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गर्भावस्था में बार-बार पेशाब आना | Pregnancy Me Bar Bar Urine Aana

क्या आप गर्भवती हैं और सामान्य से ज्यादा समय बाथरूम में बिताती हैं (खासकर रात को)? क्या आपको ऑफिस की मीटिंग के दौरान भी पेशाब पर नियंत्रण रखने में समस्या हो रही है? अगर ऐसा है, तो घबराइए नहीं। गर्भावस्था के दौरान महिला कई तरह के शारीरिक बदलाव से गुजरती है और ऐसे में बार-बार पेशाब आना भी सामान्य है। इस दौरान बस कुछ सावधानियां बरतने से आपको इस समस्या से आराम मिल सकता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान बार-बार पेशाब आने की समस्या पर ही चर्चा करेंगे। साथ ही हम इस समस्या से जुड़े कुछ घरेलू उपचार के बारे में भी आपको बताएंगे।

आइए, पहले यह जानते हैं कि बार-बार पेशाब आने का मतलब क्या है।

In This Article

क्या बार-बार पेशाब आना गर्भावस्था का संकेत है?

हां, बार-बार पेशाब आना गर्भावस्था का संकेत हो सकता है। इस अवस्था में पेशाब को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है (1)। हालांकि, सबकी गर्भावस्था एक सामान नहीं होती है, इसलिए हो सकता है कि आपकी गर्भावस्था के लक्षण दूसरों से अलग हों।

गर्भावस्था के दौरान बार-बार पेशाब आने के कारणों के बारे में जानने के लिए लेख पढ़ते रहिए।

गर्भावस्था के दौरान बार-बार पेशाब आने का कारण क्या है? | Pregnancy Me Bar Bar Peshab Aana

गर्भावस्था में बार बार पेशाब आने के कई कारण हैं।

  • मूत्राशय पर दबाव : गर्भ में बढ़ रहा शिशु मूत्राशय (Bladder) पर दबाव बनाता है, जिसकी वजह से आप ज्यादा देर तक पेशाब पर नियंत्रण नहीं रख पातीं (2)। गर्भावस्था की पहली तिमाही के शुरुआती छह से आठ हफ्तों में यह समस्या आम है (3)
  • रक्त की मात्रा में वृद्धि: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव किडनी में रक्त संचार को बढ़ा देता है, जिससे किडनी में तरल पदार्थ (पेशाब बनाने) की मात्रा बढ़ जाती है। साथ ही इस अवस्था में ब्लड प्लाज्मा की मात्रा करीब 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है और पेशाब बार-बार आने लगता है (3)। गर्भावस्था में ये स्थितियां बार-बार पेशाब आने का कारण बनती हैं।
  • गर्भावधि मधुमेह: कुछ गर्भवती महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज यानी गर्भावधि मधुमेह का सामना करना पड़ता है। इससे भी बार-बार पेशाब आ सकता है। ऐसा अक्सर 24-28वें सप्ताह में होता है। इस दौरान महिला को ज्यादा पेशाब आता है और प्यास भी ज्यादा लगती है (4)
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन: यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (Urinary tract infections) यूरिनरी ट्रैक्ट में होने वाले संक्रमण को कहते हैं। इसमें चार भाग सम्मिलित होते हैं – किडनी, यूट्रस, मूत्राशय और युरेथरा (मूत्रमार्ग)। इसके अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं, जैसे बार-बार या ज्यादा बदबूदार पेशाब आना, पेशाब में जलन होना या अलग रंग का पेशाब आना। गर्भवती महिलाओं को यूटीआई का खतरा अधिक होता है, क्योंकि गर्भावस्था के हार्मोन मूत्र मार्ग में परिवर्तन का कारण बनते हैं। इससे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है (5)

लेख के अगले भाग में हम जानेंगे कि यह समस्या कब शुरू होती है।

गर्भावस्था के दौरान बार-बार पेशाब आने की समस्या कब शुरू होती है?

बार-बार पेशाब आना गर्भावस्था का आम लक्षण है। गर्भावस्था की पहली तिमाही में अक्सर ज्यादा पेशाब आने की समस्या, खासकर रात के समय शुरू हो जाती है (1)

आगे हम तीनों तिमाहियों में बार-बार पेशाब आने की समस्या को विस्तार से समझने का प्रयास करेंगे।

तिमाही दर तिमाही बार-बार पेशाब आने की समस्या

बार-बार पेशाब आने की समस्या गर्भावस्था की हर तिमाही में एक समान नहीं रहती। आइए, नीचे जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान इस समस्या में आने वाले बदलाव के बारे में।

पहली तिमाही

पहली तिमाही से ही यह समस्या शुरू हो जाती है। इस समय शरीर एक प्रकार का हार्मोन छोड़ता है, जिसका नाम है ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (human chorionic gonadotropin)। इसके चलते पेल्विक क्षेत्र में खून का बहाव बढ़ जाता है और बार-बार पेशाब आने की समस्या शुरू हो जाती है (6)। इस दौरान यह समस्या रात को अधिक परेशान करती है।

दूसरी तिमाही

गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में आपको इस समस्या से कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि, इस दौरान भी गर्भाशय के बड़े होने की प्रक्रिया जारी रहती है, जिसका दवाब मूत्राशय पर पड़ता है, लेकिन दबाव इतना नहीं होता कि बार-बार पेशाब जाने की जरूरत हो (7)

तीसरी तिमाही

तीसरी तिमाही में भ्रूण का आकार और बड़ा हो जाता है, जिससे मूत्राशय पर दबाव बढ़ने लगता है। इससे पेशाब को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। इस दौरान महिला को बार-बार पेशाब जाना पढ़ सकता है (7)

लेख के अगले भाग में आप इस समस्या से बचने के तरीके जानेंगे।

गर्भावस्था के दौरान आप रात में जल्दी-जल्दी पेशाब आने से कैसे बच सकते हैं?

गर्भावस्था के दौरान रात में बार-बार पेशाब आने की समस्या को नोक्टूरिया (nocturia) कहा जाता है। 80-95 प्रतिशत महिलाओं को यह समस्या होती है (8)। इससे बचने के लिए:

  • करवट लेकर सोने से शिशु का दबाव कम हो सकता है।
  • शाम के बाद पानी पीना कम करें, लेकिन ज्यादा नहीं, क्योंकि शिशु और मां को पानी की जरूरत है।
  • यूटीआई की जांच और इलाज कराएं।
  • रात के खाने के बाद कॉफी पीना भी नोक्टूरिया का कारण बन सकता है, इसलिए रात को कॉफी का सेवन न करें  (9)

बार-बार पेशाब आने के संबंध में और जानकारी के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।

गर्भावस्था के बाद बार-बार पेशाब की समस्या से राहत कब मिलेगी?

शिशु के जन्म के बाद इस समस्या से आपको राहत मिल सकती है। दरअसल, डिलीवरी के बाद पेल्विक टिश्यू धीरे-धीरे प्राकृतिक रूप से ठीक होने लगते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, नॉर्मल डिलीवरी में 60 प्रतिशत महिलाओं को डिलीवरी होने के दो महीने में राहत मिल जाती है (10) हालांकि, कुछ महिलाओं में पेल्विक टिश्यू पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाते, इसलिए उन्हें आगे चल कर इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, सी-सेक्शन के बाद शायद इस समस्या से जल्द राहत मिल सकती है, क्योंकि सीजेरियन के दौरान मांसपेशियों पर पड़ने वाला खिंचाव नॉर्मल डिलीवरी के तुलना में कम होता है (10)

गर्भावस्था के दौरान जल्दी-जल्दी पेशाब आने से निपटने के लिए जरूरी टिप्स

प्रेगनेंसी में बार-बार पेशाब आने की समस्या अपने आप भी ठीक हो सकती है, लेकिन कुछ घरेलू नुस्खे इस परेशानी को कम कर सकते हैं। नीचे जानिए गर्भावस्था के दौरान बार-बार पेशाब आने से निपटने के लिए कुछ निवारक युक्तियों के बारे में।

  • ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें, जो पेशाब को बढ़ाने को काम कर सकते हैं, जैसे कैफीन, शराब और चॉकलेट (9), (11)
  • क्रेनबेरी जूस पीने से आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से राहत मिल सकती है (12), लेकिन यह गर्भावस्था में कितना प्रभावी है इस पर अभी और रिसर्च होना बाकी है। इसलिए, आप क्रेनबेरी जूस पीने से पहले एक बार डॉक्टर से बात जरूर कर लें।
  • आप किगल अभ्यास (kegel exercises) कर सकती हैं। इससे पेल्विक मांसपेशियां मजबूत होंगी और बार-बार पेशाब आने की समस्या से राहत मिल सकेगी  (13)

अगले भाग में हम पाठकों के कुछ सवालों के जवाब दे रहे हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

छींकने या हंसने के दौरान अक्सर मेरा थोड़ा-सा मूत्र निकल जाता है। क्या गर्भावस्था के दौरान ऐसा होना सामान्य है?

जी हां, गर्भावस्था के दौरान, छींकने, खांसने या हंसने के दौरान मूत्र लीक हो जाना सामान्य बात है। इस दौरान मूत्राशय पर दबाव बढ़ने लगता है और मूत्र पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो जाता है (2)। इसे किगल एक्सरसाइज के जरिए ठीक किया जा सकता है।

क्या बार-बार पेशाब आना गर्भपात का संकेत हो सकता है?

हां, नॉर्मल डिलीवरी के कुछ मामलों में गर्भावस्था के दौरान बार-बार पेशाब आना गर्भपात का संकेत हो सकता है। वहीं, अगर पेशाब के साथ खून आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए  (14)

बेशक, गर्भावस्था एक नाजुक दौर होता है, लेकिन इस दौरान होने वाली समस्याओं को धैर्य और समझदारी के साथ ठीक किया जा सकता है। बार-बार पेशाब आने की समस्या भी उन्हीं में से एक है। इस लेख में बताए गए घरेलू उपचार आपके काम आ सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह पर ही। साथ ही अगर समस्या गंभीर नजर आए, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपकी जानकारी में कोई गर्भवती महिला है, तो उसके साथ इस आर्टिकल को जरूर शेयर करें।

References

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1. Pregnancy – signs and symptoms by Betterhealth
2. Body changes and discomforts by U.S Department of Health and Human Services
3. Signs and Symptoms of Pregnancy by SexInfo
4. Gestational Diabetes by Defeat Diabetes Foundation
5. Diagnosing Urinary Tract Infections in Adults by NYU Langone Health
6. What are some common signs of pregnancy by U.S Department of Health and Human Services
7. What Is Pregnancy Like by Department of Health, New York State
8. Management of Bladder Dysfunction and LUTs During Pregnancy by ResearchGate
9. Urinating more at night by MedlinePlus
10. Childbirth & Incontinence by UCLA Health
11. Chocolate poisoning by NCBI
12. An overview on urinary tract infections and effective natural remedies by Journal of Medicinal Plants Studies
13. Pregnancy by National Health Portal
14. Acute Urinary Retention During Pregnancy—A Nationwide Population-Based Cohort Study in Taiwan by NCBI

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