया होने पर गर्भ में पल रहे शिशु तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन व रक्त नहीं पहुंचता है । ऐसा होने पर पेट में दर्द, तेज़ सिर दर्द, सांस लेने में परेशानी व चेहरे पर सूजन जैसे लक्षण नज़र आ सकते हैं (10)।
प्लेसेंटा का टूटना : प्लेसेंटा एक जीवनदायनी थैली होती है, जो शिशु की रक्षा करती है। जब यह थैली गर्भाशय से हटने लगती है, तब पेट दर्द होता है। ऐसा ज्यादातर तीसरी तिमाही में होता है। कभी-कभी इस परिस्थिति में डॉक्टर को गर्भवती की तुरंत सिज़ेरियन डिलीवरी करने का फैसला लेना पड़ता है। ऐसा अमूमन उच्च रक्तचाप या फिर प्लेसेंटल अब्रप्शन के कारण होता है (11)।
आइए, अब पता करते हैं कि गर्भावस्था में पेट दर्द कब परेशानी का सबब बनता है।
गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द होना कब चिंता का विषय बन सकता है?
यहां हम हर तिमाही के हिसाब से बताएंगे कि कब यह चिंता का विषय बन सकता है। इन स्थितियों में आपको ज्यादा देरी न करते हुए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए :
1. पहली तिमाही
- गर्भपात : गर्भावस्था की शुरुआत में गर्भपात होना आम है। अगर आपको गर्भावस्था के शुरुआती सप्ताहों के दौरान पेट में तेज़ दर्द व मरोड़ जैसी समस्या हो, तो यह गर्भपात का लक्षण हो सकता है। आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- अस्थानिक गर्भावस्था : गर्भाशय के बाहर विकसित हुई गर्भावस्था को अस्थानिक गर्भावस्था यानी एक्टोपीक प्रेग्नेंसी कहते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें पेट दर्द ज़ोर से होता है। यह एक तरफ से शुरू होकर पूरे पेट में फैल जाता है। ऐसे में आपको जल्द से जल्द इसका उपचार करवाना चाहिए (5)।
2. दूसरी तिमाही
दूसरी तिमाही में थोड़ा बहुत पेट दर्द होना चिंता का विषय नहीं होता। इस तिमाही में गर्भपात का खतरा कम होता है, लेकिन आशंका बनी रहती है। अगर 12वें सप्ताह से लेकर 24वें सप्ताह के बीच पेट में तेज़ मरोड़ के साथ ब्लीडिंग हो, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए (12)।
3. तीसरी तिमाही
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में पेट दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहला तो यह कि अब प्रसव का समय नज़दीक आ रहा है, जिस कारण शरीर लचीला हो रहा है। इसके अलावा, इस दौरान सबसे बड़ा चिंता का कारण होता है समय पूर्व प्रसव होना। अगर गर्भवती का समय पूर्व प्रसव होने वाला हो, तो इस दौरान पेट के निचले हिस्से में तेज़ दर्द, पेट में हल्के मरोड़ और दस्त हो सकते हैं। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
चलिए, अब नज़र डालते हैं कि प्रेग्नेंसी में पेट दर्द से राहत पाने के लिए क्या इलाज है।
प्रेग्नेंसी में पेट में होने वाले दर्द का इलाज | Pregnancy Me Pet Dard Ka Ilaj
गर्भावस्था में पेट दर्द होने पर आपको एहतियात बरतने की ज़रूरत है। इस दौरान, हल्का दर्द होना सामान्य है, जो चिंता का विषय नहीं होता। वहीं, अगर यह दर्द आपको बहुत देर से और तेज़ हो रहा हो, तो लापरवाही न बरतते हुए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। फिलहाल, नीचे हम इस दर्द से राहत पाने के लिए कुछ टिप्स बता रहे हैं, जो गर्भवती के काम आ सकते हैं :
- आपको पेट के जिस हिस्से में दर्द हो रहा है, वहां गर्म पानी की बोतल रखकर सिकाई करने से आराम मिल सकता है। ध्यान रहे कि यह पानी खौलता हुआ न हो।
- जैसा कि हमने बताया गैस और कब्ज़ पेट दर्द का कारण हो सकते हैं। इसलिए, इनसे राहत पाने के लिए आप फाइबर युक्त खाना खाएं (2)।
- खुद को थकाएं नहीं, जितना हो सके आराम करें। आराम करने से पेट दर्द में राहत मिलेगी।
- ऐसा कोई भी खाद्य पदार्थ न खाएं, जिससे पेट में गैस बने, जैसे गोभी, भिंडी, बीन्स, आलू आदि (13)।
- दिन भर में लगभग आठ से दस ग्लास पानी पिएं और फलों के रस का सेवन करें।
- एक बार में इकट्ठा भोजन न करके धीरे-धीरे चार से पांच बार भोजन करें। इससे आपको पचाने में आसानी रहेगी।
इलाज के बारे में जानने के बाद आइए, नज़र डालते हैं कि आपको डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए।
गर्भावस्था में पेट में दर्द होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए
अगर आपको गर्भावस्था के दौरान पेट में तेज़ दर्द होता है, तो डॉक्टर से संपर्क करने में देर न करें। नीचे दिए गए लक्षणों में से अगर एक भी आपको दिखाई दे, तों डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें :
- अगर पहली तिमाही में तेज़ पेट दर्द के साथ ब्लीडिंग या स्पॉटिंग नज़र आए।
- पेट दर्द के साथ जी-मिलाने या चक्कर आने पर।
- हाथ-पैरों में सूजन बढ़ जाने पर।
- पेशाब करते समय जलन या दर्द महसूस होने पर।
- बुखार जैसा महसूस होने पर या बेमौसम ठंड लगने पर।
- एक घंटे में चार बार से ज्यादा संकुचन होने पर। यह समय से पहले प्रसव का लक्षण हो सकता है।
जैसा कि हमने बताया गर्भावस्था में पेट दर्द होना सामान्य है, जिसके लिए आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। फिर भी सावधानी बरतना बेहतर होता है। इसलिए, आप इस दर्द के बारे में समय-समय पर अपने डॉक्टर से चर्चा करते रहें, ताकि डॉक्टर समय रहते समस्या को पकड़ लें और सही इलाज कर सके।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :
क्या मुझे गर्भावस्था के दौरान किसी अन्य कारण से पेट दर्द हो सकता है?
हां, गर्भावस्था के दौरान कई तरह के पेट दर्द सामान्य होते है, जैसे – पेट फूलने के कारण पेट दर्द, ब्रेक्सट हिक्स संकुचन के कारण पेट दर्द, गैस और कब्ज़ के कारण होने वाला दर्द। अमूमन इस तरह के दर्द चिंता का विषय नहीं होते, लेकिन दर्द तेज़ हो और असहनीय हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
मैं क्या करूं अगर मुझे तबीयत खराब लगे और पेट दर्द भी हो?
ज़रूरी नहीं कि आपको पेट दर्द गर्भावस्था के कारण ही हो। इसके पीछे अपेंडिसाइटिस, गुर्दे की पथरी, यूटीआई, ओवेरियन सिस्ट, गैस व कब्ज़ जैसी समस्या भी हो सकती है। ऐसे में सबसे पहले पेट दर्द के कारणों का पता लगाना ज़रूरी है। तबीयत ठीक महसूस न होने पर भी डॉक्टर से चेकअप करवाना ज़रूरी है, क्योंकि गर्भावस्था में किसी भी बात को हल्के में नहीं लिया जा सकता। डॉक्टर तबीयत खराब लगने और पेट दर्द के कारणों की जांच कर उचित उपचार करेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस लेख में गर्भावस्था के दौरान होने वाले पेट दर्द से संबंधित ज़रूरी बातें पता चल गई होंगी। अगर फिर भी इससे संबंधित आपको कुछ और जानकारी चाहिए, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते हैं। इसके अलावा, यह लेख उन सभी परिचित महिलाओं के साथ शेयर करना न भूलें, जो गर्भावस्था के दौरान अक्सर पेट दर्द से परेशान रहती हैं।
अगर आपको गर्भावस्था में पेट दर्द की परेशानी रहती है, तो हमें बताएं कि इससे राहत पाने के लिए आप क्या उपाय करती हैं, ताकि आपकी दी गई जानकारी का लाभ अन्य गर्भवती महिलाएं भी उठा सकें।
संदर्भ (References) :
2. Management of common symptoms of pregnancy By Ncbi
3. Braxton Hicks Contractions Ncbi
4. Body changes and discomforts By Women’s health
5. Ectopic pregnancy By Medline Plus
6. Clinical Guideline Urinary Tract Infections in Pregnancy By SA Health
7. Can patients with appendicitis in pregnancy be operated in secondary hospital: A retrospective study By Degi park
8. Preterm labor By Medline Plus
9. Miscarriage – threatened By Medline plus
10. Abdominal pain and preeclampsia: sonographic findings in the maternal liver By Ncbi
11. Risk factors of placental abruption By Ncbi
12. Medical treatment of second-trimester fetal miscarriage; A retrospective analysis By Ncbi
13. Tips on Controlling Gas By International foundation of gastrointestinal disorders